45 दिनों से रीवा की सड़कें गाडिय़ों से पटी थी, अब खाली हो गईं, सड़कों और टोलनाकों पर सन्नाटा
गा wwwडिय़ों की भीड़ और जाम से रीवा के लोगों को भी राहत मिल ही गई। बुधवार को गाडिय़ों का दबाव कम रहा। सड़कें पहले की तुलना में एक तिहाई रह गईं। टोलनाकों पर भी जाम जैसे हालात देखने को नहीं मिले। वाहनों की भीड़ घटने से पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने भी राहत की संास ली है।

रीवा से होकर गुजरे लाखों वाहन, करीब 13 लाख से अधिक वाहन गुजरे
अब जाने वालों की भीड़ कम और आने वालों की भीड़ थोड़ी ज्यादा है
रीव। 45 दिन बाद वाहनों की संख्या घट गई है। बुधवार को ट्रैफिक घट कर एक तिहाई रह गया। सड़कों पर वाहनों की भीड़ नजर नहीं आई। टोल नाकों पर भी सन्नाटा पसरने लगा है। बायपास और शहर की सड़कों पर भी वाहनों का दबाव देखने को नहीं मिला। भीड़ घटने से प्रशासन और पुलिस ने भी राहत की सांस ली है।
ज्ञात हो कि प्रयागराज में महाकुंभ स्नान के लिए देशभर से लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। 13 जनवरी से जो वाहनों और श्रद्धाुलओं के आने का सिलसिला शुरू हुआ तो वह थमने का नाम नहीं ले रहा था। 25 फरवरी तक वाहनों की कतार लगी थी। महाकुंभ के अंतिम दिन 26 फरवरी को स्नान के लिए भी लोगों की भीड़ एक दिन पहले ही निकल गई थी। इसके बाद बुधवार को जो उम्मीदें वाहनों की भीड़ से लगा रखी थी, वह देखने को नहीं मिली। रीवा शहर और बायपास में भी वाहनों का दबाव नहीं था। अन्य दिनों की तुलना में वाहनों का दबाव घटकर एक तिहाई रह गया है। अब जाने वाले वाहन कम और लौटने वाले वाहनों की संख्या थोड़ी ज्यादा है। हालांकि इस भीड़ से जाम जैसे हालात नहीं बन रहे हैं। भीड़ के कमने से पुलिस और प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।
अब नहीं लग रहा कहीं भी जाम
बुधवार को टोल नामों में जाम जैसे हालात नहीं रहे। सुबह से गिनती के ही वाहन प्रयागराज जा और वहां से लौट रहे थे। आने वालों की संख्या जाने वालों से कुछ ज्यादा रही। सूत्रों की मानें तो प्रयागराज जाने वालों की संख्या पिछले 24 घंटे में घटकर करीब 7 हजार तक पहुंच गई है। टोल नाकों पर भी दबाव कम हुआ है। बायपास में भी अब पुरानी जैसी स्थितियां बन गई है। सिर्फ भारी और बड़े वाहनों का ही रेला दिख रहा है। तीर्थयात्रियों के वाहनों की संख्या घट गई है।
टोलनाकों की हुई 45 दिन में खूब कमाई
महाकुंभ जाने वाले यात्रियों की भीड़ 45 दिनों में नहीं टूटी। 25 से 30 हजार वाहन हर दिन रीवा के टोलनाकों से होकर गुजरे। इसके वाहन इतने लंबे समय तक कभी भी रीवा से नहीं गुजरे। इन वाहनों के टोलनाकों से गुजरने से इनका सारा घाटा भी पट गया है। इन 45 दिनों में टोलनाकों ने खूब कमाई की है। करोड़ों रुपए सिर्फ वाहनों के टैक्स से कमाई की गई है। हजारों बस और चार पाहिया वाहन टोल नाकों से होकर गुजरे थे। यदि औसतन 30 हजार प्रतिदिन की भी संख्या जोड़ी जाए तो इन 45 दिनों में रीवा से होकर करीब 13 लाख से भी अधिक वाहन गुजरे।
महाकुंभ की भीड़ से करोड़ों का हुआ व्यापार
प्रयागराज में महाकुंभ स्नान करने कई राज्यों से लोग रीवा से होकर गुजरे। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कनार्टक, तेलंगाना के अलावा मप्र के अलग अलग जिलों से लोगों की भीड़ रीवा से होकर प्रयागराज गई। इस भीड़ के कारण रीवा का व्यापार भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ा। करोड़ों रुपए का व्यापार हुआ। होटल से लेकर ढाबा, पेट्रोल पंप तक में लोगों की भीड़ लगी रही। खाने, पीने से लेकर अन्य चीजों की जमकर बिक्री हुई। एक समय ऐसा भी था जब सड़कों पर भारी जाम जैसे हालात बन गए थे। तब जगह जगह होल्डिंग प्वाइंट भी बनाए गए थे। तीर्थयात्रियों को घंटो इंतजार करना पड़ा था। खाने पीछे की मारामारी मची थी। दुकानदारों ने इसका खूब फायदा भी उठाया था।
प्रशासन और पुलिस ने बकाया पसीना
पिछले डेढ़ महीने तक पुलिस और प्रशासन तीर्थयात्रियों की भीड़ के मैनेजमेंट में ही लगी रही। इनके रहने, खाने की व्यवस्थाओं में ही जूझती रही। पुलिस, प्रशासन ने दिन रात एक कर दिया था। तब जाकर भीड़ कंट्रोल हुई थी। तीर्थयात्रियों को इनकी मेहनत के कारण ही जाम जैसे हालात के बाद भी किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। जगह जगह होल्डिंग प्वाइंट बनाए गए थे। इन होल्डिंग प्वाइंट पर सारी सुविधाएं प्रशासन ने मुहैया करा रखी थी। चाकघाट, सोहागी में शुरू से ही तीर्थयात्रियों के लिए रैनबसेरा बनाया गया था।
शहर के लोगों ने भी ली राहत की सांस
वाहनों की भीड़ के कारण रीवा शहर के अंदर से भी लगातार वाहन गुजर रहे थे। सड़क पर वाहनों का दबाव बढ़ गया था। इसके कारण लोगों को सड़क पार करने और इस मार्ग से गुजरने में भी डर लगने लगा था। वाहनों की लाइन टूट ही नहीं रही थी। 24 घंटे वाहन गुजर रहे थे। बुधवार को वाहनों का क्रम टूटने से लोगों ने राहत की सांस ली।