महारथियों का विंध्य की धरती पर स्वागत है...रीवा की उम्मीद हैं आप, बढ़ाइए निवेश का हाथ, यहां सब के सपने होंगे साकार
बुधवार की सुबह रीवा के लिए एक उम्मीदों की सुबह लेकर आएगा। रीवा में रीजनल इंडस्ट्रियल कानक्लेव का आयोजन हो रहा है। यह कानक्लेव रीवा की तकदीर और तस्वीर बदल देगा। इसमें कई नामी गिनामी कंपनियों के सीईओ और डेलीगेट्स आ रहे हैं। रीवा की इन उम्मीदवारों के महारथियों का विंध्य की धरती में जोरदार स्वागत की तैयारी है। यहां सारा तानाबना तैयार है। विंध्य में संसाधनों की कमी नहीं है। यहां बिजली, पानी, खनिज, औषधीय तत्वों की भरमार है। सिर्फ उद्यमियों के इन्वेस्टमेंट का इंतजार है। सुबह बड़े उद्यमियों के चाटर्ड प्लेन लैंड होंगे। सीएम वन टू वन चर्चा करेंगे। विंध्य की उपलब्धियों और संसाधनों से रूबरू कराएंगे। आसपास के क्षेत्र भी घुमाएंगे। यदि सब कुछ ठीक रहा तो बुधवार का दिन रीवा की तकदीर पर नई लकीर खींचने वाला होगा, जो सब कुछ बदल देगा।
बुधवार की सुबह कई बड़े उद्यमी चाटर्ड प्लेन से पहुंच रहे हैं
रीवा, सतना और खजुराहों में लैंड होंगे प्लेन
पतंजलि, अडानी, हिंडाल्को, अल्ट्राटेक, जेपी, डालमिया ग्रुप के प्रतिनिधि पहुंच रहे
रीवा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर विन्ध्य के विकास के लिए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव बड़ी सौगात साबित होगा। विन्ध्य में खनिज संपदा पानी, बिजली और उद्योगों को स्थापित करने के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। विन्ध्य में रेलवे लाइन, हाइवे तथा एयरपोर्ट की सुविधा भी है। विन्ध्य में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, संजय गांधी टाइगर रिजर्व, मुकुन्दपुर व्हाइट टाइगर सफारी, माँ शारदा मंदिर मैहर, चित्रकूट, चचाई प्रपात, पुरवा प्रपात, बहुती प्रपात सहित अनेक पर्यटन स्थल हैं। इसके साथ-साथ पूरे विन्ध्य में कई ऐतिहासिक स्थल भी हैं। इनसे विन्ध्य में पर्यटन को ऊंची उड़ान मिलेगी। विन्ध्य में 225 किलोमीटर की परिधि में 29 बड़ी औद्योगिक इकाईयाँ संचालित हैं। विन्ध्य सीमेंट उत्पादन और बिजली उत्पादन का बहुत बड़ा केन्द्र है। रीवा में 750 मेगावाट का सोलर प्लांट विन्ध्य की प्रगति की गाथा कह रहा है। बाणसागर बांध का निर्माण पूरा होने के बाद पूरे विन्ध्य में कृषि और उद्यानिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रगति हुई है। धान, गेंहू, प्याज, कई तरह के फूल, सब्जियाँ तथा फल बड़ी मात्रा में उत्पादित किए जा रहे हैं। कोदौ, मक्का, ज्वार जैसे श्री अन्न का भी उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। इनके प्रोसेसिंग यूनिट रीवा और सिंगरौली में स्थापित किए गए हैं। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी विन्ध्य तेजी से प्रगति करने की ओर कदम बढ़ा रहा है। रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव से विन्ध्य के औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री आज करेंगे रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का शुभारंभ
प्रदेश की पांचवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव रीवा में 23 अक्टूबर को आयोजित की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रात: 10.30 बजे इस कान्क्लेव का कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम के मुख्य हाल में शुभारंभ करेंगे। इस कान्क्लेव में देश के प्रमुख उद्योगपति शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री विन्ध्य में औद्योगिक क्षेत्र मे निवेश के संबंध में उद्योपतियों से अलग-अलग चर्चा करेंगे। पृथक से बनाये गये चार कक्षों में मुख्यमंत्री उद्योगपतियों से संवाद करेंगे। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र्र शुक्ल ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री तथा रीवा जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, नगरीय विकास मंत्री प्रतिमा बागरी, उद्योग मंत्री श्री चैतन्य कश्यप, ग्रामीण विकास मंत्री राधा सिंह भी शिरकत कर रहे हैं। कार्यक्रम में विषय विषयज्ञों द्वारा लघु उद्योगों, कुटीर उद्योगों, कृषि पर आधारित उद्योगों तथा पर्यटन उद्योग के संबंध में विशेष रूप से बनाये गये सेमिनार कक्ष में चर्चा की जायेगी। इसमें लगभग एक हजार व्यक्तियों की बैठने की क्षमता है। कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों तथा प्रमुख उद्योगों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी है।
कई बड़े उद्यमी आएंगे
