सुपर स्पेशलिटी की डायलिसिस यूनिट बंद होने से मौत का सिलसिला शुरू, एक मरीज ने तोड़ा दम
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की डायलिसिस यूनिट को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है। मशीनों को स्टरलाइजेशन में डाल दिया गया है। संक्रमण खत्म किया जा रहा है। अचानक डायलिसिस यूनिट बंद होने से मरीजों के मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। डायलिसिस नहीं होने से एक मरीज की मंगलवार को जान चली गई। मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। परिजनों ने शव ले जाने से इंकार कर दिया था। बाद में समझाइश के बाद परिजन शव ले गए।
परिजनों ने किया हंगामा, शव ले जाने से कर दिए इंकार
रीवा। आपकों बता दें कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की डायलिसिस यूनिट एक सप्ताह के लिए बंद कर दी गई है। मशीनों में इन्फेक्शन के कारण स्टरलाजेशन में डाल दिया गया है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 18 डायलिसिस की मशीनें लगी हैं। इन मशीनों के भरोसे ही कई मरीज जिंदा थे। गरीबों को सस्ते दर पर यहां डायलिसिस की सुविधा मिल रही थी। अचानक से यूनिट पर ताला लगने से कई मरीजों के सामने संकट खड़ा हो गया। डायलिसिस की सुविधा ही कहीं नहीं मिल पाई। ऐसे में मंगलवार को डायलिसिस नहीं होने से एक मरीज ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने बताया कि मृतक राकेश तिवारी निवासी शिवपूर्वा जिला रीवा की दोनों किडनी खराब थी। जिनका बीते 4 वर्षों से लगातार डायलिसिस कराया जा रहा था। लगातार उपचार के चलते युवक की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई थी। मरीज की डायलिसिस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कराई जा रही थी। 2 दिन पूर्व युवक को डायलिसिस कराने के लिए अस्पताल लाया गया था। डायलिसिस यूनिट बंद होने के कारण युवक को परिजन वापस लेकर घर चले गए। मंगलवार की सुबह एक बार फिर राकेश को लेकर डायलिसिस के लिए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचे। जहां डायलिसिस बंद थी। डायलिसिस समय पर नहीं होने के कारण कुछ ही देर बाद युवक की अस्पताल में ही मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन की अव्यवस्थाओं से नाराज परिजनों ने युवक के शव को अस्पताल के अंदर ही रख कर हंगाम कर दिया। शव को साथ ले जाने से ही इंकार कर दिया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने समझाइश दी। इसके बाद परिजन शव ले जाने को तैयार हुए और हंगामा शांत हुआ।
सारे दावे खोखले
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में डायलिसिस यूनिट बंद होने के बाद एमरजेंसी वाले मरीजों की डायलिसिस किए जाने का दावा किया गया था। आईसीयू के मरीजों के लिए डायलिसिस मशीनें उपलब्ध है। इसके अलावा कुछ हाईटेक और महंगी डायलिसिस मशीनें भी मौजूद हैं लेकिन इसका फायदा मरीज को नहीं मिल पाया और उसने दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन के सारे दावे खोखले ही निकले।