मैनुअल फार्म डॉक्टरों ने लौटाया, पीएम से किया इंकार, आनलाइन में अटकी बात तो मच गया बवाल

शुक्रवार को संजय गांधी अस्पताल में पीएम करने से डॉक्टरों ने इंकार कर दिया। बिना सीसीटीएनएस नंबर के पीएम ही शुरू नहीं किया। पुलिस विभाग सीसीटीएनएस नंबर नहीं दे पाई और डॉक्टरों ने पीएम नहीं किया। दोपहर तक जब पुलिस ने कोई रिस्पांस नहीं दिया तो अस्पताल प्रबंधन को ही झुकना पड़ा और लोगों की परेशानियों को देखते हुए पीएम शुरू किया गया।

सीसीटीएनएस नंबर नहीं मिलने से डॉक्टरों ने पुलिस वालों का फार्म डॉक्टरों ने लौटाया
1 बजे तक बनी रही असमंजश की स्थिति, लोग हुए परेशान
रीवा। ज्ञात हो कि हाईकोर्ट ने पीएम रिपोर्ट को आनलाइन जारी करने के निर्देश दिए हैं। उच्च न्यायालय के आदेश पर ही मेडलेपार साफ्टवेयर पर सारी जानकारियां अपलोड करने के आदेश हुए हैं। इस साफ्टवेयर पर संजय गांधी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज ने काम तो करना शुरू कर दिया है लेकिन पुलिस विभाग तैयार नहीं है। इसी साफ्टवेयर से पीएम के लिए आने वाले शव की जानकारी पुलिस को फीड कर सीसीटीएनएस नंबर जनरेट कराना पड़ेगा। इसी नंबर के आधार पर ही शवों का पीएम होगा। पीएम के बाद सीसीटीएनएस नंबर के आधार पर ही थानों को आनलाइन ही पीएम रिपोर्ट भी अपलोड की जाएगी। अब मैनुअल पीएम रिपोर्ट नहीं जाएगी। इसी व्यवस्था को लागू करने के निर्देश उच्च न्यायालय के आदेश पर मिले थे। इसी का शुक्रवार से पालन किया जाना था लेकिन पुलिस व्यवस्था नहीं बना पाई। सुबह से ही सीसीटीएनएस नंबर के लिए संजय गांधी अस्पताल और फारेंसिक विभाग के डॉक्टरों ने दबाव बनाया था। पीएम रिपोर्ट करने से ही इंकार कर दिया था। दोपहर करीब 1 बजे तक पीएम डॉक्टरों ने नहीं किया। सीसीटीएनएस नंबर के लिए अड़े रहे लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर पाई। इसके बाद लोगों की भीड़ बढ़ती गई। मर्चुरी में भी शवों की संख्या बढ़ रही थी। यही वजह है कि लोगों की परेशानियों को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन को दोबारा पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही पीएम शुरू किया गया। पुलिस विभाग को जल्द से जल्द आनलाइन व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
पिता के शव मिलने का कर रहे थे इंतजार
विपिन चतुर्वेदी निवासी सोहागी ने बताया कि उनके पिता श्रीनाथ चतुर्वेदी शिक्षक थे। वह गुरुवार को घर लौट रहे थे। ट्रैक्टर चालक ने शिक्षक को कुचल दिया। हादसे में उनकी मौत हो गई थी। कल से शव संजय गांधी अस्पताल में रखा हुआ है। पीएम के लिए सीसीटीएनएस नंबर मांग रहे हैं। नई प्रक्रिया शुरू की गई है। इसी के कारण पीएम नहीं हो रहा है। देरी हो रही है।
भांजे का पीएम कराने के लिए थे परेशान
रामपाल पाण्डेय ने बताया कि उनके भांजे का पीएम होना है। गुरुवार से पीएम के लिए परेशान हैं। डॉक्टर कोई नंबर मांग रहे हैं। उनका कहना था कि आज उन्हें राहत दे दी जाए। फिर आगे से यह नई व्यवस्था लागू की जाए।
चौकी में न कम्प्यूटर न कर्मचारी, कैंसे करे नंबर जनरेट
संजय गांधी अस्पताल में पदस्थ पुलिसकर्मियों का कहना है कि चौकी में कम्प्यूटर और कर्मचारी नहीं है। ऐसे में यहां से सीसीटीएनएस नंबर कैसे जारी करें। यहां जीरो में कायमी होती है। यहां संभागभर से लोग पहुंचते हैं। यह यहां संभव नहीं है। डॉक्टरों के पास पीएम का फार्म भेजा गया था लेकिन सीसीटीएनएस नंबर के कारण वापस कर दिए गए थे।
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मप्र उच्च न्यायालय के निर्देश हैं। मेडलेपार साफ्टवेयर में ही सारी जानकारी अपलोड करनी है। सीसीटीएनएस नंबर जनरेट करना होता है। इसी के बाद रिपोर्ट अपलोड करना पड़ता है। सीसीटीएनएस नंबर एलॉट हो जाए तो पीएम रिपोर्ट अपलोड करना होगा। इसी के पालन परिपालन में इसी साफ्टवेयर में काम करने के निर्देश दिए गए। किसी कारण से साफ्टवेयर में कुछ तकनीकी दिक्कत आने से सीसीटीएनएस नंबर जनरेट नहीं हो पाए। इसलिए पुरानी प्रक्रिया में ही पीएम शुरू कर दिया गया है।
डॉ यत्नेश त्रिपाठी
सीएमओ, संजय गांधी अस्पताल रीवा