समारोह में बिरला ग्रुप, डालमिया ग्रुप, पतंजलि समूह, जेपी ग्रुप, एनसीएल, एनटीपीसी,अल्ट्राटेक सीमेंट, अडाणी ग्रुप,बालाजी ग्रुप, हिंडाल्को, सहित कई बड़े उद्योगपति शामिल हो रहे हैं। समारोह में शामिल होने के लिए चार हजार से अधिक उद्योगपतियों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया है। उद्योगपतियों के लिए रीवा के सभी होटलों को पहले से ही बुक कर दिया गया था। सभी उद्यमियों को होटल और कमरे एलॉट कर दिए गए थे। जो रीवा पहुंचे, वह सीधे होटलों में पहुंच गए। अधिकांश उद्यमियों के सुबह पहुंचने की उम्मीद है। सुबह 8 से 9 बजे तक अधिकांश उद्योगपति रीवा पहुंच जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के विजनरी नेतृत्व में प्रदेश के समग्र विकास को मिल रही है नई दिशा: उप मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र्र शुक्ल ने कहा कि विन्ध्य क्षेत्र में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएँ हैं और इसे साकार करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) जैसे आयोजन आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक हैं, क्योंकि यह क्षेत्रीय विशेषताओं के आधार पर निवेश संभावनाओं को प्रस्तुत कर औद्योगिक विकास में संतुलन लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजनरी नेतृत्व में यह पहल प्रदेश के समग्र विकास को एक नई दिशा प्रदान कर रही है। इसका पाँचवां संस्करण 23 अक्टूबर को रीवा में आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में सफलतापूर्वक कॉन्क्लेव आयोजित किए जा चुके हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में ईज़ ऑफ डूइंग बिजऩेस और सिंगल विंडो क्लीयरेंस और औद्योगिक सहयोगी पहलों से निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बना है। इसी सकारात्मक माहौल के चलते अब तक 4,000 से अधिक निवेशकों ने रीवा में होने वाले इस कॉन्क्लेव के लिए पंजीकरण कराया है।
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि विन्ध्य क्षेत्र में उद्योगों के लिए 9,000 हेक्टेयर से अधिक का भूमि बैंक उपलब्ध है। इस कॉन्क्लेव में आईटी, पर्यटन, माइनिंग, एमएसएमई, कुटीर उद्योग, और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। विन्ध्य क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं, जिनका विकास प्रदेश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने विश्वास जताया कि यह कॉन्क्लेव विन्ध्य क्षेत्र के विकास में एक नया अध्याय लिखेगी।
----------------
मध्यप्रदेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में औद्योगिक विकास का नया केंद्र बना रीवा संभाग
रीवा संभाग, जो मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित है, आज तेजी से एक उभरते औद्योगिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। अपनी सांस्कृतिक धरोहर, प्राचीनता, प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता और खनिज भंडारों के साथ यह क्षेत्र निवेशकों के लिए अनगिनत अवसर प्रस्तुत करता है। यहां न सिर्फ औद्योगिक विकास के लिए मजबूत आधारभूत संरचना तैयार की गई है, बल्कि इसके पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व ने भी इसे और अधिक आकर्षक बना दिया है।
रीवा संभाग के औद्योगिक क्षेत्र - चोरहटा, गुढ़, बाईपास, और त्योथर जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन क्षेत्रों में निर्माण सामग्री, कृषि आधारित उद्योग, धातु उद्योग, और खाद्य प्रसंस्करण जैसे उद्योग प्रमुखता से उभर रहे हैं। रीवा का हवाई संपर्क जुडऩे के बाद इन क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों की रफ्तार और भी बढ़ गई है, जिससे निवेशकों को माल की ढुलाई और उत्पादों की आपूर्ति में आसानी हो रही है।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर - रीवा संभाग का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व इसे पर्यटन के नजरिए से भी महत्वपूर्ण बनाता है। यहां स्थित रीवा किला, गोविंदगढ़ का किला, और मुक्ति धाम जैसे स्थान न केवल ऐतिहासिक धरोहर हैं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, रीवा के साथ जुड़ी बघेलखण्ड की संस्कृति ने भी इस क्षेत्र को एक विशिष्ट पहचान दी है।
खनिज और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता - रीवा संभाग खनिज संसाधनों से समृद्ध है। यहां प्रचुर मात्रा में चूना पत्थर, डोलोमाइट, और बॉक्साइट जैसे खनिज पाए जाते हैं, जो औद्योगिक गतिविधियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन खनिज संसाधनों का दोहन स्थानीय उद्योगों को कच्चा माल उपलब्ध कराता है, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बल मिलता है।
पर्यटन और पौराणिक महत्व
