जेल की ऊंची दीवार भी नहीं रोक पाई बहनों का प्यार, भाइयों के हाथ में बांधी राखी
जेल में बंद भाइयों को रक्षाबंधन के त्योहार में बहनों को मिलने से रोक नहीं पाई। केंद्रीय जेल रीवा पहुंचकर बहनों ने भाइयों के हाथों में राखी बांधी। उन्हें प्यार से मिठाई खिलाई। उपहार में भाइयों में कोई तोहफा तो नहीं दिया लेकिन रक्षा का वायदा जरूर किया।
रीवा। बुधवार को रक्षाबंधन का त्योहार जेल में भी बड़े धूमधाम से मनाया गया। यहां जेल में बंद भाइयों से मिलने उनकी बहनें दूर-दूर से पहुंची थी। सुबह से ही यहां बहनों का मेला लगा हुआ था। सभी भाइयों के लिए रंग बिरंगी राखियाँ र और मिठाइयां लेकर पहुंची थी। केंद्रीय जेल प्रबंधन में रक्षाबंधन के दिन भाइयों के हाथ राखी बांधने के लिए भी पहले रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की हुई थी। सुबह पहुंची बहनों ने पहले भाइयों से मिलने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। उसके बाद सुबह निर्धारित समय में भाइयों से मिलने का मौका मिला। लंबे समय बाद भाइयों से मिलने वाली बहनें उन्हें देखकर फूट-फूट कर रोईं। बहन और भाइयों की आंखें नम थीं। इस हालत में रक्षाबंधन मानना पड़ेगा इस बात का भी गम था। भाइयों को इस तरह जेल में बंद देखकर बहने खुद को रोने से रोक नहीं पा रहीं थी। बहनों ने भाइयों से रक्षाबंधन के त्यौहार में उपहार के रूप में जेल से छूटने के बाद ईमानदारी से जिंदगी जीने का वचन भी मांगा। बुधवार को एक तरफ जहां भद्रा काल मानकर लोगों ने दिन में राखियाँ नहीं बंधवाई और रात होने का इंतजार करते रहे। वही जेल में शुभ अशुभ योग की कहीं कोई जगह ही नजर नहीं आई।