डिप्टी सीएम इस अभियान की करने गए थे शुरुआत, लोगों को जागरुक करने खुद से ही कर दी शुरुआत और खा ली दवा
रीवा जिले के तीन विकासखण्डों सिरमौर, जवा और त्योंथर में फाईलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से 23 फरवरी तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने अभियान का शुभारंभ किया। फाईलेरिया की दवा खाने में लोगों की हिचकिचाहट दूर करने के लिए उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने सबसे पहले स्वयं दवा खाई। उन्होंने कई लोगों को दवा खिलाकर अभियान में सहभागी बनाया।
उप मुख्यमंत्री ने स्वयं दवा खाकर किया फाईलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ
फाईलेरिया प्रभावित क्षेत्र में सभी को दवा अवश्य खिलाएं - उप मुख्यमंत्री
रीवा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि फाईलेरिया का प्रकोप जिले के तीन विकासखण्डों में है। यह मच्छर जनित रोग है जिसके कीटाणु रात में सक्रिय होते हैं। फाईलेरिया के कीटाणु एक बार शरीर में आने के बाद लंबे समय तक शरीर में बने रहते हैं। शरीर के कमजोर होने पर उनका प्रकोप होता है। वर्ष में एक बार तीन दवाएं खाकर फाईलेरिया पर पूरा नियंत्रण पाया जा सकता है। अभियान क्षेत्र के दो साल से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को फाईलेरिया की दवा अवश्य खिलाएं। आमजनता बूथ पर जाकर फाईलेरिया की दवा अवश्य खाए। एक बार दवा खाने से इसके प्रकोप से बचा जा सकता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अभियान की सघन मॉनीटरिंग करें जिससे इस अभियान के बाद जिले से फाईलेरिया का पूरी तरह से उन्मूलन हो जाए। श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में हम पीछे हैं इसमें सुधार के सभी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने चिकित्सकों से अपेक्षा की कि वह अपनी जिम्मेदारियों का बेहतर निर्वहन करें जिससे हमारा प्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी बन सके। इससे पूर्व क्षेत्रीय संचालक डॉ संजीव शुक्ला ने जिले में फाईलेरिया उन्मूलन अभियान के संचालन के बारे में जानकारी दी। डब्ल्यूएचओ के स्टेट क्वार्डिनेटर देवेन्द्र सिंह तोमर ने कार्यक्रम के विषय में बताया। कार्यक्रम में नगर निगम के अध्यक्ष व्यंकटेश पाण्डेय, कमिश्नर गोपालचन्द्र डाड, कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल, क्षेत्रीय संचालक डॉ संजीव शुक्ला, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएल नामदेव, डॉ बीएल मिश्रा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ बीके अग्निहोत्री, जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती स्मृता नामदेव तथा अन्य चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।