डिप्टी सीएम ने कहा 5 सालों में एमबीबीएस की 10 हजार सीटें प्रदेश में होगी, 1 करोड़ हेक्टेयर सिंचाई का रकबा पहुंचेगा

ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए पीएम मोदी ने एमबीबीएस की 75 हजार सीटें पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। मप्र में वर्तमान में 17 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। दो साल में 8 सरकारी और 13 पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। वर्तमान में 5 हजार एमबीबीएस की सीटें हैं। पांच सालों में यह 10 हजार तक पहुंच जाएंगी। सिंचाई का रकबा 5 लाख से 50 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया गया है। इसे पीएम मोदी के विजन वन ड्राप मोर क्रॉप विजन पर 1 करोड़ हेक्टेयर सिंचाई रकबा का लक्ष्य पूरा करना है।

डिप्टी सीएम ने पत्रवार्ता में एक साल की मोहन सरकार की गिनाई उपलब्धि
बोले गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने नई योजना बना रहे, अब डॉक्टरों की कालोनियां बसाकर उन्हें वहीं सुविधाएं देंगे
रीवा। उक्त बातें शनिवार को अटल कुंज में पत्रवार्ता के दौरान डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने मोहन सरकार के एक साल पूरे होने पर कही। उन्होंने कहा कि मोहन सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हुआ है। पिछले एक वर्षों में हम कह सकते हैं कि भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए पहले वर्ष जो करने की आवश्यकता थी। डॉ मोहन यादव की सरकार ने उससे अधिक काम करने की कोशिश की है। सिंचाई के लिए हमारा टारगेट 5 लाख हेक्टेयर से 50 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया है। आने वाले 5 वर्षों में 1 करोड़ हेक्टेयर तक इसे पहुंचाना है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 25 दिसम्बर को स्वय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छतरपुर आएंगे और केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास करेंगे। 17 दिसम्बर को जयपुर में पार्वती चंबल लिंक जल परियोजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुरू करने जा रहे हैं। जिससे प्रदेश के 15 लाख हेक्टेयर तक पानी पहुंचेगा। वहीं प्रदेश के 21 जिलों को पर्याप्त पानी मिलेगा। डिप्टी सीएम श्री शुक्ल ने सीएम ने मऊगंज में 5 हजार करोड़ की परियोजना की शुरुआत की है। इससे मऊगंज को 66, सीधी को 26 तथा सिंगरौली को 26 फीसदी पानी की प्राप्ति होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शदाब्दी वर्ष चल रहा है। उनकी सोच थी कि नदी से नदी को जोड़कर सिंचाई का रकबा बढ़ाया जा सकता है। उसे ही पूरा करने का काम चल रहा है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि विंध्य में पर्यटन को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। एयरपोर्ट से कई जिले आपस में जुड़ गए हैं। पर्यटन के क्षेत्र में इससे बढ़ावा मिलेगा। बाण सागर के टापू सिरसी रिसोर्ट शुरू किया गया है। इसमें 10 कमरे, लाइब्रेरी, जिम आदि बने हैं। यहां 50 कमरे और बनाए जाएंगे। जो लोग गोवा आदि जाते थे। उन्हें अब इस टापू में जानकर गोवा जैसा लुत्फ मिलेगा। शादी, पार्टी आदि कर सकेंगे।
डिप्टी सीएम ने कहा कि पर्यटन को लेकर शानदार हाइवे बनाया जा रहा है। भोपाल से सागर होकर कानपुर तक 7 हजार करोड़ से 6 लेन सड़क की मंजूरी मिली है। बेला, सिलपरा से सीधी तक फोरलेन बनाया जा रहा है। सर्वे का काम हो गया है। भूमि अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया गया गया है। डिप्टी सीएम ने बताया कि राम वन पथ गमन के लिए विशेष योजना अमल में लाई गई है। जहां-जहां प्रभु राम के चरण पड़े, उस क्षेत्र को हम विकसित करने का काम कर रहे हैं।
 डिप्टी सीएम ने कह कि आयुष्मान योजना में सर्वाधिक पंजीयन के मामले में मध्यप्रदेश पहली पायदान पर है। प्रदेश के 8 करोड़ में से 3 करोड़ से ज्यादा बुजुर्ग आयुष्मान परिवार में शामिल हो चुके हैं। वहीं हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसमें शामिल करने के लिए शिविर भी चला रहे हैं।
डॉक्टरों के लिए बनाएंगे कॉलोनी, 30 हजार भर्तियां कर रहे हैं
ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने कहा कि हर अस्पताल में सेटअप के हिसाब से पद निकाले गए हैं। मैनपावर की कमी को पूरा करने के लिए 30 हजार भर्तियां स्वास्थ्य के क्षेत्र में की जा रही हैं। इसके अलावा अलग अलग विभागों में करीब 1 लाख भर्तियां करने की तैयारी है। डिप्टी सीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी रहती है। ऐसे में इस कमी को पूरा करने के क्षेत्र में काम किया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर 16 विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी। उनके लिए वहीं पर आवासीय कालोनी बनाई जाएगी। जहां डॉक्टरों के रहने आदि की सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
अगले साल तीन नए मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाएंगे
डिप्टी सीएम ने कहा कि पांच सालों में प्रदेश में एमबीबीएस की 10 हजार सीटें पहुंचाने का लक्ष्य है। इस पर काम तेजी से चल रहा है। वर्तमान में 17 मेडिकल कॉलेज हैं। उन्होंने कहा अगले साल सिंगरौली, शिवपुरी और राजगढ़ में मेडिकल कॉलेज शुरू हो जांगेगे। इसके बाद 5 और कॉलेज खुलेंगे। इसके अलावा पीपीपी मोड पर भी मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति दी गई है। इस तरह 25 सरकारी और 13 प्राइवेट मेडिकल अगले पांच सालों में हो जाएंगे। इससे मप्र में 10 हजार एबीबीएस की सीटें पहुंच जाएंगी।