18 साल से मामा कह रहे हम कर लेंगे, कुछ नहीं किया, इस मर्तबा इन्हें सबक सिखा दो, हम नहीं कर पाए तो हमें भी बदल देना: प्रियंका

रीवा पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। पीएम और सीएम की भरे मंच से खिंचाई की। उन्होंने कहा कि मप्र में 18 साल से मामा की सरकार है। तब से वह कहते आ रहे हैं कि हम सब कर लेंगे लेकिन कुछ नहीं किया। जनता से रिश्ता नहीं निभा पाए। अब वक्त आ गया इन्हें सबक सिखाने का। इस मर्तबा वोट सोच समझ कर करना। कांग्रेस की सरकारों के प्रियंका गांधी ने काम गिराए। उन्होंने कहा कि यदि हम किए गए वायदें पूरा नहीं कर पाए तो हमें भी हटा देना। प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी की भी जमकर खिंचाई की।

18 साल से मामा कह रहे हम कर लेंगे, कुछ नहीं किया, इस मर्तबा इन्हें सबक सिखा दो, हम नहीं कर पाए तो हमें भी बदल देना: प्रियंका

जब देश कोरोना समय कॉल में संकट में था तब मोदी जी ने 20 हजार करोड़ संसद भवन पर खर्च कर रहे थे
18 साल में बहनों के संघर्ष की याद मामा को नहीं आई, चुनाव के दो महीने पहले लाडली लक्ष्मी योजना लेकर आ गए

रीवा। गुरुवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रीवा पहुंचे। एसएएफ मैदान में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए समर्थन मांगने पहुंची थी। उन्होंने मंच पर अपने उद्बोधन की शुरुआत। रीवा की धरती को प्रणाम कर कहा। प्रियंका गांधी ने कहा कि यह महामृत्युंजय जी की नगरी है । रीवा की पावन धरती है। इसे मेरा प्रणाम। विंध्य की महिमा हमारे राष्ट्रगान में भी है। इसका जिक्र है। यहां आकर गर्व होता है। मेरे परिवार का आपसे पुराना रिश्ता भी है। नेहरू जी को यहां आना बहुत पसंद था। चचाई फॉल उनको बहुत पसंद है। यहां आते थे। एक बार इंदिरा जी को भी साथ लाएं और इंदिरा जी और राजीव जी ने तो अपने कार्यकाल में यहां के बहुत दौरे किये। मेरे पिता राजीव जी शहीद होने से एकदम पहले भी यहां आए थे। मुझे अभी बताया गया कि इसी मंच से उन सब ने भाषण दिया तो मेरे लिए तो कम से कम यहां पर खड़ा होना और आज आपको संबोधित करना उनके प्रति एक तरह से श्रद्धा की बात भी है। और उनके साथ-साथ आपके प्रति। क्योंकि वह ऐसे नेता थे जो जनता के लिए दिन रात एक करते थे। उनके दिल में जनता के लिए सेवा भाव था। जनता के लिए करुणा थी लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह बात थी कि वह जनता को अपने ऊपर मानते थे। अपने आप को जनता से ऊपर नहीं। आजकल की राजनीति में ऐसी मिसाल काम है।
यदि आप चाहते हैं कि मप्र की तरस्की हो। आपके बच्चों का भविष्य बने। नए नए संस्थान बने। स्वास्थ्य सुुविधाएं हो। आप चाहते हैं कि आपके जीवन के संघर्ष में आपक का हाथ पकड़कर सरकार मदद करें तो ऐसी सरकार चुनिए। मेरी दादी जी कहती थी कि पब्लिक में सबसे ज्यादा विवेक है। आप में सबसे ज्यादा ज्ञान हैं। सबसे ज्यादा विवेक है। आपके हाथों में वोट है। जब यह बात समझ जाओगे तो कोई नेता ऐसा नहीं होगा जो आपके सामने आकर झूठ बोल सकेगा। सबक सिखा दो न बहुत हो गया।इन्हें शर्म आनी चाहिए। अब बहुत हो गया। हमने जो यह लंबी लिस्ट दी है यदि इसे हमने पांच सालों में पूरा नहीं किया तो हमें भी हटा देना। यह सब पर लागू होता है।
