कांग्रेस की चौथी लिस्ट जारी, इस कंडीडेट को मिली रीवा से टिकट
कांग्रेस ने लोकसभा उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी कर दी है। चौथी लिस्ट जारी होते ही रीवा से भी टिकट को लेकर कयास का दौर खत्म हो गया। अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा को ही कांग्रेस ने रीवा से उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया है। अब भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होगी।
महापौर अभय मिश्रा भी थे दावेदार, नाम पर नहीं हुआ विचार
अब रीवा कांग्रेस अभय मिश्रा के इशारों पर चलेगी
रीवा। लंबे समय से रीवा के कांग्रेस प्रत्याशी पर सबकी नजरें गड़ी हुई थी। कांग्रेस की चौथी लिस्ट जारी होते ही संशय खत्म हो गए। कांग्रेस ने पैसे को ही तवज्जो दी। टिकट विधायक अभय मिश्रा के घर पर ही गई। उनकी पत्नी और पूर्व विधायक नीलम मिश्रा को कांग्रेस ने मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। नीलम मिश्रा के नाम पर अंतिम मुहर लगने के साथ ही लिस्ट में नाम जारी कर दिया गया है। कांग्रेस से और भी कई दावेदार थे लेकिन सभी के नाम को दरकिनार कर दिया गया। अब एक ही घर पर पूरी कांग्रेस सिमट कर रह गई है। विधानसभा चुनाव में अभय मिश्रा इसी तरह से टिकट लेकर आ गए थे और अब पत्नी के लिए लोकसभा का टिकट ले आए। नीलम मिश्रा के टिकट मिलने के बाद अब कांग्रेस में घमासान भी मचना तय माना जा रहा है। जिन उम्मीदवारों को नजर अंदाज किया गया है, वह संभव है कि कांग्रेस से बगावत भी कर दें। हालांकि कांग्रेस के नीलम मिश्रा के रूप में कंडीडेट के रूप में उतारने से भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर बढ़ गई है।
सेमरिया से विधायक रह चुकी हैं नीलम मिश्रा
कांग्रेस ने सेमरिया विधायक अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा को लोकसभा उम्मीदवार बनाया है। नीलम मिश्रा सेमरिया से ही भाजपा से विधायक रह चुकी हैं। भाजपा ने अभय मिश्रा की जगह पर उनकी पत्नी को टिकट दिया था और वह सेमरिया से जीत कर सामने आईं थी। वर्ष 2018 में भाजपा ने अभय और नीलम मिश्रा दोनों को किनारे कर दिया था। इसके बाद दोनों पति, पत्नी कांग्रेस में चले गए थे। हाल ही में अभय मिश्रा के साथ नीलम मिश्रा ने भी कांग्रेस से बगावत कर विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा में शामिल हुईं थी। फिर दोनों ने पलटी मार कर कांग्रेस में आ गए थे।
12 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए
कांग्रेस ने मप्र से 12 रुके हुए नामों की घोषणा की है। इसमें सागर से गुड्डू राजा बुंदेला, रीवा से नीलम मिश्रा, शहडोल से फूंदेलाल सिंह मार्को, जबलपुर से अधिवक्ता दिनेश यादव, बालाघाट से सम्राट सारस्वत, होशंगाबाद से संजय शर्मा, भोपाल से अरुण श्रीवास्तव, राजगढ़ से दिग्विजय सिंह, उज्जैन से महेश परमार, मंदसौर से दिलीप सिंह गुर्जर, रतलाम से कांतिलाल भूरिया, इंदौर से अक्षय बम को मैदान में उतार दिया गया है।
अब इनका क्या होगा
रीवा से महापौर अभय मिश्रा बाबा, कांग्रेस नेत्री कविता पाण्डेय भी दौड़ में थी। इनके नामों पर भी विचार चल रहा था। इसके बाद भी इन्हें कांग्रेस पार्टी ने अनदेखा कर दिया। एक ही घर पर लोकसभा और विधानसभा टिकट की बरसात कर दी गई। शेष पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को नजर अंदाज कर दिया गया। अब ऐसे में इन नेताओं का पार्टी में क्या होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। यदि गलती से नीलम मिश्रा जीत जाती हैं तो पूरी कांग्रेस अब अभय मिश्रा के घर से चलेगी। लोकसभा की टीम मिलने के बाद अब कांग्रेस पर पूरा कंट्रोल अभय मिश्रा को होगा। बांकी कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता उनके इशारों पर ही चलेंगे
दोनों चेहरे कमजोर लेकिन लड़ेंगे कोई और
भाजपा ने रीवा से जनार्दन मिश्रा को मैदान में उतारा है। वह दो पंचवर्षीय से सांसद हैं। इस बार भी चुनाव मैदान में हैं। उनके प्रति लोगों में गुस्सा भी है, इसका फायदा जरूर नीलम मिश्रा को मिलेगा। भाजपा और कांग्रेस दोनों तरफ के कंडीडेट कमजोर ही हैं। उनके पास इतना दम नहीं है कि वह अकेले ही चुनाव निकाल लें लेकिन उनके पीछे जो चेहरे हैं। वही दमदार हैं। उन्हीं के दम पर यह दोनों चुनाव लड़ेंगे और असल लड़ाई भी चेहरे के पीछे के नेताओं के बीच ही होगी।