इस मर्ज का रीवा में नहीं था कोई डॉक्टर, अब जाकर हुई पदस्थापना

रीवा वालों का लंबे समय से चल रहा इंतजार अब जाकर खत्म हो गया। ब्रेन स्ट्रोक का इलाज करने वाले डॉक्टर की कमी लंबे समय से खल रही थी। अब जाकर वह भी मिल गए हैं। न्यूरोफिजीशियन की नियुक्ति कर दी गई है। अब वह संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल दोनों में सेवाएं देना शुरू कर दिए हैं।

इस मर्ज का रीवा में नहीं था कोई डॉक्टर, अब जाकर हुई पदस्थापना
dr beerbhan singh

रीवा।  ज्ञात हो कि रीवा में न्यूरोफिजीशियन ही नहीं थे। यहां के मरीजों को इलाज के लिए या तो बाहर जाना पड़ता था या फिर मेडिसिन या न्यूरो सर्जन की ही सेवाएं लेनी पड़ रही थी। अब जाकर यह लंबा इंतजार खत्म हुआ है। रीवा में न्यूरोफीजिशयन के रूप में पहली पदस्थापना डॉ बीरभान सिंह के रूप में हुई है। इनके आने से लकवा ग्रस्त मरीजों को बड़ी राहत मिली है। यह संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सेवाएं देने लगे हैं। दोनों ही जगह डॉ बीरभान सिंह की सेवाएं ली जा रही है। दो दिन संजय गांधी अस्पताल में ओपीडी रखी गई है। एक दिन सुपर स्पेशलिटी में भी मरीजों को देख रहे हैं। ब्रेन स्ट्रोक व नसों से जुड़ी बीमारियेंा के मरीजों की संख्या रीवा में अधिक है। न्यूरोलॉजिस्ट की कमी के कारण यहां से सारे मरीज दूसरे शहरों में इलाज के लिए जा रहे थे। इसके अलावा फिजियोथैरेपिस्ट का सहारा ले रहे थे। अब ऐसे मरीजों को राहत मिलनी शुरू हो गई है।
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डॉ बीरभान सिंह ने सम्हाला मोर्चा
न्यूरोफिजीशियन डॉ बीरभान सिंह यंग और एनर्जेटिक हैं। उनका कहना है कि मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं है। हर संभव इलाज किया जाएगा। डॉ बीरभान सिंह के आने के बाद कई विभागों के मरीजों को फायदा मिलेगा। उनका कहना है कि यहां कई मरीज हर दिन ब्रेन स्टोक की शिकायत लेकर आते हैं। हर वर्ग के मरीज हैं। सभी को बेहतर ट्रीटमेंट किया जाएगा।