रीवा संभाग अपने प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है। केऊटी जलप्रपात, चित्रकूट और सिद्ध बाबा जैसे स्थानों का पर्यटन महत्व है, जो न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हैं बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र की धार्मिक धरोहर भी पर्यटन को बढ़ावा देती है।
राष्ट्रीय राजमार्गों और मजबूत कनेक्टिविटी का लाभ
रीवा संभाग से कई प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 30, एनएच 75 और एनएच 39) गुजरते हैं, जो इसे अन्य राज्यों से जोड़ते हैं और व्यापारिक गतिविधियों को आसान बनाते हैं। इन राजमार्गों के साथ ही अब हवाई संपर्क भी उपलब्ध है, जिससे माल की तेज और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित होती है। रीवा की उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार से निकटता इसे एक लॉजिस्टिक हब के रूप में उभरने का अवसर प्रदान करती है, जिससे निवेशकों के लिए व्यापारिक गतिविधियां सरल हो जाती हैं।
मजबूत आधारभूत संरचना और सरकारी प्रोत्साहन
रीवा संभाग में उद्योगों को स्थापित करने के लिए मजबूत आधारभूत संरचना तैयार की गई है, जिसमें सस्ती औद्योगिक भूमि, बिजली और जल की बेहतर उपलब्धता शामिल है। सरकार की कर छूट, सस्ती दरों पर भूमि और प्रोत्साहन योजनाएं निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। रीवा संभाग, अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और औद्योगिक धरोहर के साथ, मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का तेजी से उभरता हुआ औद्योगिक केंद्र बन रहा है। हवाई और सड़क संपर्क, प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता, और सरकार की नीतियां इसे निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाती हैं। आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन सकता है, जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा।
-----------------
उप मुख्यमंत्री ने लिया तैयारियों का जायजा
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र्र शुक्ल ने 23 अक्टूबर को कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में आयोजित हो रहे रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव कीतैयारियों का जायजा लिया। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक करके कॉन्क्लेव के लिए की जा रही तैयारियों की बिन्दुवार चर्चा की। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव विन्ध्य को औद्योगिक विकास का नया क्षितिज देगा। विन्ध्य में विकास की अपार संभावनाएं हैं। यहाँ निवेश करने के लिए कई बड़े उद्योगपतियों ने रुचि दिखाई है। विन्ध्य में कई सुंदर जल प्रपात, धार्मिक स्थल, टाइगर रिजर्व तथा अन्य प्राकृतिक स्थल हैं। रेल मार्ग, फोरलेन सड़कों तथा रीवा एयरपोर्ट के माध्यम से हवाई सेवा की सुविधा हो जाने से पर्यटन उद्योग में तेजी से विकास होगा। इसके माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा। इसी तरह कृषि पर आधारित उद्योगों तथा नवकरणीय ऊर्जा में भी निवेश की अच्छी संभावनाएं हैं। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के माध्यम से इन संभावनाओं को मूर्त रूप देने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने विन्ध्य के औद्योगिक विकास को विशेष महत्व देते हुए रीवा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कराया है। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए हम सब मिलकर प्रयास करें। उप मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा व्यवस्था, मीडिया की व्यवस्था, उद्योगपतियों के साथ संवाद की व्यवस्था तथा अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की। इस अवसर पर प्रबंध संचालक एमपीआईडीसी चन्द्रमौलि शुक्ला, कमिश्नर बीएस जामोद, आईजी एमएस सिकरवार, कलेक्टर प्रतिभा पाल पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
-----------------
विंध्य क्षेत्र को निवेश और औद्योगिक केन्द्र के रूप में करेंगे स्थापित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से 23 अक्टूबर को रीवा में प्रदेश की पांचवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य विंध्य क्षेत्र को निवेश और औद्योगिक अवसरों के केंद्र के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2025 को 'उद्योग एवं रोजगार वर्षÓ घोषित किया गया है। इसके दृष्टिगत प्रदेश में हुई आरआईसी को एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में देखा जा रहा है।
