बिजली विभाग ने दिया मनमानी बिल और काट दिया था कनेक्शन, फोरम ने लगाई 68 हजार की पेनाल्टी
विद्युत विभाग की मनमानी पर उपभोक्ता फोरम ने तगड़ा प्रहार किया है। एक उपभोक्ता की याचिका की सुनवाई करते हुए विद्युत विभाग पर 68 हजार रुपए की पेनाल्टी लगाई है।
रीवा। जानकारी के अनुसार सिरमौर तहसील अंतर्गत मउ निवासी राजाराम बढ़ई पिता मोतीलाल उम्र 62 वर्ष ने मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी केन्द्र कंपनी के वितरण केन्द्र सिरमौर और शक्ति भवन रामपुर जबलपुर के विरुद्ध जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि परिवादी को 7 हार्सपावर का गैर घरेलू विद्युत कनेक्शन पुराना सर्विस क्रमांक 77-2-2115130 आईवीआरएस एन 1381015182 आटा चक्की के संचालन के लिए प्रदान किया गया था। विद्युत विभाग ने बकाया बिल जमा न होने पर कनेक्शन काट दिया। विद्युत विभाग ने उपभोक्ता को मनमानी बिल भेजे थे। इसे सुधारने के लिए उपभोक्ता ने विभाग के पास शिकायत भी की। इसके बाद भी सुधार कार्य नहीं कराया गया और कनेक्शन काट दिया गया। इसके खिलाफ पीडि़त ने उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की थी।
यह राहत मांगी थी
उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर कर उपभोक्ता ने मांग की थी कि परिवादी के काटे गए कनेक्शन को तत्काल जोड़ा जाए। मनमानी रीडिंग के अनुसार देयकों का निर्धारण कराया जाए। विद्युत कनेक्शन काटे जाने के बाद 25 अगस्त 2022 से परिवादी को 500 रुपए प्रतिदिन की दर से आर्थिक क्षतिपूर्ति दिलाई जाए। मानसिक क्षतिपूर्ति व विधिक कार्यवाही के व्यय के लिए परिवादी को प्रतिपक्षीगण से 10 हजार रुपए दिलाया जाए।
उपभोक्ता फोरम ने आदेश में यह कहा
उपभोक्ता फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश में कहा कि प्रतिपक्षीगण ने अगस्त 2021 से मार्च 2023 तक के परिवादी को दिए गए विद्युत देयक मनमानी, अयुक्तियुक्त और अवैध होने के कारण इन देयकों की राशि परिवादी से पाने के अधिकारी नहीं है। प्रतिपक्षीगण अगस्त 2021 से अगस्त 2022 तक का विद्युत देयक वास्तविक रीडिंग जो प्रदर्श सी 8 एवं सी 3 में अंकित है के आधार पर परिवादी को विद्युत देयक प्रदानकरें और उन विद्युत देयक प्राप्त होते ही परिवाद को 15 दिन में देयक की राशि अदा करें। प्रतिपक्षीगण परिवाी के विद्युत कनेक्शन को आदेश प्राप्ति की तारीख के 15 दिन के अंदर पुन: संयोजित करें। रिकनेक्शन चार्ज वसूलनीय नहीं होगा। प्रतिपक्षीगण संयुक्तत: एवं पृथक पृथक दायित्व सहित 63 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 2 हजार, विधिक कार्यवाही के लिए 3 हजार रुपए कुल 68 हजार रुपए की राशि परिवादी को अदा करे।