रीवा और मऊगंज में घरों पर लगे सोलर पैनल से हर दिन रिकार्ड तोड़ बन रही बिजली, आंकड़े कर देंगे आपको हैरान
पीएम सूर्य घर योजना ने रिकार्ड तोड़ दिया है। अब घरों में सूर्य की रोशनी से बिजली तैयार की जा रही है और विद्युत विभाग सीधे खरीद रहा है। रीवा और मऊगंज जिला में 8 महीनों में 918 लोगों ने सोलर पैनल लगाए। अब इस सोलर पैनल से 21 हजार 252 यूनिट बिजली हर दिन तैयार हो रही है।
तेजी से बढ़ रही है पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के हितग्राहियों की संख्या
550 के घरों पर बन रही है सोलर पैनल से बिजली
रीवा। ज्ञात हो कि सरकार प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना लेकर आई है। इस योजना ने सोलर प्लांट के बाजार में बूम ला दिया है। वहीं लोगों के बीच में इसकी डिमांड बढ़ा दी है। यही वजह है कि हर कोई घर और दुकान में सोलर प्लांट लगाकर नि:शुल्क बिजली का फायदा उठाने में जुटा हुआ है। सरकार की योजना का असर भी दिखने लगा है। जब से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू हुई है। तब से अब तक इन 8 महीनों में आवेदन करने वालों की झड़ी सी लग गई है। उपभोक्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 8 महीनों में 918 कनेक्शन पीएम सूर्य घर योजना के तहत दिए गए हैं। इसके अलावा 50 कनेक्शन पुरानी योजना के तहत थे। हालांकि पहले भी इस योजना में सब्सिडी दी जा रही थी लेकिन नई योजना में मेंटीनेंस अवधि बढऩे के कारण लोग का रुझान बढ़ा है। आने वाले दिनों में सोलर प्लांट अधिकांश घरों में लगा नजर आएगा।
ग्रिड सिस्टम पर करता है काम
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ग्रिड सिस्टम पर काम करता है। इस योजना के तहत सरकार सोलर पैनल लगाने पर अधिकतम 78 हजार रुपए तक की सब्सिडी भी देती है। इसके अलावा कामर्सियल उपयोग के लिए सस्ती दरों पर पैनल लगाए जाते हैं। 1 किलो वाट तक के सोलर प्लांट लगाने पर 30 हजार, दो किलो वाट तक 60 और 3 किलोवाट तक के प्लांट पर 78 हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है। इसके अधिक की क्षमता के प्लांट लगाने पर भी 78 हजार रुपए तक की सब्सिडी मिलती है।
58 वेंडर रीवा जिला में काम कर रहे
सोलर पैनल लगाने के लिए विद्युत विभाग से करीब 200 वेंडरों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। हालांकि इसमें से सिर्फ 58 वेंडर ही ऐसे हैं जो एक्टिव मोड पर हैं और सेवाएं दे रहे हैं। इसमें अधिकांश वेंडर दूसरे राज्यों से हैं, जिन्होंने रीवा में ही अपना कार्यालय खोल दिया है। सोलर पैनल पर कंपनियां 25 साल तक के मेंटीनेंस की वारंटी देती है। इसके अलावा इनवर्टर आदि पर 5 से 10 साल तक की वारंटी दे रही हंै।
उपयोग के बाद जितनी बच गई वह बिजली विभाग ले लेता है
सभी घरों, और दुकानों में ग्रिड सिस्टम लगाया जा रहा है। इसमें दिन में जितनी भी बिजली सोलर से बनती है। उसमें से जो भी उपयोग करनी है वह घर में उपयोग कर ली जाती है। इसके अलावा जो बिजली बनती है वह ग्रिड सिस्टम से विद्युत विभाग के पास चली जाती है। विद्युत विभाग जितनी भी बिजली लेगा, वह बाद में मंथली बिल में घट कर आएगा। रात में सोलर सिस्टम काम नहीं करता। इस दौरान विद्युत वितरण से मिलने वाली बिजली का ही उपयोग किया जाता है।
आफिसों में लगे सोलर पैनल बंद होने लगे
शासन की योजना के तहत सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल लगाए गए थे। यह सारी सोलर पैनल सिर्फ पांच साल की वारंटी पर बाहर की कपंनियों से लगाए गएथे। अब यह सारे काम करना बंद कर दिए हैं। सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों में लगे सोलर पैनल को अब नई योजना में कनवर्ट किया जा रहा है। विवि में लगे सोलर पैनल को हाल ही में प्रबंधन ने नई योजना के तहत कनवर्ट कराया गया। इसमें अब 25 साल की वारंटी में जुड़ गए हैं। पुरानी योजना के तहत मेडिकल कॉलेज, कलेक्ट्रेट, जिला अस्पताल में भी सोलर पैनल लगाए गए थे।
8 महीने में 918 कनेक्शन किए गए
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 8 महीने में ताबड़तोड़ पैनल लगाए गए। रीवा जिला में कुल 918 कनेक्शन दिए गए। इसमें से 330 कनेक्शन घरों में दिए गए। शेष कनेक्शन कामर्सियल किए गए हैं। वहीं 50 कनेक्शन पुरानी योजना के तहत किए गए। इन सोलर प्लांट से रीवा जिला में 5313 किलोवाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
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पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के 8 महीने से 918 कनेक्शन किए गए हैं। इस योजना के तहत सरकार सब्सिडी भी देती है। जो भी बिजली तैयार होती है। वह विद्युत विभाग लेती है। जितनी यूनिट विद्युत विभाग लेगी उतनी यूनिट मंथली बिल में घटा कर बिलिंग की जाएगी। यदि किसी को इससे संंबंधित जानकारी चाहिए तो वह गल्ला मंडी कार्यालय पहुंच कर संपर्क कर सकता है।
किशोर त्रिपाठी
सोलर प्रभारी और जेई, शहर संभाग रीवा