नईगढ़ी में मजदूर की मौत पर परिजनों को हंगामा, सड़क पर शव रखकर लगा दिया जाम

नईगढ़ी थाना क्षेत्र के बहेरा नानकर गांव में पेड़ काट रहे श्रमिक की अस्पताल में बीती शाम मौत हो गई। घटना से आक्रोशित परिजनों ने शनिवार को नईगढ़ी थाना के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया।

नईगढ़ी में मजदूर की मौत पर परिजनों को हंगामा, सड़क पर शव रखकर लगा दिया जाम

डॉक्टर हार्ट अटैक बता रहे तो परिजनों ने परिजन की करंट लगने से मौत की बात कही
रीवा। मिली जानकारी के मुताबिक राज बहोर यादव पिता दुलारे यादव उम्र 40 वर्ष निवासी देवरी सेंगरान गांव को शुक्रवार को पेड़ कटवाने के लिए बहेरा नानकार गांव ले जाया गया था।  पेड़ की कटाई करते समय गंभीर रूप से वो घायल हो गया। जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई। परिजनों की माने तो मृतक राज बहोर यादव जिनके यहां मजदूरी करने गए थे। वे पेड़ की कटाई करवा रहे थे जिस पेड़ की कटाई की जा रही थी उसके ऊपर से 11 हजार केवी विद्युत लाइट का करंट गया था, और वह करंट की चपेट में आ गया जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि हार्ट अटैक से मौत बताई जा रही है, जबकि राजबहोर करंट की चपेट में आया जिसके बाद उसे गंभीर रूप से घायल अवस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगढ़ी लाया गया था, जहां उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि घटना के बाद उन्हे किसी तरह जानकारी नहीं दी गई और सीधे मृतक को अस्पताल पहुंचाया गया। उन्हे सूचना मिली की अस्पताल में राजबहोर के उपचार के लिए लाया गया है, जिसके बाद जब तक वो स्वास्थ्य केद्र पहुंचे उसकी मौत हो चुकी थी। परिजनों की मांग है की घटना की जांच होनी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए। नईगढ़ी पुलिस की माने तो  पीएम के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा की मौत के कारण स्पष्ट होंगे। पुलिस मर्ग कायम कर घटना की विवेचना में जुटी हुई है।
सड़क पर शव रखकर घंटो हुआ प्रदर्शन
पीडि़त परिजनों ने आरोप लगाया कि राजबहोर बकरी चराने के लिए घर से निकलने वाला था तभी कुछ लोग पहुंचे और जबरन उसे पेड़ काटने के लिए ले गए जहां करंट लगने से उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि हार्ट अटैक से मौत होना बताया जा रहा है जबकि उसकी मौत करंट से हुई है। पुलिस कार्रवाई को लेकर परिजनों ने पुलिस थाना के सामने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया। अधिकारियों द्वारा जांच कर उचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद परिजन मानने को तैयार हुए।