खुशखबरी: रीवा से गोविंदगढ़ तक पटरी पर दौड़ी रेल!

गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन बन कर तैयार हो गया है। रीवा से गोविंदगढ़ तक का रेलवे लाइन भी बिछ गई है। गुरुवार को ट्रायल रन हुआ। पटरी पर रेल ट्राली दौड़ाई गई।

खुशखबरी: रीवा से गोविंदगढ़ तक पटरी पर दौड़ी रेल!
file photo

रीवा। ललितपुर-रीवा-सीधी-सिंगरौली रेललाइन का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है। पिछले 8 वर्ष में रीवा से गोविंदगढ़ तक 20 किलोमीटर रेललाइन का निर्माण पूर्ण हो पाया है। इस 20 किलोमीटर रेललाइन की गुणवत्ता देखने गुरुवार को ट्रॉली रन हुआ। पश्चिम मध्य रेलवे के इंजीनियर्स व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने संयुक्त रुप से इस रेललाइन का मुआयना किया। साथ ही, मार्ग में नवनिर्मित पुल, पुलिया व स्टेशन परिसर का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण में मिली खामियों में सुधार लाने के निर्देश दिए गए हैं। बताते हैं कि शीघ्र ही पमरे के वरिष्ठ अधिकारियों का रीवा दौरा हो सकता है। आगामी 29 दिसम्बर को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) भी इस रेललाइन का निरीक्षण कर सकते हैं। इस लिहाज से जल्दी शेष कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। पमरे के वरिष्ठ अधिकारियों के निरीक्षण में इस रेललाइन पर ट्रेन संचालन की स्वीकृति दी सकती है। वरिष्ठ अधिकारियों के इस निरीक्षण के पहले ही स्थानीय अधिकारियों ने गुरुवार को यह ट्रॉली रन किया। गुरुवार को हुए निरीक्षण के दौरान पमरे के पीडब्ल्यूआई इंद्रभूत सिंह, हुजूर एसडीएम अनुराग तिवारी, हुजूर नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला सहित अन्य रेलवे के अधिकारी मौजूद रहे।
धीमा चल रहा काम, जनवरी में ही चलाने की थी तैयारी
बघेलखंड व बुंंदेलखंड की यह महत्वपूर्ण रेल परियोजना अभी जमीन पर रेंग रही है। वर्ष 2016 में दोबारा शिलान्यास करते हुए मौजूदा सरकार ने 2020 तक रेललाइन का निर्माण पूरा करने का वादा किया था, जो पूरा नहीं हो सका। रेलवे के इंजीनियर व ठेकेदार कार्य को समय पर गति नहीं दे पाये। स्थिति को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने छोटे-छोटे लक्ष्य इस रेललाइन निर्माण को पूरा करने के निर्देश दिए, इस पर भी नतीजा सिफर है। जनवरी 2022 में ही गोङ्क्षवदगढ़ तक ट्रेन चलाने की तैयारी थी लेकिन अब प्रोजेक्ट पिछड़ गया है।
अभी विरोध खत्म नहीं हुआ है
छोटे लक्ष्यों में बटे कार्यों में कई जगह अभी बेसिक कार्य नहीं हुए हैं। कहीं पटरी का बिछाव नहीं हुआ है। जैसे-तैसे अभी रीवा से गोविंदगढ़ तक का रास्ता साफ किया जा रहा है। आगे छुहिया घाटी की सुरंग बन गई है। उसके आगे सीधी तरफ अपेक्षाकृत काम पीछे चल रहा है। इन क्षेत्रों में जमीन के बदले नौकरी व पर्याप्त मुआवजा न मिलने से किसान नाराज हैं, जिन्हें आये दिन प्रदर्शन करना पड़ता है। इन विरोध प्रदर्शनों के चलते भी निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही हैै। गुरुवार को निरीक्षण में निकले प्रशासनिक अधिकारियों ने आंदोलनकारियों से भी विमर्श किया और उन्हें उचित न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। ताकि समय पर रेलवे का निर्माण कार्य भी पूर्ण हो सके।