क्या आप जानते हैं कि चिडिय़ाघर के विस्तार पर कितने करोड़ और खर्च होंगे कितना बढ़ जाएगा दायरा
मार्तण्ड ङ्क्षसह जूदेव चिडिय़ाघर का जल्द ही विस्तार किया जाएगा। आचार संहिता खत्म होने के बाद इसके मास्टर प्लान का काम शुरू हो गया है। 20 साल में इस पर 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 100 हेक्टेयर और दायरा बढ़ाया जाएगा।
केन्द्र के पास स्वीकृति के लिए जाएगा प्रस्ताव फिर शुरू होगा काम
75 हेक्टेयर में तीन सफारी बनाई जाएगी
रीवा। ज्ञात हो कि वर्तमान में मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर मुकुंदपुर के जंगल में 100 हेक्टेयर क्षेत्र में शुरू किया गया। इसमें चिडिय़ाघर के बाड़ों के अलावा रेस्क्यू सेंटर और व्हाइट टाइगर सफारी भी शामिल है। इस सफारी के शुरू होने ही 40 साल बाद विंध्य को सफेद बाघ की पहचान वापस मिली थी। विंध्या के रूप में फिर सफेद बाघ ने विंध्य में वापसी की थी। व्हाइट टाइगर सफारी के कारण ही मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर का नाम भी विश्व पटल पर आया है। अब इस चिडिय़ाघर को और व्यापक रूप देने की तैयारी चल रही है। वन विभाग इसके मास्टर प्लान पर काम कर रहा है। लंबे समय से इसकी तैयारियां चल रही थी। अब इसमें तेजी आई है। आचार संहिता के कारण मास्टर प्लान का काम सुस्त गति से चल रहा था। आचार संहिता खत्म होते ही मास्टर प्लान में तेजी आई है। इस मास्टर प्लान में मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर को व्यापक रूप देने की तैयारी चल रही है। 100 हेक्टेयर के चिडिय़ाघर और टाइगर सफारी का दायरा दोगुना करने की योजना है। वर्तमान में इसका स्वरूप छोटा है। ऐसे में इसे राष्ट्रीय स्तर का चिडिय़ाघर बनाने के लिए इसमें बड़े काम करने की तैयारी है। डिप्टी सीएम इस बात की जानकारी सार्वजनिक कर चुके हैं। इस नए मास्टर प्लान में अब तीन नई सफारी बनाई जाएंगी। जिनका पर्यटन लोगों को और रोमांचित करेगा।
अभी सिर्फ 1 सफारी है फिर तीन होंगे
वर्तमान में सिर्फ 1 व्हाइट टाइगर सफारी है। इसे घूमने का लुत्फ पर्यटक खूब उठाते हैं। जंगल में व्हाइट टाइगर में घूमते देखने का आनंद ही कुछ और है। यह रोमांच नेशनल पार्क जैसा अहसास कराता है। अब ऐसा ही आनंद तीन और सफारी के घूमने में भी मिल सकेगा। मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर में ऐसी ही तीन और सफारी बनाई जाएंगी। जिसमें जेब्रा, लायन और बाघ घूमते हुए नजर आएंगे। इन्हें पर्यटक बहुत ही पास से देख सकेंगे। यह सफारी भी 25 हेक्टेयर में फैली होंगी।
केन्द्र के पास जाएगा स्वीकृति के लिए प्रस्ताव
मुकुंदपुर चिडिय़ाघर के विस्तार की योजना केन्द्र से स्वीकृति होगी। फिलहाल मास्टर प्लान तैयार करने के लिए मप्र शासन के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा। भोपाल से प्रस्ताव का निरीक्षण करने के बाद वन विभाग से फाइल को केन्द्रीय वन मंत्रालय को भेजा जाएगा। केन्द्रीय वन मंत्रालय और चिडिय़ाघर अथॉरिटी से स्वीकृति मिलने के बाद ही काम शुरू हो जाएगा।