गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज फिर खुलने जा रहा है, अब इस जगह पर खुल रहा है कॉलेज

गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज की दोबारा मान्यता की कवायद शुरू हो गई है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अकादमिक भवन की तृतीय मंजिल पर नर्सिंग कॉलेज को स्टेबल कर दिया है। अब सिर्फ नर्सिंग काउंसलिंग टीम के निरीक्षण का इंतजार है।

गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज फिर खुलने जा रहा है, अब इस जगह पर खुल रहा है कॉलेज

मेडिकल कॉलेज के तृतीय तल पर पीएमएम को खाली कराकर नर्सिंग कॉलेज शिफ्ट किया गया
रीवा। ज्ञात हो कि हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने प्रदेशभर के नर्सिंग कॉलेजों की जांच की थी। जांच में रीवा के दो कालेज अनसुटेबल मिले थे। इसमें एक कॉलेज गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज रीवा भी था। शासन के निर्देश के बाद गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज को प्रशासन ने सीज कर दिया था। कॉलेज की मान्यता तक चली गई थी। प्रवेश बंद हो गया। कॉलेज की मान्यता जाने के बाद अब दोबारा से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इसे स्टेबिल करने की कवायद में जुट गया है। अकादमिक भवन के तृतीय तल में संचालित दो  विभागों को हटाकर यहां पर नर्सिंग कॉलेज को स्थापित किया है। मान्यता के मापदंडों के हिसाब से लेक्चर रूम, लाइब्रेरी आदि का निर्धारण किया गया है। नर्सिंग मेडिकल काउंसिल के पास मान्यता के लिए आवेदन भी कर दिया गया है। सूत्रों की मानें तो जल्द ही टीम निरीक्षण के लिए रीवा मेडिकल कॉलेज भी पहुंच सकती है। यही वजह है कि सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में प्रबंधन लगा हुआ है।
पीएसएम और लाइब्रेरी में खुला नर्सिंग कॉलेज
मेडिकल कॉलेज के तृतीय तल में पीएसएम और लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा था। इन दोनों विभाग को खाली कराया जा रहा है। पीएसएम को तो पूरी तरह से नए अकादमिक भवन में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं लाइब्रेरी की शिफ्टिंग अभी जारी है। पीएसएम के खाली हुए कमरों में नर्सिंग कॉलेज के कक्ष का स्लिप भी चिपका दिया गया है। इतना ही नहीं कमरों का आकार और साइज भी लिखा गया है। कौन सा कमरा कितने स्क्वेयर फीट का है। इसकी भी जानकारी चस्पा की गई है।
इन कमियों के कारण बंद हुआ कॉलेज
गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज की अव्यवस्थाओं को समय पर दुरुस्त नहीं किया गया। यहां न तो रेग्युलर स्टाफ था और न ही कॉलेज के लायक पर्याप्त जगह ही थी। जिस जगह पर कॉलेज संचालित किया जा रहा था। वह भवन जर्जर हालत में था। कई मर्तबा नर्सिंग छात्राओं ने हंगामा भी किया था। डीन से मुलाकात कर इसकी जानकारी भी दी थी लेकिन समय रहते इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया। इसी लापरवाही के कारण कॉलेज की मान्यता चली गई। सीबीआई ने कॉलेज को अनसुटेबिल पाया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मान्यता चली गई थी। अब दोबारा से मान्यता पाने की जुगत में कॉलेज प्रबंधन जुट गया है।