फर्जीवाड़ा: 100 मीटर बनानी थी सड़क, स्टीमेट 300 का दिखाया और सारी राशि डकार ली

रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत अंतर्गत पैपखरा गांव में भी फर्जीवाड़ा सामने आया है। गांव में नाली निर्माण की राशि स्वीकृति हुई। बिना निर्माण कार्य ही राशि डकार ली गई। सड़क 100 मीटर थी। 300 मीटर कांक्रीट सड़क की स्वीकृति कराई गई और सारी राशि डकार ली गई। ग्रामीणों ने शिकायत की तो अब मामले को ही रफादफा करने की कोशिश की जा रही है।

फर्जीवाड़ा: 100 मीटर बनानी थी सड़क, स्टीमेट 300 का दिखाया और सारी राशि डकार ली
kharab sadhak

रीवा।
ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार इस कदर व्याप्त है कि बिना काम के ही राशि का आहरण कर लिया जा रहा है। लोग परेशान हैं।
मामला उकठा-कंचनपुर ग्राम पंचायत के पैपखरा गांव का है। रायपुर कर्चुलियान जनपद अंतर्गत आने वाले इस गांव में पीसीसी नाली नहीं बनी है। फिर भी 8 लाख 19 हजार रुपये आहरित कर लिए गए। मामले को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की है। शिकायत में आरोप है कि जिम्मेदारों ने कार्य आईडी क्रमांक 100572147 में दद्दूलाल तिवारी के घर से वाल्मिक पयासी के घर तक 290 मीटर नाली निर्माण कागजों में दर्शाया है। मौके पर सड़क कहीं नहीं है। इसी तरह, रामायण तिवारी के घर से रामकुशल पयासी के घर तक की दूरी 100 मीटर है परंतु 300 मीटर पीसीसी सड़क का निर्माण कागजों में दिखाकर 7 लाख रुपये डकार लिये। इसी प्रकार कार्य आईडी क्रमांक 100852846 में दिनांक 26 जनवरी 2020 को 2 लाख 56 हजार रुपये निकाले, जिसमें राजकुमार पाण्डेय के घर से रामनयन विश्वकर्मा के घर तक 100 मीटर सड़क निर्माण दर्शाया है, जो हुआ ही नहीं। ग्रामीणों ने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से उक्त निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन कराने की मांग शिकायत में की, जिसे अभी तक प्रशासन के नुमाइंदे दबा कर बैठे हैं।
जिला पंचायत सीईओ ने दिए थे निर्देश पर कुछ नहीं हुआ
ग्रामीणों ने बताया कि मामले को लेकर सीएम हेल्पलाइन में भी कई शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिनमें से अधिकांश शिकायतों को जबरन अधिकारियों ने बंद कर दिया। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज एक शिकायत क्रमांक 22478260 के आधार पर जिला पंचायत सीईओ जांच समिति गठित की। गत 13 जून 2023 को जिला पंचायत सीईओ ने एसआर प्रजापति त्योंथर अनुविभागीय अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी को जांच का जिम्मा सौंपा परंतु वह भी उक्त जांच को ठंडे बस्ते में डाल चुके हैं, जबकि जिला पंचायत सीईओ ने सात दिन में जांच रिपोर्ट मांगी थी। जांच न होने के कारण मामले में आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
समस्याओं में फंसा गांव
ग्रामीणों के मुताबिक पैपखरा गांव में आजादी के 75 वर्ष बाद भी सड़क की समस्या बनी हुई है। पिछले 6 वर्ष से निरंतर आंदोलन-प्रदर्शन के बाद स्थानीय विधायक का दिल पसीजा तो उन्होंने पडऱा धान मिल से लेकर यादव बस्ती तक की सड़क पक्की बनवाने कसरत की। इसके बाद भी दो किलोमीटर का रास्ता लगभग कच्चा ही है। अब वर्षा के दिनों में इस मार्ग पर इतना कीचड़ हो जाता है कि बच्चों का विद्यालय तक जाना भी मुश्किल हो जाता है। यदि कभी कोई बीमार हो जाये तो लोगों को कांधे पर उठा कर उसे पक्की सड़क तक पहुँचना पड़ता है।