देवउठनी एकादशी: नींद से जागे भगवान, हुई तुलसी और शलिग्राम का विवाह, आज से शुरू हो जाएंगे शुभ विवाह

मंगलवार को देवउठनी एकादशी के दिन भगवान नींद से जाग गए। भगवान के नींद जागते ही शुभ महुर्त भी शुरू हो गए हैं। विवाह आदि अब शुरू हो जाएंगे। देवउठनी एकादसी के दिन घर और मंदिरों में तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराया गया। लोगों ने धूमधाम से त्यौंहार बनाया।

रीवा। जिले में तुलसी विवाह का कार्यक्रम मंगलवार को विधि-विधान से हुआ। विशेषकर गांव के लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी तुलसी-शालिग्राम विवाह की परंपरा निभाई गई। इस अवसर पर घरों में रोशनी और पूजा अर्चना की गई। जिलेभर में छोटी दीपावली यानी देवउठनी एकादशी का त्योहार मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। शाम होते ही लोगों ने घर के आंगन में गन्ने का मंडप सजाकर शालिग्राम व तुलसी का पूरे रस्मो-रिवाज के साथ विवाह कराया। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार, देवउठनी एकादशी के साथ मांगलिक कार्यों पर लगा विराम हट जाता है। अब शादी-ब्याह, गृह प्रवेश जैसे कई मांगलिक कार्यक्रम में हो सकेंगे। बहरहाल, मंगलवार को व्रतियों ने पूजा के बाद फलाहार किया, वहीं प्रसाद वितरण भी किया गया। घर-आंगन में दीपमाला सजने के बाद बच्चों ने चकरी, अनारदाना, फुलझड़ी सहित अन्य पटाखे जलाए। आतिशबाजी का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। कई घरों में विशेष अनुष्ठान भी हुए। लोगों ने एक-दूसरे को बधाई देकर प्रसन्नता व्यक्त की।
तीन दिन बाद प्रारम्भ होंगे विवाह मुहूर्त
देवउठनी एकादशी के बाद इस वर्ष विवाह मुहूर्त आरम्भ तीन दिन बाद आरम्भ हो जायेंगे। हालांकि तिलक, वरीक्षा आदि कार्यक्रम अब होने लगेंगे परंतु विवाह मुहूर्त का योग 16 नवम्बर से बनेगा। विदित हो कि देवउठनी एकादशी के दिन विवाह की परम्परा पौराणिक काल से रही है और सत्य सनातन वैदिक हिन्दू धर्म के अनुयायी आज तक इस परम्परा का निर्वहन करते आये हैं। पं. ब्रह्मानंद मिश्र ने बताया कि विवाह आदि शुभ मुहूर्त में शुक्र ग्रह की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि विवाह का कारक ग्रह शुक्र माना गया है। ऐेसे में बलवान शुक्र का विवाह मुहूर्त में होना बहुत आवश्यक होता है। यदि किन्हीं परिस्थितियों में शुक्र अस्त हो जाते हैं अथवा शुक्र तारा डूब जाता है तो ऐसी स्थिति में विवाह के लायक मुहूर्त नहीं बन पाते हैं। बहरहाल, शुक्र उदय होने के पश्चात नवंबर में 8 शुभ मुहूर्त में विवाह हो सकेंगे, जिनमें से 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25 व 26 दिनांक को शुभ लग्न हैं। इसी प्रकार दिसंबर माह में  विवाह के शुभ मुहूर्त 10 दिन रहेंगे, जिनमें 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13, 14 व 15 दिनांक को शुभ लग्न होंगी। इसके पश्चात वर्ष 2025 में दिनांक 16 जनवरी से पुन: शुभ मुहूर्त आरम्भ होंगे।