विंध्य के लोग अब भाजपा से ऊब चुके हैं
देखिए कल मैंने कहीं देखा था कि अब विंध्य के लोग भाजपा से ऊब चुके हैं। देखिए आपके क्षेत्र में यह तो स्पष्ट है कि सैनिकल स्कूल, इंजीनियरिंग कॉलेज और संजय गांधी अस्पताल है वह भाजपा सरकार ने तो बनाई नहीं है। सच बात है। आप कह रहे हैं बेरोजगारी है महंगाई है। आप कह रहे हैं कि आप के जीवन में खूब संघर्ष है। प्रदेश में जो हालात है वह आप खुद जान रहे हैं। इस मंच पर खड़ा होकर कोई नेता समझाए इसकी जरूरत नहीं है। आप खुद जान रहे हैँ। आप बार बार मामा को वोट दिए। आपकी समस्याएं खड़ी हुईं। बेरोजगारी बढ़ी, महंगाई बढ़ी, शिक्षा, स्वास्थ्य नहीं है। जब आपने पूछा कि आप हमारे लिए कर क्या करे हो। तब जवाब मिला कि हम आपके मामा है। हम सब कर लेंगे। खड़ी खेती तबाह हो गई तब मामा ने कहा कि हम आपके मामा है। सब कर लेंगे।
कांग्रेस की गारंटी बताईं
 महिलाओं के लिए 1500 रुपए डायरेक्ट खाते में प्रतिमाह भेजी जाएगी।
गेंहू का समर्थन मूल्य 2600 रुपए तक बढ़ाया जाएगा। धान का समर्थन मूल्य 2500 तक बढ़ाया जाएगा। किसानों का कर्ज माफ होगा। 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ होगी। 200 यूनिट तक हाफ होगी। पुरानी पेंशन प्रदेश में लागू होगी। राजस्थान, हिमांचल, और छत्तीसगढ़ में लागू है। यहां हमारी सरकार है। गैस का सिलेंडर 500 रुपए में मिलेगा। 5 हार्स पावर तक की सिंचाई की बिजली मुफ्त मिलेगी। ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी तक बढ़ाया जाएगा। जातीय गणना की जाएगी। 2 लाख सरकारी पद भरे जाएंगे। जो बच्चे प्रतियोगी परीक्षा देते हैं उन्हें फीस देनी पड़ती है। अक्सर परीक्षाओं में घोटाला हो जाता है। उसके बाद छात्रों को दोबारा फीस भरनी पड़ती है। हमने तय किया है कि प्रतियोगी परीक्षा नि:शुल्क होगी। परिवार सहित 25 लाख का स्वास्थ्य बीमा होगा। राजस्थान में बड़ी बड़ी हार्ट की सर्जरी नि:शुल्क हो रही है। यही पॉलिसी यहां भी लागू होगी। 10 लाख का दुर्घटना बीमा होगा। पढ़ो और पढ़ाओ योजना में 1 से 12 तक नि:शुल्क शिक्षा मिलेगी। इसके अलावा अलग अलग ग्रुप में 1 से 8 तक 500 रुपए प्रति माह, 9 से 10 तक 1 हजार और 11 वीं, 12 वीं के छात्रों को 1200 रुपए दिए जाएंगे।
मामा 22 हजार घोषणाएं कर डाले लेकिन उनका हुआ क्या
