मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की भर्ती में फिर हुआ फर्जीवाड़ा, आधी रात को जुड़ गया साक्षात्कार में नाम

श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में होने वाले सहायक अध्यापकों की भर्ती में बड़ा खेल हो गया। हाल ही में जारी किए गए विज्ञापन में माइक्रोबायोलॉजी के पद गायब कर दिया गया था। फिर अचानक पुराने आदेश का हवाला देकर आधी रात को एक चिकित्सक का नाम साक्षात्कार की लिस्ट में जोड़ दिया गया। जिस चिकित्सक का नाम साक्षात्कार में आधी रात को लिस्ट में जोड़ा गया है। इन्हें कार्यकारिणी की बैठक में पदोन्नति के माध्यम से सहायक प्राध्यापक बनाने की कई बार कोशिश की जा चुकी है। कमिश्नर ने प्रस्ताव को रोक दिया तो फिर यह खेल खेला गया है।

मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की भर्ती में फिर हुआ फर्जीवाड़ा, आधी रात को जुड़ गया साक्षात्कार में नाम
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मेडिकल कॉलेज का गजब कारनामा पात्र अपात्र की दो लिस्ट बनाई गई

एक में नाम छुपाया तो दूसरे में जोड़ा गया गया

रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में सहायक प्राध्यापकों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। कई विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती किए जाने के लिए चिकित्सकों से आवेदन मांगे गए थे। इसमें जनरल मेडिसिन पर माइकोलॉजी एनाटॉमी बायोकेमेस्ट्री एंट रेडियोडायग्नोसिस, नेत्र रोग विभाग, एनेस्थीसिया, शिशु रोग विभाग, पैथोलॉजी फिजियोलॉजी विभाग शामिल थे। इन विभागों में आवेदन के बाद पात्र और अपात्रों की सूची 20 सितंबर 2023 को जारी की गई। इसमें पात्र और अपात्र मिलाकर 40 डॉक्टर के नाम थे। पात्र चिकित्सकों को 26 सितंबर को 11:00 बजे दस्तावेज परीक्षण के लिए बुलाया गया था। 27 को पात्र चिकित्सकों का इंटरव्यू भी आयोजित किया गया था। इस सूची के जारी होने के बाद एक नाम इंटरव्यू के पहले जोड़ा गया। यह नाम माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सहायक प्राध्यापक पद के लिए जोड़ा गया है। इसी नाम को लेकर अब बवाल मचा हुआ है। पहले इस पद को विज्ञापन से ही गायब कर दिया गया था।  इस पद को पदोन्नति से भरने की कोशिश की गई थी। फिर अचानक अब सीधी भर्ती से साक्षात्कार के माध्यम से भरा जाने लगा है। एक शिक्षक को फायदा पहुंचाने के लिए दिन ने सारी हदें पार कर दी हैं इसमें उनका साथ प्रशासनिक अधिकारी भी दे रहे हैं।

इनका नाम जोड़ा गया

साक्षात्कार की लिस्ट में अंतिम नाम जिनका जोड़ा गया है वह डॉक्टर आरती अखंड हैं। माइक्रोबायोलॉजी में सहायक अध्यापक के पद के लिए इनका नाम अनुसूचित जाति से जोड़ा गया है। सूत्रों की मानें तो डॉक्टर आरती मेडिसिन विभाग में ही पदस्थ एक चिकित्सक की पत्नी हैं। बस इसीलिए डीन भी उन्हें सहायक अध्यापक बनने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। कार्यकारिणी की बैठक में नाकाम होने के बाद अब सीधी भर्ती के जरिए सहायक प्राध्यापक बनाने की कोशिश में जुड़ गए हैं।

11 अक्टूबर 2022 को जारी विज्ञापन का लिया सहारा

साक्षात्कार के लिए डॉक्टर आरती अखंड का नाम करीब 11 महीने पहले जारी किए गए चिकित्सकों के भर्ती विज्ञापन का सहारा लिया गया है। 11 अक्टूबर को माइक्रोबायोलॉजी विभाग में एक सहायक अध्यापक का पद रिक्त होने पर आवेदन मांगा गया था। वह पद सीधी भर्ती का था। इसे ई आधार बनाकर डॉक्टर आरती अखंड का नाम साक्षात्कार में जोड़ दिया गया है। 

तीन दिन पहले तक प्रमोट करने में लगे हुए थे

हद तो यह है कि माइक्रोबायोलॉजी में पदस्थ जिस डॉक्टर को यह लाभ दिया देने की कोशिश की जा रही है। उनके लिए नियम कायदे ताक पर रखकर कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रमोट करने का प्रस्ताव रखा गया था। फिलहाल डॉक्टर आरती अखंड प्रदर्शक के पद पर हैं। उन्हें सहायक प्राध्यापक पद पर प्रमोट करने के लिए कार्य समिति की बैठक में तीन दिन पहले प्रस्ताव रखा गया था। कमिश्नर ने इस पर आपत्ति जताते हुए पुन परीक्षण के लिए बोल दिया था। इसके पहले भी कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव रखा गया था लेकिन कमिश्नर ने आपत्ति लगा दी थी। इतने सारे प्रयासों के बाद भी जब सफल नहीं हुए तो सीधी भर्ती से ही सहायक प्राध्यापक बनने की कोशिश में जुट गए। इस अनियमितता को लेकर मेडिकल कॉलेज में चर्चाओं का बाजार गर्म है। 

डिग्री पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं
जिस प्रदर्शक डॉ आरती आखंड को सहायक प्राध्यापक बनाना चाहते हैं। उनके डिग्री पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। बीएचएमएस के बाद इन्होंने एमएससी की हुई हैं। इन्होंने दो साल की एमएससी की है। वह भी पत्राचार से किया है। इन्होंने नौकरी करते हुए पीएचडी की हैं। इंदौर से पत्राचार से पीएचडी की हैं। इसकी अनुमति भी विभाग या संस्थान से नहीं लीं। यही वजह है कि इस पर आपत्ति लग रही है लेकिन डीन जिद पर अड़े हैं। सहायक अध्यापक बनाने पर तुले हुए हैं।
पहले ही बना ली थी योजना और बुला लिए थे विशेषज्ञ
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में सहायक प्राध्यापक के पद पर एक डेमॉन्ट्रेटर को भर्ती करने के लिए सारे नियम तोड़ दिए गए। फाइनल लिस्ट में अंतिम समय पर नाम जोड़ा गया। पहले से विशेषज्ञों को इंटरव्यू के लिए मैसेज भेज दिया गया था। इसकी भनक किसी को  नहीं लगी। इंटरव्यू में कमेटी और कमिश्नर के सामने लिस्ट पहुंची तो खुलासा हुआ। पद के लिए योग्यता नहीं रखने पर भी प्रदर्शक को सहायक अध्यापक के पद पर पदस्थ करने की जिद पर डीन अड़े हुए हैं। यही वजह है कि कमेटी के 6 मर्तबा रिजेक्ट करने के बाद अब सीधी भर्ती से फायदा पहुंचाने में जुट गए हैं।