विद्युत विभाग में फर्जीवाड़ा: चोरी का प्रकरण सेटलमेंट करने के नाम पर लिए 29 हजार, एफआईआर के निर्देश

विद्युत विभाग में कार्रवाई के बाद फिर बिल सेटलमेंट के नाम पर लंबा लेन देन हुआ। आउटसोर्स कर्मचारी माध्यम बना। तत्कालीन संभागीय लेखापाल ने बिल सेटलमेंट कराने के नाम पर 29 हजार 500 रुपए लिए। बिल सेटल नहीं हुआ तो उपभोक्ता ने ऊर्जा विभाग से शिकायत कर दी। जांच में लेनदेन का खुलासा हुआ। इस मामले में रिटायर्ड लेखापाल के पेंशन से रिकवरी और थाना में एफआईआर कराने के आदेश हुए लेकिन मामले को दबा दिया गया। अब पीडि़त कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है।

विद्युत विभाग में फर्जीवाड़ा: चोरी का प्रकरण सेटलमेंट करने के नाम पर लिए 29 हजार, एफआईआर के निर्देश

उपभोक्ता की शिकायत पर बैठी जांच, रिटायर्ड संभागीय लेखापाल फंस गए
रीवा। आपको बता दें कि यह पूरा मामला पश्चिम संभाग अंतर्गत इटौरा का है। इटौरा निवासी दीपू यादव के परिसर में 17 दिसंबर 2022 को विजलेंस टीम ने दबिश दी थी। जांच में बिजली का लोड काफी कम मिला लेकिन उपयोग कहीं अधिक किया जा रहा था। इसमें लाखों रुपए का प्रकरण बनाया गया था। बिजली बिल कम करने के लिए दीपू यादव से 29 हजार 500 रुपए पश्चिम संभाग के अधिकारियों ने लिया लेकिन काम नहीं किया। इसकी शिकायत पीडि़त ने ऊर्जा विभाग से की। शिकायत में कहा कि दो रिटायर्ड कर्मचारी रमाशंकर शुक्ला और रामचरण तिवारी ने उससे 29 हजार 500 रुपए लिए। बिल सेटलमेंट के लिए यह राशि ली गई। अप्रैल 2022 तक बिल से राशि गायब रही। इसके बाद फिर से बिल में लाखों की राशि दिखने लगी। पीडि़त की शिकायत को विभाग ने गंभीरता से लिया। मामले की जांच कराई गई। जांच में तत्कालीन संभागीय लेखापाल आरएस शुक्ला का नाम सामने आए। आरएस शुक्ला से पेंशन से राशि वसूल कर उपभोक्ता के बिल में अर्जेस्ट करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा एफआईआर के लिए भी निर्देशित किया गया था। इस पर आज तक विभाग ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। जबकि इस शिकायत का प्रतिवेदन मुख्य महाप्रबंधक नीता राठौर ने विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी ऊर्जा विभाग को पहले ही भेज दी थी। पत्र भेजने के बाद से कार्रवाई के लिए पीडि़त उपभोक्ता पश्चिम संभाग में कार्यपालन अभियंता के चक्कर लगा रहा है लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
अधीक्षण अभियंता ने कराई थी जांच
तत्कालीन अधीक्षण अभियंता संधारण, संचारण ने पत्र क्रमांक 6553 दिनांक 2 जनवरी 2023 और 7700 दिनांक 22 फरवरी 2023 के माध्यम से जबलपुर महाप्रबंधक को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था। जांच प्रतिवेदन में कहा गया था कि जांच उपरांत कार्यपालन अभियंता पूर्व संभाग रीवा ने बताया था कि दीपू यादव के नाम पर सर्विस कनेक्शन है। शिकायतकर्ता से 29 हजार 500 रुपए की राशि पश्चिम संभाग रीवा में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी दिलीप शर्मा ने लेकर तत्कालीन संभागीय लेखापाल आरएस शुक्ला को देना स्वीकार किया है लेकिन ली गई राशि उपभोक्ता के सर्विस क्रमांक के खाते में जमा नहीं किया गया। हालांकि जब श्रीशुक्ला से इस मामले में पूछताछ की गई तो उन्होंने इससे इंकार कर दिया। जांच में पाई गई स्थिति और प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए 29 हजार 500 रुपए की राशि आएसएस शुला सेवानिवृत्त लेखापाल की पेंशन से वसूली के लिए कार्यपालन अभियंता पश्चिम संभाग ने जारी कर दिया। इसके अलावा शिकायत सही पाए जाने पर कनिष्ठ अभियंता इंजीनियरिंग कॉलेज वितरण केन्द्र को पत्र क्रमंाक 1117 दिनांक 10 जनवरी 2023 को जारी कर आरएस शुक्ला के खिलाफ एफआईआर कराने के लिए कहा गया। हालांकि इस मामले में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं कराई जा सकी है। पीडि़त उपभोक्ता कार्यालय के चक्कर लगा रहा है। वर्तमान अधिकारी फाइल को दबा कर बैठ गए हैं।