18 साल से मामा कह रहे हैं कि हम सब कर लेंगे। 18 साल से देख रहे हैं कि जब जब चुनाव आता है तब धन की बातें उठाते हैं। अचानक धन के बारे में बात होने लगती है। जाति की बातें होने लगती है। 18 साल से आप देख रहे हैं कि आप की समस्याओं के बारे में कोई बात नहीं कर रहा है। शिक्षक, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा के बारे में कोई बात नहीं कर रहा है। आप बार बार वोट दिए जा रहे हैं। बार बार मामा जी आपको आश्वासन दिए जा रहे हैं। 22 हजार घोषणाएं मामा कर डाले आपने पूछा नहीं कि इन घोषणाओं का हुआ क्या। रिश्ता कैसे बनता है। निभाने से बनता है। रिश्ता बिना काम करने से नहीं बनता।
मोदी जी नाराज भी हो जाते हैं
आज मैं सभी सभा में जाती हूं तो इंदिरा जी अमर रहे का नारा गूंजता है क्यों। मोदी जी नाराज भी हो जाते हैं। कि भाई कांग्रेस के नेता इंदिरा का नाम क्यों लेते हैं। मेरे भाषण पर उन्होंने टिप्पणी भी की। क्यों नारा लगता है। नेता और जनता के बीच खोखला रिश्ता नहीं था। उन्हें मामी, चाची कहने की जरूरत नहीं थी। आप जानते थे कि यह महिला जब आपके यहां आएगी तो आपके मुशीबतों के लिए लड़ेगी। आपकी समस्याओं को हल करेगी। आज उनके गुजर जाने के 40 साल बाद आप उन्हें इसलिए याद करते हैं। आप के मन में इसलिए श्रद्धा है क्योंकि उन्होंने काम करके नहीं दिखाया। उन्होंने इस देश और आपके लिए, धरती के लिए अपनी जान दे दी। यह होता है जनता और नेता के बीच का रिश्ता। यह होता है दिल में आदर।
किसी नेता की हिम्मत नहीं होनी चाहिए कि सामने आए और झूठी घोषणाएं करे
आज खूब पब्लिसिटी होती है, खूब घोषणाएं होती है। खूब रिश्ते बातों बातों में हो जाती है। चुनाव खत्म होते ही घोषणाएं खत्म हो जाती है। काम कोई करता नहीं है। आज का नेता जान गया कि जैसे चुनाव का समय आता है कि पब्लिक का ध्यान भटका दो। ऐसी बातें करो जिससे पब्लिक के जश्बात जुड़े हुए हैं। वोट बटोरो और सत्ता में आ जाओ, फिर सब भूल जाओ। यह आदत किसने डाली। पब्लिक ने डाली है। बहुत बड़ी शिकायत है आप से। आप ने यह आदत डाल दी। नेता और जनता के बीच पहले जैसा रिश्ता अब खत्म हो गया। खत्म इसलिए हो गया है क्योंकि आप नेताओं को ऐहसास ही नहीं कराते कि यदि वह नेता काम नहीं करेगा तो उसे आप हटा देंगे। बदल देंगे। आप अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं करते वोट देते समय। लोक तंत्र में किसी भी नेता की हिम्मत नहीं होनी चाहिए कि आपके सामने आए और झूठी घोषणाएं करते रहे। रिश्ता निभाने से बनता है। वर्ना मामा कंस मामा भी थे। यही शिकायत है कि आप सबक नहंी सिखाते।
छत्तीसगढ़ में महिलाएं 6 लाख रुपए तक कमा रही हैं
बगल में छत्तीसगढ़ और एक तरफ यूपी है। एक तरफ कांग्रेस और एक तरफ भाजपा सरकार है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार है। मप्र में 7 हजार पाठशाएं बंद हुई है। छत्त्तीसगढ़ में सरकार ने नवोदय विद्यालय की तरह ही सभी जिलों में पाठशाएं बनाई हैं। घोषणा की है कि फिर सरकार आएगी तो अंग्रेजी मीडियम पाठशालाएं बनाई जाएंगी। वहां पर समस्या थी आवारा पशुओं की। यहां भी समस्या है। मप्र, उप्र में इस समस्या से किसान जूझ रहा है। इस समस्या पर काम नहीं हुआ। