स्वास्थ्य विभाग में कायाकल्प के नाम पर लाखों का गबन
भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग में अब काया कल्प के बजट का गबन किया गया है। तत्कालीन सीएमएचओ समेत डीपीएस, नोडल अधिकारी और एपीएम ने लाखों रुपये बिना काम के ही हजम कर लिया है। मामले की शिकायत कलेक्टर प्रतिभा पाल से की गई है। दावा किया गया है कि मामले की जांच कराई जाये तो लाखों रुपये की अनियमितता सामने आयेगी।
तत्कालीन सीएमएचओ व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ की गई कलेक्टर से शिकायत
REWA।शिकायतकर्ता मोहित पटेल वार्ड क्रमांक 15 बेलौहन टोला ने बताया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य ग्रामीण मिशन के द्वारा संजीवनी क्लीनिक एवं स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने के लिये हर साल लाखों रुपये आवंटित किये जाते हैं। इस राशि का उपयोग कायाकल्प यानी स्वास्थ्य केंद्रों में उपकरण खरीदी व रख रखाव के लिये किया जाना चाहिये। लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। आरोप है कि तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. बीएल मिश्रा समेत उनके चहेते नोडल अधिकारी डॉ. केबी गौतम, प्रभारी डीपीएम शिवशंकर तिवारी समेत अन्य उक्त बजट को डकार लिया है। लाखों रुपये का फर्जी बिल लगाकर भुगतान प्राप्त कर लिया है। जबकि स्वास्थ्य केंद्र व संजीवनी क्लीनिक में कोई काम नहीं कराये गये। जबकि उक्त कार्य के लिये विज्ञापन भी नहीं जारी किया गया।
आउटसोर्स भर्ती में मनमानी
आरोप है कि तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. बीएल मिश्रा व उनके मातहतों ने आउट सोर्स से होने वाली कर्मचारियों की भर्ती में भी घपला किया है। रुपये लेकर नौकरी दी गई है। जबकि नियुक्ति के लिये कलेक्टर की अनुशंसा चाहिये होता है। इसके अलावा आशा चयन के लिये भी विज्ञापन जारी कर दिया गया है। जबकि 7 जून 2023 को वीडियो कांफ्रेंस के दौरान एमडी ने आशा चयन पर रोक लगा दिया था।
फर्जी ग्रीन कार्ड में फंस चुके हैं एपीएम
स्वास्थ्य विभाग रीवा में पदस्थ प्रभारी एपीएम शिव शंकर तिवारी भ्रष्टाचार से घिरे हुये हैं। बताया गया है कि फर्जी ग्रीन कार्ड बनाने में भी वह फंस चुके हैं। जांच टीम ने आरोप सिद्ध पाया है। लेकिन इसके बाद भी वे पद पर बने हुये हैं।