मप्र की कमान अब डाॅ मोहन के हाथ, राजेन्द्र और जगदीश को उपमुख्यमंत्री की कमान
अंततः मुख्यमंत्री की दौड़ डॉक्टर मोहन यादव तक जाकर खत्म हो गई। सोमवार को भोपाल में विधायक दल की बैठक के बाद डॉक्टर मोहन यादव के नाम पर अंतिम मुहर लग गई। अब मध्य प्रदेश की कमान डॉक्टर मोहन यादव के हाथों में होगी। वहीं दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं। रीवा से राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा को जिम्मेदारी दी गई है। मध्य प्रदेश के कद्दार नेता नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष बनाए गए हैं।
भोपाल । भाजपा ने फिर से सबको चौंका दिया है ।छत्तीसगढ़ की तरह ही मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरा भी सब की सोच से परे ही सामने आया। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने नई रणनीति रची थी। मुख्यमंत्री का चेहरा ही हटा दिया था। कई सांसदों को भी विधानसभा चुनाव में उतार दिया था। विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली। किसी ने सोचा भी नहीं था कि मध्य प्रदेश में भाजपा इस तरह से बंपर सीटों पर आएगी। जीत के बाद फिर मुख्यमंत्री के चेहरे की तलाश शुरू की गई। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी ने मुख्यमंत्री के चयन में भी सबको चौंका दिया। पहले छत्तीसगढ़ के सीएम के रूप में नया चेहरा सामने लेकर आए। इसके बाद सोमवार को विधायक दल की बैठक में मध्य प्रदेश में सीएम का नया चेहरा सामने लाकर रख दिया। मध्य प्रदेश की कमान अब डॉक्टर मोहन यादव संभालेंगे ।मोहन यादव वर्तमान में उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। शिवराज कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बेहद करीबी है। ओबीसी का चेहरा है। भाजपा ने आने वाले 15-20 वर्षों के लिए एक नई लीडरशिप तैयार की है।
दो उप मुख्यमंत्री बनाए गये
छत्तीसगढ़ पैटर्न को मध्य प्रदेश में भी लागू किया गया है। यहां भी मुख्यमंत्री के अलावा दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। विंध्य को साधने के लिए रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला को भी बड़ी जिम्मेदारी की दी गई है। राजेंद्र शुक्ला रीवा से उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। इसी तरह दूसरे उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा को बनाया गया है। कद्दार नेता नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है।
आइए जानें मप्र के नये मुख्यमंत्री मोहन यादव के बारे में
सन् 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्यक्ष. सन् 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख रहे। . सन् 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा सन् 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रहे। सन् 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खण्ड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह एवं 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे। सन् 1997 में भा.ज.यु.मो. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रहे। सन् 1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य. सन् 1999 में भा.ज.यु.मो. के उज्जैन संभाग प्रभारी, सन् 2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्य परिषद के सदस्य रहे. सन् 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री एवं सन् 2004 में भा.ज.पा. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य, सन् 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य, सन् 2004-2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा), सन् 2008 से भारत स्काउट एण्ड गाइड के जिलाध्यक्ष सन् 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा). भा.ज.पा. की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य. सन् 2013-2016 में भा.ज.पा. के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक रहे। उज्जैन के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) द्वारा महात्मा गांधी पुरस्कार और इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया . मध्यप्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास हेतु सन् 2011-2012 एवं 2012-2013 में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत. सन् 2013 में चौदहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित किए गए। सन् 2018 में दूसरी बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित. दिनांक 2 जुलाई,. 2020 को मंत्री बने।2023 में तीसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए। अब मुख्यमंत्री बनाये गये।