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार आई तो गौथान बनाया। इस तरह बनाया कि गांव की अर्थव्यवस्था उसी से चल रही है। आवारा पशुओं के लिए घोषणा कर दी कि इसका गोबर सरकार खरीदेगी। अब आवारा पशुओं को लोग बांधने लगे हैं। गौथान से अब स्वसहायता समूह की महिलाओं 1 लाख से 6 लाख रुपए कमा रही हैं। इससे ग्रामीण रोजगार बढऩे लगा है।
45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है
केन्द्र सरकार की नीतियां है। किसान जूझ रहा है। हमने प्रयास किया है कि उनसे किसानों को हम बचाएं। हमने कोशिश की है कि किसानों को कर्ज माफ किया जाए। मोदी जी का वाराणसी संसदीय क्षेत्र है। समर्थन मूल्य वहां 12 से 1400 रुपए मिल रहे हैं। छत्तीसगढ़ आते हैं तो कहते हैं कि हम पैसे भेज दे रहे हैं । तो हम करतेहैं कि वाराणसी भेजिए। रोजगार छत्तीसगढ़ में बढ़े हैं। और यहां देखिए क्या हालात है। 45 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है। घोटाले ही घोटाले हैं। बच्चे बढ़ते हैं। आप मेहनत करते हो। इतनी महंगाई के जमाने में आप रुपए की व्यवस्था करते हो। फिर पता चलता है कि घोटाला हो गया। यूपी में कई युवा उम्र की सीमा पार कर गए। परीक्षाएं नहीं हुईं। यह परिस्थितियां है। आप के सामने ऐसी सरकार है जो साढ़े तीन साल में सिर्फ 21 रोजगार देती है। मात्र 21 रोजगार देती है। जबकि सैकड़ों, हजारों पद खाली पड़े हैं। जबकि हजारों नौजवान बेरोजगार पड़े हैं। फिर भी इनके नेता आप के सामने आने की हिम्मत करते हैें। इन्हें भी मालूम है कि काम पर वोट तो मिलना नहीं है। फिर शुरू कर देते हैं ध्यान भटकाने की बातें। फिर आप में फूट डालने का काम करते हैं। कब तक चलेगा यह सिलसिला। आपके सामने सब कुछ है । सच्चाई है।
चुनाव के दो महीने पहले क्यों आई बहनों की याद
18 साल में बहनों के लिए क्या किया। हर रोज 17 बलात्कार होते हैं इस प्रदेश में। 18 सालों से संघर्ष का जीवन है। महिलाओं का जीवन संघर्ष का ही रहता है। कहीं की भी महिलाएं हो। लेकिन गरीब महिलाओं का जीवन ज्यादा संघर्ष मय होता है। यदि किसी दिन दिहाड़ी नहीं आई तो वही भूखी सोती हैं। वह सारा काम करती हैं। खेती में भी काम करती हैं। घर आकर भी काम करती हंै। सबके खाने के बाद खुद खाती हैं। 18 सालों से जिस मामा ने संघर्ष का जीवन पहचाना नहीं। वह मामा चुनाव से दो महीने पहले क्यों पहचान गया। सच्चाई है चुनाव के लिए पहचान गए। चुनाव आता है घोषणाएं शुरू हो जाती हैं। यह जो कह रहे हैं कि फर्जी योजना। कनार्टका में चल रही है। मंत्रिमंडल की पहली बैठक से चल रही है सारी योजनाएं। हमने यह इंतजार नहीं किया कि पांच साल बीत जाएंगे तब काम करेंगे। मैं जानती हूं कि किसी भी पार्टी का नेता आता है तो वह कहता है कि वह भ्रष्ट है वह भ्रष्ट है।
करोनो में देश की जनता जूझ रही थी और 20 हजार करोड़ से संसद भवन बन रहा था
