बिजली कनेक्शन कट रहा फिर भी फर्क नहीं, वैवाहिक आयोजन में फंसे उपभोक्ता, घट रहा कलेक्शन
विद्युत विभाग का कलेक्शन वैवाहिक आयोजनों में फंस कर रह गया है। शादी ब्याज में उपभोक्ता उलझे हुए हैं। कई बाहर जा रहे हैं। यही वजह है कि ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद भी कलेक्शन की राशि नहीं बढ़ रही है। शनिवार को विद्युत विभाग ने शहर संभाग में करीब 423 कनेक्शन काटे। इसमें 173 ऑफलाइन तो 250 आनलाइन कनेक्शन काटे गए।
विद्युत विभाग की परेशानी बढ़ी, बिल नहीं जमा कर रहे उपभोक्ता
ताबड़तोड़ हो रही कार्रवाई, कलेक्शन सिर्फ 11 करोड़ पहुंचा
रीवा। ज्ञात हो कि विद्युत विभाग ने बकयादारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। अक्टूबर पेड नवंबर में विद्युत विभाग को 15 करोड़ का कैश डिमांड का लक्ष्य मिला है। अब तक विभाग के खाते में लक्ष्य के मुकाबले 11 करोड़ आ भी गए है लेकिन राशि आने की रफ्तार काफी धीमी है। सुस्त गति से कलेक्शन पहुंच रहा है। इसके पीछे वजह वैवाहिक आयोजन बताया ज रहा है। लोगों के घरों के कनेक्शन काटे जा रहे हैं। इसके बाद भी लोग बिल जमा नहीं कर रहे हैं। अधिकांश उपभोक्ताओं के घर, परिवार में शांदियां हैं। कई लोग बाहर गए हैं या फिर शादी ब्याह में फंसे हुए हैं। इसके कारण विद्युत विभाग के खाते में राशि नहीं पहुंच रही। इसके अलावा दीवाली के त्यौहार में सभी सरकारी कर्मचारियों को पहले ही वेतन मिल गया था। त्यौहार में खर्चा ज्यादा हो चुका है। अब ऐसे में भारी भरकम बिल चुकाने के लिए भी अगले महीने का इंतजार किया जा रहा है। इस महीने का कैश डिमांड इसी चक्कर में आगे नहंी बढ़ पा रहा।
250 ऑफ लाइन कनेक्शन काटे गए
शनिवार को विद्युत विभाग ने शहर के अलग अलग मोहल्लों में ताबड़तोड़ कार्रवाई की। 173 ऑफ लाइन कनेक्शन काटे गए। इन उपभोक्ताओं पर विभाग का 23.97 लाख रुपए बकाया है। इसी तरह 250 उपभोक्ताओं के ऑफ लाइन कनेक्शन काटे गए। इन उपभोक्ताओं पर 27 करोड़ रुपए का बकाया था। आनलाइन ऑफलाइन दोनों तरह की कार्रवाईयां जारी है।
हर महीने करंट बिल का 2-3 करोड़ फंस रहा
रेग्युलर बिल भरने वाले उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ नहीं पा रही है। रीवा शहर संभाग अंतर्गत कुल 88 हजार उपभोक्ता हैं। इसमें अधिकतम रेग्युलर बिल जमा करने वाले उपभोक्ता 58 हजार तक ही पहुंच पाते हैं। इसके कारण हर महीने दो से तीन करोड़ रुपए का बिल हर महीने अटक जाता है। यह राशि एरियर में जुड़ जाती है। यदि रेग्युलर हर महीने उपभोक्ताओं के बिल जमा करने की संख्या 65 हजार तक पहुंच जाए तो एरियर वसूली में विभाग को मशक्कत नहीं करनी पड़े।