आयुर्वेद छात्रों की सरकार ने नहीं सुनी, भूख हड़ताल पर बैठे
13 दिनों से प्रदर्शन कर रहे आयुर्वेद छात्रों की सरकार ने नहीं सुनी । प्रदर्शन का हर हथकंडा अपना लिए। सरकार की अनदेखी से नाराज छात्रों ने अब भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। छात्र भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। मांगे पूरी होने तक छात्रों का प्रदर्शन जारी रहेगा।
रीवा। शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। पिछले 13 दिन से आंदोलन कर रहे छात्रों की सरकार नहीं सुन रही, जिससे नाराज हैं । आंदोलन कर रहे छात्रों का आरोप है कि प्रदेश में 20 वर्ष से ङ्क्षहदुत्ववादी सरकार है लेकिन आयुर्वेद व आयुष छात्रों के उत्थान के लिए सरकार ने कभी ठोस कदम नहीं उठाये। आयुर्वेद छात्रों ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया। प्रदेश के समस्त आयुष छात्र और पीजी स्कॉलर्स के साथ मिलकर रीवा के छात्र भी आंदोलन में सहभागिता निभा रहे हैं। रीवा आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र डॉ दीपम बडोन्या, डॉ वासुदेव गुर्जर, डॉ उमंग अग्रवाल, डॉ जितेंद्र जायसवाल भूख हड़ताल पर बैठे रहे। आयुर्वेद छात्रों की मांग है कि आयुर्वेद के छात्रों को सीपीआई से लिंक किया जाए, जिससे सारे डॉक्टर्स का वेतन समान हो। साथ ही, सभी सरकारी भर्ती एमपीपीएससी, यूपीएससी के पेपर हर साल आयोजित हों। एमपीएमएसयू जबलपुर विश्वविद्यालय का अकादमिक कैलेंडर जारी करने के साथ आयुर्वेद छात्रों को मेडिकल लीव का प्रावधान मिले। इन मांगों को लेकर महाविद्यालय परिसर में विगत 22 सितम्बर से छात्र आंदोलन कर रहे हैं।