चुनावी इफेक्ट : धनतेरस पर नहीं बरसा धन, फिर भी एक चीज रिकार्ड तोड़ बिकी जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

इस बार धनतेरस पर चुनावी असर दिखा ।बाजार मंदा ही रहा। धनलक्ष्मी मेहरबान नहीं हुई। फिर भी बाजार में एक चीज खूब बिकी। इसने बिक्री में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। यह चीज कुछ और नहीं घर में उपयोग होने वाली झाड़ू थी। रीवा में एक से डेढ़ लाख झाड़ू बिकी। जो भी बाजार गया वह झाड़ू लिए बिना घर नहीं गया। हर व्यक्ति के हाथ में झाड़ू थी।

चुनावी इफेक्ट : धनतेरस पर नहीं बरसा धन,  फिर भी एक चीज रिकार्ड तोड़ बिकी जानकर आप भी रह जाएंगे दंग
हर हाथ में झाड़ू
आटोमोबाइल सेक्टर में हुई ज्यादा खरीदी और सबसे अधिक बिकी झाडू
रीवा। व्यापारियों को हर वर्ष की तरह इस मर्तबा भी धनतेरस से उम्मीद थी। दिवाली के समय बाजार में रौनक आ जाती है। कारोबार कई गुना बढ़ जाता है। त्योहार को लेकर व्यापारियों ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। उम्मीद थी कि इस मर्तबा धनतेरस धन बरसा कर जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। बाजार का रंग फीका ही रहा। चुनावी रंग ने पानी फेर दिया। व्यापारियों की कमाई उम्मीद से कहीं कम ही हुई। व्यापारियों ने आस लगाई थी कि इस मर्तबा 100 करोड़ से अधिक का व्यापार होगा लेकिन यह आधे से भी कम में सिमट गया। कमजोर बाजार के पीछे आचार संहिता वजह बताई जा रही है। बर्तन की दुकानों में भी इस मर्तबा ज्यादा भीड़ नहीं दिखी। लोगों ने सिर्फ शगुन के तौर पर ही छोटे बर्तनों की खरीदी की। स्टाक गोदामों में भरकर अच्छी बिक्री की आस लगाने वालों को झटका लगा है।


ऑटो सेक्टर में ज्यादा भीड़ दिखी
धनतेरस में सबसे अधिक भीड़ ऑटो मोबाइल सेक्टर में ही देखने को मिली। लोगों ने खूब गाडिय़ां खरीदीं। महिद्रा, टाटा , मारुति और हुंडई की गाडिय़ां खूब बिकीं। इसके अलावा टू व्हीलर की भी अच्छी खासी डिमांड रही। लोगों ने जमकर गाडिय़ों की खरीदी की।
रियल स्टेट भी रहा कमजोर
बाजार की तरह की जमीन की खरीद फरोख्त का करोबार भी कमजोर ही रहा। कोई बड़ी रजिस्ट्रियां नहीं हुई। औसतन करीब 50 से 60 रजिस्ट्रियां धनतेरस के दिन हुई। बड़ी रजिस्ट्रियंा नहीं हो पाईं। शुभमुहूर्त का इंतजार करने वाले ही पहुंचे।


यहां दिखी ज्यादा भीड़
बर्तन की दुकान पर ज्यादा भीड़ दिखी। धनतेरस के दिन बर्तन, सोना आदि खरीदना शुभ माना जाता है। यही वजह है कि इस धनतेरस पर लोगों ने छोटे आइटम खरीदना ज्यादा पसंद किया। बर्तनों की दुकानों में चम्मच, कटोरी जैसी छोटी चीजों की डिमांड ज्यादा रही। इसे ही खरीदने लोग बाजार पहुंचे थे।
इस चीज की सबसे ज्यादा हुई बिक्री
बाजार में धनतेरस पर एक चीज ज्यादा दिखी। इस मर्तबा लोगों ने जमकर झाडू खरीदी। बाजार में हर किसी के हाथ में एक झाडू नजर आई। करीब एक से डेढ़ लाख झाडू धनतेरस पर बिक गए। दुकान तक झाडू से खाली हो गए। खूब डिमांड रही।


सराफा बाजार में भी छाई रही मायूसी
इस मर्तबा सराफा बाजार में भी मायूसी छाई रही। बड़ी खरीदी लोगों ने नहीं की। नकद लाने में प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके कारण इसका खरीदी पर असर दिखा। कारोबार ज्यादा नहीं हुआ। सराफा बाजार में लोग पहुंचे लेकिन बड़ी खरीदी नहीं कर पाए। इसके अलावा आचार संहिता लागू होने के कारण गिफ्ट आइटम कम उठे। सोने के सिक्के, चांदी के सिक्कों की डिमांड कम रहीं। लोगों ने डरते डरते खरीदी की।
आचार संहिता का असर दिखा
विधानसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लगी हुई। सभी अधिकारी, कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगे हुए हैं। बड़ी रकम लेकर चलने पर रोक लगी हुई है। बाजार में नकदी पर ज्यादा खरीदी होती है। अधिकारियों को गिफ्ट आइटम भी पहुंचता है। इस मर्तबा इन सारी खरीदी पर प्रतिबंध जैसा रहा। यही वजह है कि मार्केट कमजोर रहा। बॉर्डर पर चेकिंग बैठी हुई है। बाहर से आने वाले भी खरीदी के लिए नहीं आए। गांव वालों ने भी चुनाव के कारण शहर की तरफ रुख नहीं किया।


कहां कितने का रहा बाजार
सेक्टर              राशि अनुमानित
ऑटो मोबाइल    25 करोड़
बर्तन                 01 करोड़
रियल स्टेट          02 करोड़
इलेक्ट्रानिक्स      03 करोड़
सराफा              10 करोड़
अन्य                  01 करोड़
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बाजार इस मर्तबा फीका है। आचार संहिता लागू होने के कारण लोगों ने बड़ी खरीददारी नहीं की। नकद राशि भी अधिक लेकर चलने पर रोक लगी हुई है। यही वजह है कि बाजार में मंदी रही। सराफा बाजार भी ठंडा ही रहा।
नरेश काली
अध्यक्ष, विंध्य व्यापारी महासंघ रीवा