जमीन के नाम पर ठगी, दमनदीव की पुलिस ने बरा, सगरा और जवा में दी दबिश
जिले में जमीन के नाम पर ठगी का खेल लंबे समय से चल रहा है, आए दिन नए मामले मे प्रकाश में आ ही जाते हैं। सगरा के रहने वाले एक युवक ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर 30 से अधिक लोगों को के साथ जमीन के नाम पर ठगी की और करोड़ों रुपए कमाए, मामले की जानकारी पुलिस को तब हुई जब यह आरोपी पकड़े गए। थाने में जिनके साथ ठगी हुई उनका जमावड़ा देखते ही देखते लग गया। जिसके बाद एक बाद एक पीडि़तों आरोपियों के कारनामों की पोल खोली।
रीवा। जानकारी के मुताबिक शिवम तिवारी निवासी सगरा ने शिवम पांडेय बनकर अपने साथी गोविंद पांडेय निवासी बरा, सचिन मिश्रा उर्फ बेटू निवासी सगरा और ऋषभ मिश्रा, योगेश पांडेय निवासी जवा गोहटा के साथ मिलकर दूसरे की जमीन दिखाकर कई लोगों के साथ ठगी की है। मुख्य सरगना गोविंद को माना जा रहा है, जो अपने बहनोई अग्रवाल का पैसा इस फर्जीवाड़े में फसाता है। इन आरोपियों के द्वारा फर्जी रजिस्ट्रियां भी कराई गईं और करोड़ों रुपए रीवा सहित अन्य राज्यों के लोगों से भी ठगे। पुलिस की कार्यवाही में आरोपियों के पकड़े जाने के बाद पूरा मामला सामने आया।
दमन-दीव से पहुंची पुलिस
आरोपियों ने एक जमीन दमन-दीव के कौशल कुमार ओझा को वर्ष 2016 में 15 लाख मे बेंची थी लेकिन जब वह कब्जा लेने गए तो वह जमीन किसी और की निकली, पैसा वापस करने की बात पर गोविंद मिश्रा ने चेक दिए लेकिन जब वह दमन-दीव में लगाया गया तो वह बाउंस हो गया। न्यायालय में मामला चलता रहा और वारंट पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। बुधवार को सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी के दो सहयोगियों गोविंद और योगेश पांडेय को पकड़ा। मुख्य आरोपी शिवम तिवारी पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है और उसे जेल भेज दिया गया है।
एक-एक कर पहुंचे पीडि़त
बता दें कि थाने में जैसे ही आरोपियों के पकड़े जाने की खबर वायरल हुई, एक-एक कर पीडि़त सिविल लाइन थाना पहुंचने लगे। जिसमें सामने आया कि आरोपियों ने करीब 30 से अधिक लोगो के साथ ठगी की है, हालांकि पुलिस सभी पीडि़तों की शिकायत पर जांच कर रही है। रीवा के इन आरोपियों की कहानी सुन सब उसे नटवरलाल का दर्जा देते रहे, जिसने दूसरों की जमीनों को अपना बताकर लाखों रुपए की ठगी कर डाली।