रीवा की वन औषधी फूंकेंगी जान, शहद मार्केट में बिकने को तैयार मिलेगी नई पहचान
रीवा की वन औषधी नई पहचान देने वाली है। रीवा का नाम देशभर में होगा। ओबरी जंगल शहद के नाम से मार्केट में वन औषधी को उतारा जा रहा है। यह जांच में खरी उतरी है। अन्य उत्पादों की तुलना में रीवा के जंगलों से तैयार की गई शहद बेहतर निकली है। यह नया प्रयास सिर्फ जिला को नाम ही नहीं दिलाएगा, बेरोगजारों को रोजगार भी देगा।
रीवा में है वन औषधियों की भरमार, अब शुरू हुआ इनकी पहचान का प्रयास
शुद्धता के मामले में अन्य कंपनियों के शहद को मात दे सकता है ओबरी जंगल शहद,
रीवा। बाजार में कई कंपनियों के शहद बिकते हैं। इन उत्पादों को मात देने के लिए अब मार्केट में रीवा के जंगल में तैयार ओबरी जंगल शहद भी इंट्री कर रही है। यह सभी उत्पादों को शुद्धता के मामले में मात दे देगी। यह जंगल से तैयार की गई शुद्ध शहद है। इसे वनग्रामीणों ने तैयार किया है। इनका साफ वन विभाग के रेंजर और वनरक्षक ने दिया है। फॉरेंस्ट रेंजर के प्रेरणा से ही ओबरी वन समिति आगे आई और शहद को उत्पाद के रूप में बेंचने के लिए प्रयास शुरू हुए। पहले उत्पाद को बेचने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया। सेम्पल जांच के लिए भेजा गया। जांच में उत्पाद खरा उतरा। अब इसे मार्केट में बेचने और मार्केटिंग के लिए उतारा जा रहा है। यह उत्पाद सिर्फ रीवा को पहचान ही नहीं देगा। यह रोजगार के अवसर भी देगा। रीवा में वन औषधियों की भरमार है। शहद के मार्केट में आने के बाद अन्य वन समितियां भी आगे आ सकती है। भविष्य में कई और भी उत्पाद बिकने के लिए मार्केट में लांच हो सकते हैं। रीवा संभव है कि वन औषधीय उत्पाद निर्माता और विक्रेता के मामले में गढ़ बन जाए।
इनके प्रयास से मिली पहचान
वन परिक्षेत्र अधिकारी अतरैला शुभम दुबे ने ओबरी के जंगल के शहद को पूरे क्षेत्र और प्रदेश में पहचान दिलाने और स्थानीय ग्रामीणों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से यह प्रयास किया गया। इन सभी प्रयासों में
कृष्णकांत दहिया वनरक्षक बीट गार्ड ओबरी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। ओबरी ग्राम वन समिति अध्यक्ष रामसिया खैरगार ने भी उचित सहयोग प्रदान किया गया। कुल मिलाकर निकट भविष्य में विंध्य की बहुमूल्य औषधियों में एक प्रमुख औषधि ओबरी जंगल शहद के रूप स्थापित होने वाली है। जिससे ग्रामीणों को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होने वाले है।
जांच में खरा उतरा ओबरी जंगल शहद
ओबरी जंगल शहद* नाम से एफएसएसएआई में रजिस्टर्ड की गई। फिर गुणवत्ता जांच हेतु इसका सैंपल एफएसएसएआई द्वारा मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया जिसमें यह पाया गया कि बाजार में बेजी जा रही अन्य शहद की अपेक्षा ओबरी जंगल शहद* सभी मानकों पर उच्च गुणवत्ता की है जैसे कि प्रति 100 ग्राम ओबरी जंगल रॉ शहद की कैलोरिफिक वैल्यू 328.8 किलोकैलोरी है। मॉइश्चर की वैल्यू 17.68 रही। साथ ही शहद को संग्रहण कर सिर्फ अच्छे तरीके से फिल्टर किया जाता है, कोई हानिकारक प्रोसेसिंग नहीं की गई, जिससे इसकी हाइड्रोक्सीमिथाइलफुरफुरल (एचएमएफ) वैल्यू भी कम रहती है।