आंखों का साइलेंट किलर है ग्लूकोमा..आंख बचानी है तो आज शिविर में जरूर जाएं, आज लगेगा एसजीएमएच में शिविर

ग्लूकोमा, आंखों की रोशनी का साइलेंट किलर है। इस बीमारी में आंखों की रोशनी जा सकती है। इस बीमारी से बचाने के लिए श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के चिकित्सक और छात्र विश्व ग्लूकोमा सप्ताह बना रहा है। लोगो को जागरुक करने के लिए रैली निकाल रहे। सोमवार को नुक्कड़ नाटक और संगोष्टी का आयोजन भी किया गया। मंगलवार को नि:शुल्क नेत्र शिविर भी लगाया जा रहा है। यदि इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो इस शिविर में पहुंच कर आंखों की जांच जरूर कराएं।

आंखों का साइलेंट किलर है ग्लूकोमा..आंख बचानी है तो आज शिविर में जरूर जाएं, आज लगेगा एसजीएमएच में शिविर

मेडिकल कॉलेज में विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया जा रहा
नेत्र रोग विभाग के चिकित्सक और डॉक्टर कर रहे लोगों को बीमारी से जागरुक
रीवा। ग्लूकोमा बीमारी से बचाने के लिए श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने सोमवार को नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। बीमारी से बचाव को लेकर नुक्कड़ नाटक से ही लोगों को जागरुक किया। मेडिकल कॉलेज में सप्ताह भर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मंगलवार को नि:शुल्क जांच शिविर का भी आयोजन किया गया है।
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया जा रहा है। इसका आयोजन 9 मार्च से शुरू होकर 15 मार्च तक चलेगा। इसके अंतर्गत 9 मार्च को सुबह 9 बजे नेत्र रोग विभाग से ग्लूकोमा जागरुकता रैली निकाली गई। डीन ने रैली का हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली मेडिकल कॉलेज से शुरू होकर अस्पताल चौराहा से सुपर स्पेशलिटी ब्लाक होते हुए गाध्ंाी स्मारक चिकित्सालय में पहुंच कर समाप्त हुई। सोमवार को नेत्र रोग विभाग ने विश्व ग्लूकोमा दिवस के अवसर पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। ओपीडी के बाहर लोगों को पीजी छात्रों ने नुक्कड़ नाटक से लोगों को बीमारी की गंभीरता, इलाज और बचाव की जानकारी दी। इस दौरान डीन डॉ सुनील अग्रवाल, उप अधीक्षक डॉ यत्नेश त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष डॉ शशि जैन, डॉ पंकज चौधरी, डॉ सुजाता लखटकिया, डॉ चारुदत्त चालीसगांवकर, डॉ अनामिका द्विवेदी सहित अन्य चिकित्सक, छात्र मौजूद रहे। इसके अलावा ग्लूकोमा बीमारी को लेकर दोपहर 1 बजे एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।  सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय चित्रकूटट के हेड ऑफ ग्लूकोमा डॉ राकेश शाक्य तथा राहुल जांगिड़ हेड ऑफ ग्लूकोमा  यूनिट शंकरा हास्पिटल बनारस  संगोष्ठी में शामिल हुए। छात्रों को बीमारी और उसके इलाज से जुड़ी जानकारी दी।


किस दिन कौन से आयोजन होंगे
विश्व ग्लूकोमा सप्ताह 9 मार्च से शुरू हुआ है। पहले दिन रैली निकाली गई। दूसरे दिन सोमवार को ओपीडी के बाहर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। चित्रकूट व बनारस के विशेषज्ञों द्वारा ग्लूकोमा बीमारी पर व्याख्यान दिया गया। 11 मार्च को मंगलवार को 9 बजे से 12 बजे तक नि:शुल्क कांच बिंदू जांच शिविर का आयोकजन किया गया है। इसमें रोगियों की ग्लूकोमा का नि:शुल्क परीक्षण किया जाएगा। 12 मार्च बुधवार को पीजी छात्रों के बीच क्विज प्रतियोगिता का आयोजन होगा। 15 मार्च को सेमिनार आयोजित किया जाएगा।
इस बीमारी का इलाज नहीं, आंखों की रोशनी चली जाती है
नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ शशि जैन ने बताया कि कांच बिंद नेत्र की वह बीमारी है। जिसमें मरीज की नेत्र की रोशनी बिना किसी विशेष लक्षण के धीरे धीरे खत्म होती जाती है। इसे आंखों की रोशनी का छुपा चोर या साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इसका कोई स्थाई उपचार नहीं है। केवल नियंत्रण ही किया जा सकता है। इससे बचाव के लिए इस बीमारी का प्रारंभिक अवस्था में निदान आवश्यक है। इससे बचने के लिए नियमित रूप से नेत्रों की जांच कराना चाहिए। 40 की उम्र के बाद यह जरूरी है।