कितने घोटाले हुए हैं आपके प्रदेश में। आप जानते हैं। इस घोटाले का मतलब क्या है। जनता देखते देखते सुनते सुनते थक जाती है। घोटाले का मतलब क्या है। 1500 करोड़, 1 हजार करोड़ के घोटाले का मतलब क्या है। मतलब चोरी किया है। यह चोरी कहां  से किए हैं। किससे चोरी कर रहे हैं। आपसे चोरी कर रहे हैं। सरकार का एक रुपया नहीं होता। जनता का होता है। जब आप पढ़ते हैं कि सरकार ने दो हवाई जहाज पीएम नरेन्द्र मोदी के लिए खरीदे 16 हजार करोड़ के। तो यह जान लो कि यह 16 हजार करोड़ रुपए आपके पैसे हैं। यह वह पैसे हैं जिससे किसानों का कर्ज माफ होना था। पुरानी पेंशन बहाल होनी थी। नए उद्योग बनने थे। जब आप पढ़ते हैं पुराने संसद भवन के लिए 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करवाएं हैं। बहुत अच्छा है। क्या जरूरत थी इतने रुपए खर्च करने की। उसी समय कोरोना था। लोग भटक रहे थे। तब आप क्या घोषणा कर रहे हैं कि पुराने संसद भवन के लिए 20 हजार करोड़ रुपए खर्चेंगे। थोड़े दिन बाद काम शुरू हो गया। कुछ महीनों बाद किसानों ने आंदोलन शुरू किया। किसानों ने तीन काले कानून के खिलाफ आंदोलन किए। सैकड़ों किसान शहीद हुए। महीनों सड़क पर बैठे रहे। पीएम अपने आवास से नहंी निकले किसानों से बात करने के लिए। उस समय यूपी में काम कर रही थी। तब 15 हजार करोड़ रुपए का किसानों का बकाया गन्ने का था। 20 हजार करोड़ रुपए का सौंदर्यीकरण सरकार कर रही थी लेकिन किसानों को देने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। फिजूल का खर्च हो रहा है। संसद भवन में कौन जाएगा। वही 500 लोग। यहां सड़क नहीं बन रही है। शिक्षा नहंी है तो फिर क्यों हो रहा है यह सब खर्च। कहा जा रहा है कि हम बहुत देशभक्त है। देश के सम्मान में हो रहा है। जी 20 जैसे इवेंट इस देश में नहीं हुए ऐसा कहा जा रह है। ऐसे इवेंट बहुत हुए इस देश में लेकिन खर्चा नहीं हुआ।
अडाणी करता क्या है, क्या बनाता है जो देश की सम्पत्ति उन्हें सौंप दी
लोग कहते हैं कि कांग्रेस के लोग भ्रष्ट है तो फिर वह क्या है कि देश की बड़ी बड़ी सम्पत्ति अपने मित्रों को उठाकर सौंप दी। बंदरगाह, देश के हवाई अड्डे, देश की कंपनियां जिनसे रोजगार मिल जाता था। वह सब कौडिय़ों के दाम पर बेंच दिया। कौन है यह अडाणी। कौन है यह शख्स। इसके बारे में विपक्ष के नेता एक लफ्ज बोलते हैं तो संसद से निकाल देते हैं। घर से निकाल देते हैं। क्या है इनकी खासियत। यह आज पूरे देश का मालिक है। यह सारा पैसा यह सारी सम्पत्ति किसकी है। किसे दी जा रही है। यह कहते हैं कि 70 सालों में क्या बनाया।  यदि कुछ नहीं बनाया तो फिर यह अपने दोस्तों को देते क्या। सब कुछ दे दिया। इस देश के लिए इन्होंने छोड़ा क्या। कोई बता सकता है कि आडाणी जी बनाते क्या है। ऐसा नहीं है कि इस देश ने बड़े बड़े उद्योगपतियों को देखा नहीं है। जो बुजुर्ग बैठे हैं वह जानते हैं बिड़ला, टाटा ने आजादी के आंदोलन में भी मदद की। वह सब जानते हैं कि बनाते हैं क्या बनाते हैं लेकिन अडाणी जी क्या बना रहे हैं। पैसा बना रहे हैं। और कुछ बनाते ही नहीं है। जो आपने बनाया वह इन्हें दिया जा रहा है मुफ्त मेें।
