जूडा नहीं मानें, काली पट्टी बांध कर किए काम, अब सब बंद कर देंगे काम, मचेगी चीखपुकार

जूनियर डॉक्टरों की मांगे पूरी नहीं हुई। कॉलेज प्रबंधन ने लिखित आश्वासन तक नहीं दिया। नाराज जूडा हड़ताल की राह पकड़ लिए हैं। बुधवार को काली पट्टी बांध कर विरोध जताया। गुरुवार से पूरी तरह से काम बंद कर देंगे। चिकित्सकीय सेवाएं नहीं देंगे। यदि ऐसा हुआ तो संजय गांधी अस्पताल में चीखपुकार मचना तय है। सीनियर डॉक्टरों को वैकल्पित व्यवस्था के रूप में प्रबंधन रखकर चल रहा है लेकिन यह प्रयोग कभी सफल नहीं हुआ। सीनियर के भरोसे अस्पताल चलना मुश्किल है।

जूडा नहीं मानें, काली पट्टी बांध कर किए काम, अब सब बंद कर देंगे काम, मचेगी चीखपुकार

गुरुवार से काम नहीं करेंगे 400 जूडा, हड़ताल पर जा रहे हैं

रीवा। ज्ञात हो कि जूनियर डॉक्टरों को पिछले चार महीने से स्टायपेड नहीं मिला है। इसके कारण ही जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन रीवा ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों को पिछले चार महीनों से स्टाय पेड के नाम पर एक फूटी कौड़ी नहीं मिली। छात्र बिना मासिक वेतनमान के ही काम करने को मजबूर हैं। कई मर्तबा प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई  लेकिन कोई हल नहीं निकला। यही वजह है कि जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। बुधवार को जूनियर डॉक्टरों ने संजय गांधी अस्पताल में काली पट्टी बांध कर काम किया। प्रतिकात्मक विरोध जताया। 11 जनवरी से जूनियर डॉक्टर चिकित्सकीय सेवाएं भी बंद कर देंगे। गुरुवार से अस्पताल में जूनियर डॉक्टर काम करते हुए नजर नहीं आएंगे। 13जनवरी तक भी उनकी मांगे यदि पूरी नहीं हुई तो अस्पताल की एमरजेंसी सेवाओं से भी तौबा कर लेंगे। जूनियर डॉक्टरों ने ज्ञापन सौंप कर डीन व प्रबंधन को अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद भी प्रबंधन जूनियर डॉक्टरों की मांगे पूरी नहीं कर पाया। वह लिखित में मांगों को पूरा करने का आश्वासन मांग रहे थे। हालांकि यह भी कॉलेज प्रबंधन पूरा नहीं कर पाया। यही वजह है कि नाराज जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य हैं। ं
यह है जूडा की प्रमुख मांगें
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन रीवा की तीन ही प्रमुख मांगे हैं। सभी जूनियर डॉक्टरों का जनवरी माह के पहले का रुका हुआ वेतन का भुगतान तत्काल प्रभाव से किया जाए। प्रथम वर्ष के जनूयिर डॉक्टर्स का 3 से 4 माह का बकाया वेतन का भुगतान तत्काल प्रभाव से किया जाए। इसके अलावा लिखित में आश्वासन मांगा गया है कि प्रत्यक महीने की 5 तारीख तक सभी जूनियर डॉक्टरों को वेतन का भुगतान सुचारू रूप से किया जाए। इसके अलावा सातवें वेतनमान के तहत उन्हें वेतनमान का भुगतान किया जाए। रीवा के जूनियर डॉक्टरों को 6 वें और 7 वें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रथम वर्ष के जूनियर डॉक्टरों को 65 हजार, द्वितीय वर्ष के 67 हजार और तृतीय वर्ष के जूनियर डॉक्टरों को 69 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाता है। वहीं सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए तो यह वेतन 1 लाख तक पहुंच जाएगा। इसकी भी लड़ाई जूनियर डॉक्टरों ने शुरू कर दी है।
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कॉलेज प्रबंधन के सामने तीन मांगे रखी गईं थी। इनमें से एक भी पूरी नहीं की गई है। हमने लिखित में आश्वासन मांगा था, वह भी नहीं दिया गया। कई दिन पहले ही मांगों के संबंध में ज्ञापन दिया गया था लेकिन अब तक अमल नहीं हुआ। 6 वें, 7 वें वेतनमान का भी लाभ नहीं दिया जा रहा है। डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध कर काम किया है। गुरुवार से सभी चिकित्सकीय सेवाएं बंद कर देंगे। 13 जनवरी से एमरजेंसी सेवाएं भी नहीं देंगे।
डॉ आशय द्विवेदी
अध्यक्ष, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन रीवा