पीआईयू के अधिकारियों का खेल: विभाग शिफ्ट हो गए, शुभारंभ भी हो गया लेकिन भवन हैंडओव्हर नहीं हुए, काम चालू है

श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में बने दो अकादमिक भवन में विभाग को शिफ्ट हो गए लेकिन काम खत्म नहंी हुआ। अब तक भवन को पीआईयू ने हैंडओव्हर नहीं किया है। सालों से काम चल रहा है जो पूरा ही नहीं हो पा रहा। पीआईयू निर्माण एजेंसी पर जुर्माना भी नहीं लगा रहा है।

पीआईयू के अधिकारियों का खेल: विभाग शिफ्ट हो गए, शुभारंभ भी हो गया लेकिन भवन हैंडओव्हर नहीं हुए, काम चालू है
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श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के दो अकादमिक भवनों का निमार्ण काय तय समय से आगे खिसका
ठेकेदार और अधिकारी मिलकर लगा रहे शासन का चपत, जुर्माना भी नहीं लगाया गया
रीवा। ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में करोड़ों रुपए की लागत से दो अकादमिक भवन बनाए गए हैं। यह भवन बन कर भी तैयार हो गए हैं। एक अकादमिक भवन पुराने भवन के ठीक बलग में बना है तो दूसरा पीछे की तरफ बन कर तैयार हो गया है। इस अकादमिक भवन के निर्माण की तय समय सीमा भी खत्म हो गई है। एक भवन का लोकार्पण एक साल पहले मप्र के राज्यपाल ने हीरक जयंती के दौरान किया था। तब से अब तक यह भवन निर्माणाधीन ही है। पीआईयू निर्माण एजेंसी का ठेकेदार अब तक काम पूरा नहीं कर पाया है। अधूरे निर्माण के बीच हद तो यह है कि मेडिकल कॉलेज के कई विभाग को भी शिफ्ट कर दिया गया है। अधूरे भवन में विभाग संचालन के साथ ही कक्षाएं भी आयोजित की जा रही हैं लेकिन काम चालू है। पीआईयू और ठेकेदार की मिली भगत से शासन को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। तय समय में काम पूरा नहीं होने पर जुर्माना लगाने जैसी कार्रवाई भी अब तक नहीं की गई।
विवादों में रहा है नया अकादमिक भवन
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज का नया अकादमिक भवन विवादों में भी रहा है। इसके निर्माण में ठेकेदार ने लापरवाही बरती थी। घटिया निर्माण के कारण छत से बारिश में जगह जगह पानी टपकने लगा था। पूरी फाल सीलिंग भरभरा कर नीचे गिर गई थी। दोनों भवनों की फॉल सीलिंग गिर गई थी। इसके बाद इसकी खानापूर्ति की गई। छत के ऊपर प्लास्टिक का डोम बना दिया गया है। जिससे अस्थाई रूप से पानी सीधे छत के संपर्क में नहीं आ पाएगा। हालांकि बाद में इस परेशानी से कॉलेज प्रबंधन को भी जूझना होगा।
जुर्माना तक पीआईयू ने नहीं लगाया
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के नए अकादमिक भवन के निर्माण में भी कोताही बरती गई। पहले जिस ठेकेदार को दिया गया था। उसने काम बीच में छोड़ दिया। इसके बाद दोबारा से नए ठेकेदार को काम सौंपा गया। इस ठेकेदार ने भी तय समय पर काम पूरा नहीं किया। अभी भी दोनों भवनों में काम जारी है। तय समय सीमा के बाद भी काम किया जा रहा है। इसके कारण काम पिछड़ रहा है। इस पर पीआईयू को ठेकेदार के खिलाफ जुर्माना की कार्रवाई करनी थी लेकिन किसी तरह का जुर्माना नहीं लगाया गया। ठेकेदार और पीआईयू के अधिकारियों की मिली भगत से काम खेल चल रहा है।