गौशाला बन गए कमाई का जरिया, सुबह 500 रुपए में बेड़ते हैं मवेशी रात में सब को छोड़ देते हैं

ग्राम पंचायतों में गौशालाएं बनी। सरकार को उम्मीद थी कि यह गौशालाएं आवारा मवेशी की समस्या खत्म कर देंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोगों ने इस गौशालाओं को कमाई का जरिया बना लिया है। सरकारी जमीन पर गौशाला बना कर अब अवैध वसूली कर रहे हैं। दिन में लोगों से मवेशियों को बंद करने का 500 रुपए वसूलते हैं। फिर इन्हीं मवेशियों को रात में गौशाला से बाहर निकाल देते हैं। किसान इन गौशाला संचालकों से परेशान है।

उमरी के पहाड़ी में बनाया गया है गौशाल, यहीं चल रहा है यह खेल
हर मवेशी को लाने पर वसूला जाता है 500 रुपए
रीवा। शासन का आदेश गौशाला संचालकों के कमाई का जरिया बन गया है। सरकारी जमीन पर कब्जा कर गौशाला बना लिए हैं और रुपए लेकर गौवंशों को रखा जाता है। फिर रात में सारे आवारा मवेशियों को सड़कों पर छोड़ देते हैं। हर दिन यही खेल चल रहा है। आवारा मवेशियों को गौशाला में रखने के नाम पर अवैध कमाई शुरू हो गई है। इससे ग्रामीण ज्यादा परेशान है। दिन में वह इन्हें पकड़कर गौशाला पहुंचाते हैं अैार सुबह वह फिर पहुंच जाते हैं।
ज्ञात हो कि शासन ने प्रदेशभर के कलेक्टरों को आदेश जारी कर आवारा मवेशियों के धरपकड़ के आदेश जारी किए हैं। अभियान चलाकर सड़कों से इन आवारा मवेशियों को हटाकर गौशालाओं तक पहुंचाने के निर्देश हैं। शासन का यही आदेश कमाई का जरिया बन गया है। पंचायतों में गौशालाएं तो खुली गई है लेकिन यह अवैध कमाई का धंधा बन गई है। लोगों को इससे राहत नहीं मिल रही है। बात सिरमौर तहसील अंतर्गत उमरी में पहाड़ी में बने गौशाला का है। उमरी पहाड़ी में ही नागरिक आपूर्ति निगम का ओपन वेयर हाउस बना हुआ है। इसी के पास ही गौशाला बनाई गई है। इस गौशाला का संचालक भटनी के लोग कर रहे हैं। भटनी के लोगों ने इसे कमाई का धंधा बना लिए हैं। गांव के लोगों का कहना है कि लोग दिन में आवारा गौवंशों को पकड़कर गौशाला तक ले जाते हैं। इन्हें दिन में बंद करके रखा जाता है। इसके बाद रात होते ही इन्हें छोड़ दिया जाता है। इतना ही नहीं गौवंशों को गौशाला तक ले जाने और बाड़े में रखने के लिए बकायदा वसूली भी की जाती है। शासन से मवेशियों के चारा भूसा के लिए राशि देती है लेकिन लोगों से भी प्रति मवेशी 500 रुपए वसूले जा रहे हैं। रुपए लेने के बाद भी गौशाला का संचालन करने वाले लोग इन्हें नहीं रखते। रात होते ही सभी को एक साथ गौशाला से बाहर खदेड़ दिया जाता है। जिससे एक साथ हजार से दो हजार मवेशी गांवों और सड़कों पर पहुंच जाती है। रातभर में किसानों के एक साथ फसलें चट कर जा रही है। आसपास के ग्रामीण इस भ्रष्टाचार और अव्यवस्था से परेशान हैं। किसानों की परेशानी पहले से अब कई गुना और बढ़ गई है। अवैध कमाई के चक्कर मे संचालन करने वाले लोग ऐस कर रहे हैं। एक ही मवेशी के हर बार रुपए लिए जाते हैं। इससे मवेशियों से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। परेशानी अलग बढ़ गई है।