पैसा दोगुना करने के झांसे में आए डॉक्टर और रिटायर्ड कर्मचारी, करोड़ों की चपत लगाकर कंपनी हुई गायब

कालोनी बसाने के नाम पर ठगों ने कंपनी बनाई। डॉक्टर, रिटायर्ड शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारियों को फंसाया। जिंदगी भर की जमा पूंजी कंपनी में इनवेस्ट कराया। पैसा दोगुना करने का लालच दिया। हर तीसरे महीने ब्याज की राशि देने का वायदा किया। करोड़ों रुपए लोगों से जुटाने के बाद अचानक कंपनी गायब हो गई। कंपनी के भागने केे बाद ठगी का शिकार हुए लोगों ने समान थाना पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

पैसा दोगुना करने के झांसे में आए डॉक्टर और रिटायर्ड कर्मचारी, करोड़ों की चपत लगाकर कंपनी हुई गायब
File photo

डॉक्टर, रिटायर्ड कर्मचारियों से लाखों की ठगी
अर्थ बिल्डर कंपनी ने समान में खोल रखा था कार्यालय
समान पुलिस ने दर्ज किया मामला, आरोपियोंं की तलाश जारी
रीवा। अर्थ बिल्डर कंपनी ने लोगों के साथ बड़ी ठगी की है। कंपनी ने पैसा डबल करने की स्कीम बताकर लोगों को ठगा है। पहले तो इस ठगी का शिकार हुए लोग बिल्डर के चक्कर काटते रहे लेकिन जब रुपए नहीं मिले तो थाने पहुंच गए फिलहाल बिल्डर की ठगी का शिकार हुए पांच लोग सामने आए हैं। जिनसे करीब 89 लाख की ठगी की गई है। पुलिस ने शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है।
इस संबंध में शिकायतकर्ता रिटायर्ड फॉरेस्ट एसडीओ रामानुज चौधरी ने बताया है कि साल 2023 में रिटायर्ड होने के बाद उन्हें विभाग के ही कुछ मित्रों ने रीवा में अर्थ बिल्डर नाम की कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने की सलाह दी, जिन्होंने बताया कि कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने पर 3 साल में जमा पैसा दोगुना मिलेगा। इस तरह से रिटायर्ड एसडीओ ने दोस्तों के बहकावे में आकर अर्थ बिल्डर कंपनी में 10 लाख रुपए इन्वेस्ट कर दिए। जिस दौरान किए गए अनुबंध में उन्हें कंपनी द्वारा हर तीसरे माह में 1 लाख 66 हजार देने का वादा किया गया था लेकिन तीन साल गुजर जाने के बाद उन्हें ब्याज मिलना तो दूर पूंजी तक नहीं मिली। इधर अपने पैसे पाने के लिए भटक रहे रिटायर्ड एसडीओ जब समदडिय़ा बिल्डिंग न्यू बस स्टैंड स्थित कंपनी के कार्यालय पहुंचे तो वहां तालाबंद मिला। मामले में फिलहाल रिटायर्ड एसडीओ द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अर्थ बिल्डर द्वारा की गई धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई जिस पर समान थाना पुलिस ने कंपनी के प्रोपाइटर नीरज सिंह के खिलाफ  एफआईआर दर्ज कर ली है।
डॉक्टरों से लाखों रुपए ठग लिए
बता दें कि ठगी करने वाले अर्थ बिल्डर ने शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों सहित सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारियोंं को टारगेट बनाया है। रिटायर एसडीओ ने बताया कि अनसुइया प्रसाद साकेत जो कि रिटायर हेड मास्टर हैं उनसे 10 लाख रुपए, रामकली चौधरी जो कि शिक्षिका हैं उनसे 5 लाख, एसजीएमएच के ब्लड बैंक में पदस्थ डॉ.राकेश कुमार धनकर से 26 लाख रुपए, स्वास्थ्य विभाग के डीएचओ-1 डॉ.आरबी चौधरी से 20 लाख रुपए की ठगी, रिटायर अधीक्षक कलेक्ट्रेट शिवनाथ प्रसाद साकेत से 12 लाख व भोलेनाथ साहनी से 6 लाख रुपए बिल्डर ने ठगे हैं। यह वह लोग हैं जो फिलहाल पुलिस के पास पहुंचे हैं। बताया जा रहा है ठगी के शिकार हुए  एक सैकड़ा से अधिक लोग है जिनसे लगभग 5 करोड़ से अधिक की ठगी हुई है। धीरे-धीरे ठगी के मामले सामने आ रहे हैं।
सुखराम साकेत से बना नीरज सिंह
बता दें कि अर्थ बिल्डर के संचालक को लेकर जो जानकारी ठग के शिकार हुए लोगो के पास आई है। उसके अनुसार संचालक नीरज सिंह का असली नाम सुखराम साकेत पिता लल्ली साकेत है जो कि टिकुरी का रहने वाला है लेकिन वह नाम बदलकर नीरज सिंह बन गया और उसने नई पहचान नीरज सिंह पिता ललित प्रताप सिंह निवासी समदडिय़ा बिल्डर न्यू बस स्टैंड के रूप में बनाई। उसके पास दो आधार कार्ड भी हैं। बताया गया कि संचालक ने अपने गृह ग्राम की पुस्तैनी जमीन भी बेच दी है और वह अब फरार है।
अवैध कॉलोनी से चर्चा में आया
ठगी के शिकार हुए लोगों ने बताया कि संचालक ने अर्थ बिल्डर ने रीवा में मुख्य कार्य कॉलोनाइजर का बताया था, उसने बताया था कि चोरहटा सहित महसांव व सिरमौर के दुलहरा में वह कॉलोनी डेवलप कर रहा है। बता देें कि नगर निगम ने अर्थ बिल्डर को अवैध कॉलोनी का नोटिस भी जारी किया था, तब वह चर्चा में आया था। ठगी के शिकार लोगो ने बताया कि अर्थ बिल्डर की कई शाखा है, जिसके आफिस अहमदाबाद, मुम्बई, भोपाल व जबलपुर सहित अन्य जगहों पर हैं।
भोपाल में पुलिस ने दी दबिश
जानकारी के मुताबिक ठगी का शिकार हुए लोग नीरज सिंह उर्फ सुखराम साकेत के घर पहुंचे, जहां उसके भाईयों ने बताया कि उसके द्वारा अपना पुस्तैनी मकान और जमीन बेच दी गई है। जिसके बाद वह यहां नहीं आता है। पुलिस भी मामला सामने आने के बाद ठग की तलाश कर रही है। सामान थाना के समीप ही ठग ने अपना कार्यालय बना रखा था लेकिन पुलिस को खबर तक नहीं हुई। भोपाल में भी पुलिस ने ठग को पकडऩे के लिए दबिश दी लेकिन वहां से भी वह फरार हो गया।