तो चन्द्रयाना मिशन हो ही नहीं पाता
एक नेता पंडित नेहरू की सोच थी कि भारत को आगे बढ़ाएंगे। अब बोल रहे हैं चन्द्रयान। पंडि़त नेहरू ने इसकी नींव नहीं डलवाई होती तो चन्द्रयान हो ही नहीं पाता। यदि हमारे देश को शसक्त करने के लिए हमारे नेता विजन नहीं दिखाया जाता। आईआईएम, आईआईटी नहीं बनाया होता। अगर हमारे नेता यह नहीं तय किया होता कि 80 के दशक में कम्प्यूटर और टेक्नालॉजी में हम मजबूत बनेंगे। क्योंकि हमारे यहां पढ़े लिखे लोग हैं जो अंग्रेजी बोलते हैं।
सही राजनीति चुनो, सही सरकार बनाओ
 देखिए राजनीति दो तरह की होती है। नेता भी दो तरह के होते हैं। एक अपने लिए करता है। राज करता है। दूसरा नेता होता हैजो सोचता है कि जनता को सर्वशक्तिमान कैसे बनाऊं। उनका विकास कैसे करूं। यह दो राजनीति आपको साफ साफ दिख रही है। क्योंकि यदि दूसरी तरह की राजनीति होती तो आप इस परिस्थिति में न होते। आज मप्र के किसान रोता नहीं। युवा जूझते नहीं। महिलाएं खुद को असुरक्षित नहीं महसूस करतीं।  सही राजनीति चुनो, सही सरकार बनाओ तभी आपकी तरक्की होगी। महंगाई से कौन जूझ रहा है। मोदी जी के पास तो 1600 हजार करोड़ का हवाई जहाज है। मामा जी के राज में तो हजारों करोड़ का घोटाला हुआ। उन्हें कौन सा प्याज खरीदने जाना है। दिवाली आ रही है। आपके मन में डर लगने लगा है। कैसे त्योंहार मनाएंगे। बर्तन पर टैक्स लगा दिया है। धनतेरस पर कैसे खरीदी करेंगे। दुकान घबरा रहा है। जब आपके सामने परिस्थितियां ऐसी है तो आपको भी सोचना पड़ेगा कि आपकी जिम्मेदारी क्या है। यह लोकतंत्र है। बड़े बड़े महापुरर्षों ने आजादी की लड़ाई इसलिए लड़ी कि आप आजाद हो। आपको आजादी के मायने समझना होगा। लोकतंत्र में आपकी शक्ति आपके हाथों में हो। कांग्रेस की सरकारें आपकी शक्ति आपके हाथों में दे रही हैं। पंचायत और गांव को मजबूत बना रही हैं। ताकि आपके पैसे आपके जेब में जाएं।
पांच साल हमें दो काम नहीं कर पाए तो बदल देना
यदि आप चाहते हैं कि मप्र की तरस्की हो। आपके बच्चों का भविष्य बने। नए नए संस्थान बने। स्वास्थ्य सुुविधाएं हो। आप चाहते हैं कि आपके जीवन के संघर्ष में आपक हाथ पकड़कर सरकार मदद करें तो ऐसी सरकार चुनिए। मेरी दादी जी कहती थी कि पब्लिक में सबसे ज्यादा विवेक है। आप में सबसे ज्यादा ज्ञान हैं। सबसे ज्यादा विवेक है। आपके हाथों में वोट है। जब यह बात समझ जाओगे तो कोई नेता ऐसा नहीं होगा जो आपके सामने आकर झूठ बोल सकेगा। सबक सिखा दो न बहुत हो गया।इन्हें शर्म आनी चाहिए। अब बहुत हो गया। हमने जो यह लंबी लिस्ट दी है यदि इसे हमने पांच सालों में पूरा नहीं किया तो हमें भी हटा देना। यह सब पर लागू होता है।