ईसी की बैठक: अस्पताल में मशीनें आ गईं लेकिन इंस्टाल नहीं हुईं, पानी की टंकी दो दिन से भर रही, कमिश्नर लिपिक पर भड़के, गिर सकती है गाज
आचार संहिता लागू होने के चंद घंटे पहले श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में अहम बैठक हुई। कार्यकारिणी की बैठक में 58 एजेंडों पर चर्चा हुई। कुछ को छोड़कर सारे प्रस्ताव पास कर दिए गए। इसमें सामान्य प्रशासन के प्रस्ताव भी रखे गए थे। जिन्हें स्वीकृति प्रदान कर दी गई। बैठक में कमिश्नर रीवा संभाग रीवा सख्त दिखे। कुछ लिपिकों को लापरवाही बरतने पर फटकार भी लगाई। एक लिपिक की लापरवाही के कारण प्रबंधन को एक लाख रुपए का नुकसान पहुंचा। मशीन आ गई लेकिन इंस्टाल भी नहीं हो पाई। इस लापरवाही पर लिपिक के खिलाफ कार्रवाई भी संभव है।
58 एजेंडे बैठक में रखे गए, कुछ को छोड़कर सब पर बनी सहमति
ऐसा पहली मर्तबा हुआ जब कार्यकारणी की बैठक हुई और उसी दिन मिनट्स भी हो गए पास
रीवा। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में कई जरूरी प्रस्तावों पर चर्चा की जानी थी। कमिश्नर की अध्यक्षता में दोपहर करीब 12.30 बजे बैठक शुरू हुई। बैठक की अध्यक्षता कमिश्नर रीवा संभाग रीवा ने की। इसके अलावा अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा, डीन डॉ मनोज इंदूरकर, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के अधीक्षक डॉ अक्षय श्रीवास्तव मौजूद रहे। बैठक में करीब 58 प्रस्ताव स्वीकृति के लिए रखे गए थे। सबसे प्रमुख प्रस्ताव सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के ही थे। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के सबसे अधिक प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए बजट स्वीकृति का भी प्रस्ताव रखा गया था। उसे भी बैठक में स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की तरफ सबसे अधिक ध्यान यहां बढ़ते हुए मरीजों की संख्या के कारण दी गई है। इसके अलावा गर्मी को ध्यान में रखते हुए संजय गांधी अस्पताल में करीब 20 लाख रुपए के कूलर डक्ट लगाने का भी प्रस्ताव रखा गया था। इसे स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। गायनी विभाग के दो डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव भी रखा गया था। इस प्रस्ताव को फिर अगली बैठक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा जो प्रस्ताव सामान्य प्रशासन की बैठक में ईसी के लिए भेजे गए थे। उन्हें भी चर्चा के लिए बैठक में रखा गया। इन्हें भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई। बैठक में कर्मचारियों के स्थानांतरण का भी प्रस्ताव रखा गया था। इसे कमिश्नर ने रिजेक्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू हो गई है। ऐसे में कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता। बैठक में जो भी प्रस्ताव स्वीकृत हुए। उनका मिनट्स तैयार कर 16 मार्च को ही कमिश्नर से स्वीकृति भी करा ली गई। इसके लिए देर शाम तक डीन और अधीक्षक कार्यालय में ही डटे रहे।
लिपिक को लगी फटकार, गिर सकती है गाज
बैठक के दौरान कमिश्नर एक लिपिक पर भड़क गए। दरअसल बात यह हुई कि कमिश्नर ने मेडिसिन विभाग में गैस्ट्रोलॉजी विभाग की मशीन के संबंध में लिपिक एस एन पटेल पर भड़क गए। उन्होंने पूछा कि क्या मशीनें पहुंच गई हैं। लिपिक ने अनभिज्ञता जाहिर कर दी। इस पर कमिश्नर भड़क गए। दरअसल गैस्ट्रोलॉजी मशीन के पर्चेज आर्डर में लिपिक ने देरी की। पहले मशीन की कीमत कम थी। तब स्वीकृति 7 लाख की हुई। बाद में 8.20 लाख मशीन की कीमत पहुंच गई। मशीन तो पहुंच गई लेकिन उसकी एसेसरीज नहीं आई। अब वह मरीजों के उपयोग नहीं आ रही है। इसी बात पर कमिश्नर भड़क गए।
मशीन आ गई लेकिन इंस्टाल नहीं हो पा रही
इसी तरह का मुद्दा फॉरेंसिक विभाग का भी बैठक में रखा गया। फॉरेंसिक विभाग में हाईटेक पीएम मशीन की खरीदी की गई। चार मशीनें आईं। इसमें से एक मशीन तो इंस्टाल कर दी गई लेकिन शेष तीन मशीनों के लिए जगह ही नहंी मिली। इस पर कमिश्नर ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि डीन, अधीक्षक और विभागाध्यक्ष आपस में सामंजश्य बनाएं और मशीन को इंस्टाल कराएं।
6 महीने से टंकी का ट्रायल नहीं हो पाया पूरा
कार्यकारिणी समिति की बैठक में एक अजब मामला भी रखा गया। पीएचई के कारनामों की खोल यहां खुली। संजय गांधी अस्पताल परिसर में एक ओव्हर हेड टैंक का निर्माण सालों से हो रहा है। बैठक में पहले पीएचई के अधीक्षण यंत्री ने 23 सितंबर 2023 को जानकारी दी थी कि 15 दिन में टंकी बन कर तैयार हो जाएगी। इसके बाद 14 मार्च को पत्र लिखकर जानकारी दी कि टंकी में पानी भर कर ट्रायल किया जा रहा है। अब तक ट्रायल पूरा नहीं हो पाया। दो दिनों से टंकी में ट्रायल ही चल रहा है। इस तरह के पत्राचार के बाद कमिश्नर ने चर्चा को आगे ही बढ़ा दिया।
अब सुपर स्पेशलिटी हर दिन ले सकेंगे अग्रिम भुगतान
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को अग्रिम भुगतान के लिए फ्री हैंड कर दिया गया है। पहले सुपर स्पेशलिटी को महीने में 25 हजार रुपए तक अग्रिम राशि लेने का पावर दिया गया था लेकिन अब इसे हर दिन 25 हजार रुपए तक अग्रिम राशि लेने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। हालांकि इस अग्रिम राशि के लिए उन्हें खर्च की गई राशि का हिसाब देना होगा। समायोजन के बाद ही अगली राशि स्वीकृत की जाएगी।