Achievement: संजय गांधी अस्पताल रीवा के अस्थि रोग विभाग के डॉक्टरों ने कर डाला बड़ा काम, रच दिया इतिहास

संजय गांधी अस्पताल अस्थि रोग विभाग (orthopaedic department)के डॉक्टरों ने एक बार फिर दोनों घुटना एक साथ प्रत्यारोपण कर इतिहास रच दिया है। ऑपरेशन (operation) पूरी तरह से सफल रहा है। यह पहली बार हुआ कि दोनों घुटने का एक साथ ऑपरेशन एक बार में ही हो गया।

Achievement: संजय गांधी अस्पताल रीवा के अस्थि रोग विभाग के डॉक्टरों ने कर डाला बड़ा काम, रच दिया इतिहास

Rewa.संजय गांधी अस्पताल के orthopedic विभाग ने इतिहास रचा गया। रीवा में पहली बार बाईलैटरल (दोनों) साइड नी (घुटना ) replacement  कि कामयाब सर्जरी हुईं है।इसमें 60 वर्षीय महिला श्रीमती श्यामा देवी को नया जीवन मिला।  मरीज़ दो साल से नहीं चल पा रही थी क्योंकि मरीज़ के वारिस डिफॉर्मिटी के साथ फिक्स्ड फ्लेक्सन डिफॉर्मिटी थी। श्रीमती देवी को प्रारंभ में ऑर्थोपेडिक वार्ड में भर्ती किया गया था और इसके लिए डॉक्टर अमित चौरसिया के नेतृत्व में कई प्रमुख कदम उठाए गए| डॉ पी.कि वर्मा द्वारा कार्य योजना बनाई गई । श्रीमती देवी के इस इलाज में विशेष योगदान डाक्टर शुभम मिश्रा, एक अर्थ्रोप्लास्टी सर्जन, और उनके सहकर्मी डॉक्टर जीतेश गावंडे और डॉक्टर विमल सिंह टीम का रहा।

टीम वर्क से हुआ यह आपरेशन 

 यह एक महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज, रीवा में पहली बार दोनों घुटनों की रिप्लेसमेंट सर्जरी एक ही दिन में की गई है। सर्जरी के दौरान व्यक्तिगत देखभाल के लिए एनेस्थेटिक्स डॉक्टर सुधाकर द्विवेदी और उनके टीम का विशेष योगदान रहा।हाल ही में डॉक्टर शुभम मिश्रा ने इंग्लैंड से रोबोटिक आर्थ्रोप्लास्टी फेलोशिप का कोर्स किया है, जिससे रीवा के लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिन्होंने पहले विभिन्न बड़े शहरों में रीवा का नाम रोशन किया है।संजय गांधी मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर की स्थापना 5 महीने पहले हुई  थी। इसमें हिप और नी रिप्लेसमेंट की अधिकतर सर्जरीज़ की गई हैं|

रीवा के लिए बड़ी उपलब्धि, लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा 

दोनों घूटने का प्रत्यारोपण करना अपने आप में ही बड़ी सर्जरी  हैं। यह सर्जरी निःशुल्क आयुष्मान द्वारा की गई । अभी तक हमारे शहर के लोग बाहर सर्जरी कराने जाते थे। रीवा के लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण है। इस सफल सर्जरी में डॉक्टर शुभम मिश्रा और उनकी टीम ने सराहनीय कार्य किया। इस उपलब्धि पर डॉ पंकज लखटकिया , डीन डॉ मनोज इन्दुरकर , डॉ नरेश बजाज द्वारा बधाई दी गई है।