खरीदी केन्द्र बनाने सड़क पर उतरे किसान, चौराहा पर कर दिया चकाजाम, पहुंचे तहसीलदार
देवास चौराहा में गुरुवार को कई गांव के किसानों ने धरना दे दिया। सड़क पर चकाजाम कर दिया। सुबह से शाम तक प्रदर्शन चला। इसकी भनक प्रशासन को लगी तो मौके पर तहसीलदार सिरमौर पहुंचे। देवास कपुरी को खरीदी केन्द्र बनाए जाने का लिखित में आश्वासन दिया। इसके बाद ही चकाजाम खोला गया।
देवास चौराहा पर किसानों ने किया प्रदर्शन, सिरमौर तहसीलदार पहुंचे
लिखित आश्वासन के बाद किसान माने, जपं अध्यक्ष भी पहुंचे
रीवा। रीवा में धान के लिए 93 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। इन खरीदी केन्द्र में कुछ को लेकर खींचतान मची हुई है। इसी खींचतान ने दो दिनों से प्रशासन की नींद उड़ा दी है। दो दिनों से देवास चौराहा पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। देवास कपुरी खरीदी केन्द्र को परिवर्तित किए जाने से किसान नाराज हो गए। बुधवार को भी किसानों ने प्रदर्शन किया। जब प्रशासन ने एक्शन नहीं लिया तो गुरुवार कोई कई गांव के किसानों ने देवास चौराहा पर धरना दे दिया। सड़क पर जाम लगा दिया। जाम लगाए जाने से हड़कंप मच गया। किसानों के चकाजाम करने की सूचना प्रशासन तक पहुंची। इसके बाद मौके पर तहसीलदार सिरमौर और गंगेव जनपद पंचायत के अध्यक्ष विकास तिवारी पहुंचे। किसानों को मनाने की कोशिश की गई लेकिन वह अपनी मांग पर डटे रहे। यह प्रदर्शन जनपद सदस्य अखिलेश पटेल के नेतृत्व में चल रहा था। प्रदर्शन में देवास, खरहरी, संसारपुर, बेलवा, खैर, पिपरा गांव के भी किसान पहुंच गए थे। भारी संख्या में किसान मौजूद थे। सभी देवास कपुरी को वापस से खरीदी केन्द्र बनाए जाने की मांग पर अड़े रहे। तहसीलदार ने मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मांने। इसके बाद तहसीलदार ने लिखित में आश्वासन दिया। इसके बाद ही चकाजाम खत्म किया गया। इतना ही नहीं किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि किए गए वायदों को यदि प्रशासन ने पूरा नहीं किया तो वह फिर से चकाजाम करने के लिए बाध्य होंगे।
खरीदी केन्द्र धान की बोरियों से पट गए हैं, परिवहन ठप
धान खरीदी केन्द्रों में अब जगह कम पडऩे लगी है। किसानों से हुए धान की खरीदी का उठाव समय पर नहीं हो पा रहा है। इसके कारण खरीदी केन्द्रों में धान की बोरियां ही बोरियां नजर आ रही हैं। अब तक खरीदी केन्द्रों में 6 लाख 51 हजार 395 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। इसमें से सिर्फ 85 हजार 722 क्विंटल धान का ही परिवहन हो पाया है। परिवर्तन का प्रतिशत सिर्फ 19.17 ही है। अब ऐसे में खरीदी केन्द्रों में भंडारण की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। खरीदी केन्द्र परिसर में धान की बोरियां ही बोरियां हो गई हैं। अब खरीदी गई धान को रखने की जगह तक नहीं बची है। ऐस में कई खरीदी केन्द्रों की स्थिति यह हो गई है कि वहां किसानों की धान लेने से ही आने वाले दिनों में हाथ खड़ा करना पड़ जाएगा।