आबकारी आरक्षक 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया
गुरुवार को एक और शासकीय कर्मचारी रिश्वत लेते लोकायुक्त के चंगुल में फंस गया। लोकायुक्त ने आबकारी विभाग के एक आरक्षक को ₹5000 की रिश्वत लेते ट्रेप किया है। आरक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है आरक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एक और शासकीय लोक सेवक हुआ ट्रेप
रीवा। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम सरसी तहसील ब्यौहारी जिला शहडोल के राजेश जायसवाल ने लोकायुक्त में एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा था कि आबकारी विभाग का आरक्षक अरविंद मिश्रा उनसे रूपयों की मांग कर रहा है। राजेश जायसवाल ने लोकायुक्त को बताया कि किसी प्रकरण में उसे फंसाने के बदले आरक्षक रुपए मांग रहा है। लगातार रुपयों की मांग की जा रही थी । राजेश जायसवाल ने इसमें से ₹4000 पहले ही दे चुके थे। फिर से ₹5000 की डिमांड कर दी थी। लोकायुक्त रीवा ने मामले की जांच कराई जांच कराई। शिकायत सही मिली। इसके बाद आरक्षक आबकारी विभाग को पकड़ने के लिए रणनीति तैयार की गई ।एक टीम बनाकर शिकायतकर्ता के साथ आरक्षक के बताए हुए स्थान पर भेजा गया। आरक्षक ने रुपए लेकर शिकायतकर्ता को अपने ब्यौहारी स्थिति आवास पर बुलाया। लोकायुक्त की टीम बाहर ही खड़ी थी और आरक्षक के पास शिकायतकर्ता ₹5000 की रकम लेकर गया। आवास पर जैसे ही आबकारी आरक्षक ने रिश्वत की रकम ली वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने दबिश दे दी। रिश्वत की रकम के साथ आबकारी आरक्षक को रंगे हाथ पकड़ डाला गया। ट्रेपकर्ता अधिकारी इंस्पेक्टर जिया उल हक थे। ट्रेप दल के सदस्य में निरीक्षक जिया उल हक , dsp परिहार सहित 12 सदस्यीय टीम शामिल रही।
कुछ दिन पहले ही आईटीआई प्राचार्य भी पकड़े गए थे
रीवा लोकायुक्त लगातार रिश्वत लेने वाले लोक सेवकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। हाल ही में आईटीआई रीवा के प्राचार्य को भी 50000 की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने पकड़ा था। परचेज क्लर्क से बिल पास करने के एवज में प्राचार्य ने ₹50000 की रिश्वत मांगी थी। इसी मामले में वह ट्रेप हुए थे। इसके पहले सिद्धी जिला के मेडिकल ऑफिसर को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते पकड़ा था। एमएलसी मामले में पीड़ित से रिश्वत की मांग की गई थी। इसी तरह जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी एक लिपिक के खिलाफ ट्रेप की कार्रवाई हो चुकी है। यह सारी करवाई पिछले 20 से 30 दिनों के अंदर की है।