वन विभाग ने पकड़ा लकडिय़ों का अंतरराज्यीय गिरोह, फर्जी टीपी से लाखों रुपए की लकड़ी जा रही थी यूपी तभी पकड़े गए

वन विभाग ने बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। फर्जी टीपी के जरिए देशभर में लकडिय़ों की तस्करी करने वालों को रीवा में धरदबोचा गया। शहडोल और उप्र के सरगना फर्जी टीपी से जंगल की लकडिय़ों को देशभर में पहुंचा रहे थे। दो ट्रकों में लोड साल की 30 लाख कीमती लकड़ी पकड़ी गई है। शहडोल में दबिश देकर सरगना को भी धरदबोचा गया है। पांच आरोपी पकड़े गए हैं। जांच जारी है।

वन विभाग ने पकड़ा लकडिय़ों का अंतरराज्यीय गिरोह, फर्जी टीपी से लाखों रुपए की लकड़ी जा रही थी यूपी तभी पकड़े गए

करीब 30 लाख रुपए की लकड़ी की गई जब्त, 5 आरोपी पकड़ाए
फर्जी टीपी के सरगना को शहडोल में दबिश देकर पकड़ा गया
रीवा।  मिली जानकारी के अनुसार चाकघाट बैरियर से 16 जनवरी को दो ट्रक पार होने की फिराक में थे। दोनों ट्रकों में साल के ल_े लदे थे। इनका वजन करीब 65 टन था। वनरक्षक आनंद चतुर्वेदी ने 2 ट्रक को रोका। इसके बाद ट्रक में सवार ड्राइवर से टीपी की मांग की गई। टीपी जब ड्राइवर ने वन विभाग के अधिकारियेां को दी तो प्रथम दृष्टया ही वह फर्जी प्रतीत हुई। प्रभागीय वन अधिकारी ओबरा उप्र की जारी टीपी की जांच कराई गई। जिसके फर्जी होने की पुष्टि प्रभागीय वन अधिकारी ओबरा उप्र द्वारा की गई। रीवा वन मंडल के चाकघाट परिक्षेत्र के स्टाफ रावेन्द्र मिश्रा वनपाल, कमलेश पटेल वनरक्षक एवं अन्य ने दोनों ट्रक एवं साल के ल_ों को जब्त कर लिया। दोनों ट्रक के ड्राइवर और क्लीनर से पूछताछ की गई। पूछताछ में ट्रक के ड्राइवर शाहरूख और क्लीनर शहजाद ने बताया कि यह लकड़ी पसगढ़ी शहडोल से लोड करके लाई जा रही है। टीपी के कागज उन्हें निसार अली उर्फ हाजी ने दिया है। राजकुमार यादव चाकघाट वन परिक्षेत्राधिकारी ने मामले को तुरंत संज्ञान में लेकर वन अपराध प्रकरण दर्ज किया।
शहडोल में दी गई दबिश
आगे की जांच के लिए रीवा वन मंडल की टीम गौरव सक्सेना वन परिक्षेत्राधिकारी के निर्देश में पसगढ़ी शहडोल पहुंची। शहडोल वन मंडल की टीम के साथ मिलकर संयुक्त कार्यवाही की। हाजी के ठिकाने पर दबिश दी गई। हाजी के पास से फर्जी टीपी के मूल अभिलेख भी बरामद किए गए। इसके बाद पूछताछ के लिए हाजी को चाकघाट लाया गया। रीवा वन मंडल के स्टाफ ने हाजी से पूछताछ की। पूछताछ में कई अहम सुराग वन विभाग की टीम के हाथ लगे हैं। यह पूरी कार्रवाई वन मंडलाधिकारी अनुपम शर्मा के नेतृत्व और उप वनमंडलाधिकारी पूजा नागले के निर्देशन में की जा रही है।


देश भर में चल रहा था इनका कारोबार, अब पकड़े गए
वन विभाग ने जिन तस्करों की टीम को पकड़ा है। वह अंतरराज्यीय गिरोह है। शहडोल से पकड़े गए हाजी ने पूछताछ में सारे राज उगल दिए हैं। उसने बताया कि कागज उसे साहित उर्फ आकिब खान निवासी ओबरा, सोनभद्र उपलब्ध कराता था। यह व्यापारी फर्जी टीपी का सहारा लेकर देश के अलग अलग राज्यों में सक्रीय रहकर ल$कड़ी का अवैध व्यापार चलाता है। हाजी ने पूछताछ में यह भी बताया है कि लकड़ी का परिवहन अलग अलग राज्यों के जिलों में कर चुका है। जैसे कि यमुनानगर हरियाणा, सहारनपुर उप्र, रुड़की उत्तराखंड, जयपुर राजस्थान शामिल है।
यहां भी सामने आया था ऐसा ही मामला
 ओबरा वन विभाग से संपर्क करने पर वहां के उप वनमंडलाधिकारी एवं वन परिक्षेत्राधिकारी ने बताया कि माह  जुलाई 2023 में भी इसी तरह का फर्जी टीपी जारी करके लकड़ी का अवैध परिवहन करन का मामला ओबरा वन विभाग के सामने आया था। इस प्रकरण में खैर का परिहवन किया जा रहा था। जिसे अमरोहा से जब्त किया गया था।


पहली मर्तबा हुई ऐसी कार्रवाई
रीवा में वन अपराध हो या फिर संरक्षण की बात। ऐसी कार्रवाईयां पहली मर्तबा हुई है। वन मंडलाधिकारी अनुपम शर्मा अपने कार्यों को लेकर पहले से ही मशहूर रहे हैं। वह जहां भी रहे हंै। उन्होंने बड़े बड़े खुलासे किए हैं। वन अपराधियों पर नकेल कसने में कोई कमी नहीं छोड़ी। रीवा आने के बाद पूरा वन अमला एक्टिव हो गया है। इसी का नतीजा अब देखने को मिल रहा है। लंबे समय से शहडोल से लकडिय़ों की तस्करी चल रही थी जो अब पकड़ में आई है।