काम पर गए नहीं और वेतन निकल गया, फर्जी भर्ती ने इस नगर परिषद ने तोड़ दिए रिकार्ड, भोपाल से पहुंचे जांच अधिकारी

नगर परिषद डभौरा में कर्मचारियों की भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। बाद में उनका नियमित पदों पर नियम विरुद्ध संविलियन कर दिया गया। इसकी जांच करने अब भोपाल से तीन सदस्यीय टीम रीवा पहुंची है। इस फर्जीवाड़ा में शामिल 50 कर्मचारियों, 3 अधिकारियों सहित अन्य छानबीन कमेटी के सदस्यों को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था लेकिन कोई आया ही नहीं। अब टीम अपनी रिपोर्ट शासन को सोमवार तक सौंप देगी।

काम पर गए नहीं और वेतन निकल गया, फर्जी भर्ती ने इस नगर परिषद ने तोड़ दिए रिकार्ड, भोपाल से पहुंचे जांच अधिकारी

7 ग्राम पंचायतों के रिक्त पदों पर कर्मचारियों का नियमित पदों पर नियम विरुद्ध किया गया था संविलियन
डभौरा नगर परिषद में हुई अवैध नियुक्तियों की जांच करने पहुंची भोपाल से टीम
रीवा। ज्ञात हो कि नगर परिषद डभौरा का गठन 20 सितंबर 2018 को किया गया था। सचिव ग्राम पंचायत डभौरा, अकौरिया, मगडौर, गेदुरहा, कोटा, पनवार एवं लटियार ग्राम पंचातयों में नियमित, संविदा एवं मानदेय पर कार्यरत 50 कर्मचारियों की सूची प्रपत्र स में तैयार कर मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद डभौरा को सौंपी गई थी। इस में सूची में कर्मचारियों के फर्जीनाम जोड़ दिए गए थे। ऐसे कर्मचारियों की सूची में नाम जोड़ लिए गए थे जो पंचायतों  में काम ही नहीं करते थे। उनकी नियुक्त भी कर दी गई थी। इन फर्जी नियुक्ति के पहले अपर संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास मप्र भोपाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम ने जांच की थी। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद तत्कालीन जेडी नगरीय प्रशासन आरपी सोनी, सीएमओ गुढ़ केएन सिंह, सीएमओ संजय सिंह सहित अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था। अब इन नियुक्तियों को निरस्त करने के पहले कर्मचारियों, अधिकारियों के बयान लिए जाने हैं। इसके लिए तीन सदस्यीय टीम को रीवा भेजा गया है। इसमें नगरीय प्रशासन अतिरिक्त सचिव शिवराज वर्मा के अलावा डिप्टी सेके्रटरी आरके कार्तिकेय, अपर संचालक अनुज गौर शामिल हैं। तीन सदस्यीय टीम ने फर्जीवाड़ा में शामिल सभी कर्मचारी, अधिकारियों को बयान के लिए जेडी नगरीय प्रशासन एवं विकास कार्यालय में तलब किया था लेकिन अधिकांश आए ही नहीं। बयान सभी के दर्ज ही नहीं हो पाए। बयान के बाद कमेटी शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके बाद ही की गई नियुक्तियों पर कार्रवाई की जाएगी।
इन सभी कर्मचारी अधिकारियों को बुलाया गया था
बयान में उन सभी कर्मचारियों को बुलाया गया था जिनकी नियुक्ति की गई थी। साथ ही उन अधिकारियों को तलब किया गया था जिनके कार्यकाल के दौरान नियुक्तियां की गई थी। इसके अलावा छानबीन समिति में शामिल सदस्यों को भी बुलाया गया था। 50 कर्मचारी जिन्हें ज्वाइन कराया गया था। सभी का बयान होना था लेकिन कोई आया ही नहीं। अधिकारी भी प्रस्तुत नहीं हुए।
पद पर नियुक्त करने के बाद संविलियन भी कर दिया
हद तो यह है कि यह फर्जीवाड़ा यहीं पर नहीं रुका। पंचायतों के पदों पर नियुक्ति के बाद उनका प्रस्ताव नियमितीकरण के लिए मांगा गया। छानबीन समिति बनाई गई। छानबीन समिति ने सभी कर्मचारियों के नामों पर मुहर लगा दी। इसके बाद सभी का संविलियन नियमित, संविदा पदों पर कर दिया गया। डभौरा, अकौरिया, मगडौर, गेदुरहा, कोटा, पनवार, लहियार ग्राम पंचायतों में कार्यरत 1 नियमित कर्मचारी के साथ साथ 4 संविदा कर्मियों एवं 42 मानदेय कर्मियों का संविलियन नगर परिषद डभौरा में नियमित पदों पर तथा 3 मानदेय कर्मियों का संविलियन दैनिक वेतनभोगी पर कर दिया गया। इतना ही नहीं नियम विरुद्ध संविलियन करने के बाद अगस्त 2021 से फरवरी 2023 तक वेतन भत्तों का भुगतान भी कर दियागया। सातवें वेतनमान का लाभ दे दिया गया। करीब ढ़ाई करोड़ की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई थी।
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किसी भी ग्रेड में कर दिया गया था संविलियन
कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति के बाद इनका संविलियन पूरी तरह से नियम विरुद्ध किया गया। किसी भी कर्मचारी को किसी भी ग्रेड में संविलियन कर दिया गया। उसी हिसाब से उनका वेतन भत्ता का भुगतान भी किया गया। इस नियुक्ति में जेडी आरपी सोनी के पुत्र का नाम भी जोड़ा गया था। उनको भी फायदा पहुंचाया गया था। इस मामले में जेडी नगरीय प्रशासन रामेश्वर प्रसाद सोनी को उनके रिटायरमेंट के एक दिन पहले ही निलंबित कर दिया गया था।
बिना काम किए ही हो गया भुगतान
जिन कर्मचारियों की पंचायतों में नियुक्ति दिखाकर बाद में नगर परिषद डभौरा में संविलियन किया गया। वह कर्मचारी कहीं हैं ही नहीं। उनके रिकार्ड तक नहीं मिले। बिना आए ही उनका भुगतान होता रहा। इस फर्जीवाड़ा में अभी जांच जारी है और भी कई खुलासे होने शेष है। जांच कमेटी जांच के बाद शासन को सोमवार तक रिपोर्ट सौंप देगी।
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नगर परिषद डभौरा में कर्मचारियों की फर्जी तरीके से नियुक्ति की गई थी। प्रस्ताव को निरस्त करने के पहले उन्हें सुनवाई का अवसर दियागया है। इसी मामले में सुनवाई के लिए आए थे। सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को बुलाया गया था लेकिन कोई आए ही नहीं। शासन को सोमवार, मंगलवार तक रिपोर्ट प्रस्तुत कर देंगे।
शिवराज वर्मा
अतिरिक्त सचिव, नगरीय प्रशासन विभाग