रीवा स्थित कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में होने वाली कॉन्क्लेव में 4 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है, जिसमें 50 से अधिक प्रमुख निवेशक और 3 हजार से अधिक एमएसएमई उद्यमी शामिल होंगे। सम्मेलन का मुख्य फोकस राज्य के प्रमुख क्षेत्रों— ऊर्जा, खनन, कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन एवं हस्तशिल्प में निवेश को प्रोत्साहित करने पर होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की इस पहल का उद्देश्य राज्य में निवेशकों और उद्यमियों के बीच एक सार्थक संवाद स्थापित करना है, जिससे औद्योगिक विकास के नए द्वार खुलेंगे।
प्रेजेन्टेशन के साथ राउंडटेबल और सेक्टोरल सत्र
- कॉन्क्लेव में राज्य सरकार के विभिन्न विभाग औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, एमएसएमई, आईटी, खनन, ऊर्जा और पर्यटन विभागों द्वारा प्रमुख प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इसके अलावा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा पर एक विशेष राउंडटेबल-सत्र भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें उद्योग के उभरते अवसरों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श होगा। चार सेक्टोरल-सत्र भी होंगे, जो एमएसएमई, स्टार्टअप्स, खनन एवं खनिज, पर्यटन और कुटीर उद्योगों में निवेश अवसरों पर केंद्रित होंगे।
वन-टू-वन बैठकें और भूमिपूजन
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव से 20 से अधिक निवेशक वन-टू-वन बैठक करेंगे, जिससे सरकार और निवेशकों के बीच सीधा संवाद स्थापित हो सकेगा। साथ ही, मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा रीवा आईटी पार्क और चुरहटा औद्योगिक क्षेत्र में विद्युत उपकेंद्र सहित 20 से अधिक औद्योगिक प्रतिष्ठानों का वर्चुअल भूमिपूजन किया जाएगा। इसके अलावा, 80 से अधिक निवेशकों को भूमि आवंटन पत्र भी वितरित किए जाएंगे, जो प्रदेश में निवेश की प्रक्रिया को और सरल बनाएंगे।
ओडीओपी और जी-2-सी प्रदर्शनी स्टॉल -
कॉन्क्लेव में ओडीओपी (एक जिला-एक उत्पाद) और जी-2-सी (सरकार से नागरिक) स्टॉल भी स्थापित किए जाएंगे। इनमें एमपी इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन, एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन, डायरेक्टोरेट ऑफ़ फ़ॉरेन ट्रेड, कस्टम विभाग, ईसीजीसी लिमिटेड, फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट और हस्तशिल्प विकास निगम सहित 16 से अधिक विभाग और संस्थान शामिल होंगे। यह प्रदर्शनी उद्यमियों को सरकारी योजनाओं और नीतियों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेगी, जिससे वे अपने व्यावसायिक निर्णयों को प्रभावी ढंग से ले सकेंगे।
व्यापारिक प्रोत्साहन और अवसर
- कॉन्क्लेव का उद्देश्य न केवल व्यापारिक अवसरों को बढ़ावा देना है, बल्कि निवेशकों और उद्यमियों के लिए राज्य में उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को और आसान बनाना है। बिजऩेस प्रमोशन सेंटर के अंतर्गत, विभिन्न ट्रेड एसोसिएशन और सरकारी विभागों के प्रतिनिधि व्यापारिक संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे। एमपी इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआईडीसी) द्वारा व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए नवीनतम नीतियों और योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
नवकरणीय ऊर्जा पर राउंड टेबल सत्र और सेक्टोरल-सत्र
- कॉन्क्लेव में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा पर एक विशेष राउंड टेबल-सत्र होगा, जिसमें उद्योग जगत के विशेषज्ञ पर्यावरणीय संतुलन और औद्योगिक विकास पर चर्चा करेंगे। साथ ही, चार थीमेटिक-सत्रों के माध्यम से एमएसएमई, स्टार्टअप्स, खनन, पर्यटन और कुटीर उद्योगों में उभरते अवसरों पर विचार-विमर्श होगा।
वाइब्रोंट विंध्य: औद्योगिक विकास की नई दिशा
- रीवा में होने वाली कॉन्क्लेव विंध्य क्षेत्र के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री डॉ.यादव की पहल पर आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करना है, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश को एक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इन्वेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के लिए जारी किए गए विशेष आमंत्रण के साथ, यह सम्मेलन राज्य के आर्थिक विकास और निवेश के लिए नए अवसरों का द्वार खोलने में सहायक सिद्ध होगा। वाइब्रोंट विंध्य का यह आयोजन न केवल विंध्य क्षेत्र, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को एक नई दिशा देने का कार्य करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नेतृत्व में प्रदेश सरकार के समर्पण और प्रयासों से राज्य जल्द ही एक औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरने की राह पर अग्रसर है।