रीवा से सरकार को शराब ठेके में लगा घाटा, 15 फीसदी प्लस में टेंडर का सोच रही थी अब 30 परसेंट का लगा झटका
शराब समूह के टेंडर में फायदा तलाश रही सरकार को झटका लग गया है। अब अंतिम दिन 30 फीसदी बिलो तक टेंडर स्वीकार करने की छूट दे दी गई है। अब ऐसे में ठेकेदारों को वर्तमान चल रही शराब दुकानों की दरों से 18 फीसदी कम दर पर दुकानें एलॉट होंगी। शासन को करोड़ों रुपए की रॉयल्टी का नुकसान उठाना पड़ेगा। ठेकेदार और अधिकारियों की मिली भगत से शासन को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
वर्तमान वार्षिक मूल्य से भी 18 फीसदी बिलो में जाएंगी शराब दुकानें
2 शराब समूहों का फिर हुआ टेंडर, अब तक 15 हो गई हैं फाइनल
रीवा। रीवा में शराब दुकानों के वार्षिक मूल्य में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 15 फीसदी राशि का इजाफा किया गया था। ठेकेदार लामबंद हुए तो शराब समूहों का नवीनीकरण ही नहीं हुआ। लॉटरी में भी किसी ने हिस्सा नहीं लिया। जिला आबकारी अधिकारियों ने ठेकेदारों से सांठगांठ की उन्हें ईटेंडर में भी शामिल होने से रोका गया। इसके कारण शासन को कदम दर कदम पीेछे खींचना पड़ा। अंत समय में अब हालात यह है कि किसी भी कीमत पर समूहों को देने के लिए सरकार तैयार है। यही वजह है कि 31 मार्च को बुलाए गए ईटेंडर के लिए वार्षिक मूल्य में 30 फीसदी तक की छूट दे दी गई है। यह छूट इस वर्ष की वार्षिक मूल्य से भी 18 फीसदी कम ही है। ऐसे में फायदा तलाश रही सरकार को 18 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं ठेकेदार मालामाल हो जाएंगे। उन्हें शराब खरीदने में ड्यूटी का फायदा मिलेगा लेकिन मनमानी दाम पर बेच जरूर सकेंगे।
अंतिम दिन 12 शराब समूहों की लगेगी बोली
रीवा और मऊगंज जिला की अभी 12 शराब समूह उठने के लिए शेष रह गई हैं। इन शराब समूहों के लिए ईटेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। 31 मार्च को शाम 4 बजे तक ईटेंडर ठेकेदार भर सकेंगे। इसके बाद ईटेंडर खोले जाएंगे। दोनेां जिलों की 12 शराब समूहों के लिए ठेकेदार अभी नहीं मिल पाएं हैं। अब 30 फीसदी बिलो तक रेट स्वीकार किए जाने की अनुमति मिल गई है। ऐसे में शेष रह गई शराब समूहों के लिए लूट मचनी तय है। हालांकि इस पूरी टेंडर प्रक्रिया में उन ठेकेदारों को घाटा जरूर उठाना पड़ेगा, जिन्होंने पहले ही अधिक दरों पर शराब समूहों का ठेका ले लिया है।
दो समूह का टेंडर हुआ फाइनल
शनिवार को 14 शराब समूह के लिए ईटेंडर से ऑफर बुलाया गया था। इसमें सिर्फ दो शराब समूहों के लिए ही निविदा आनलाइन सबमिट की गई। शाम 4 बजे के बाद जब निविदा खोली गई तो सिरमौर चौराहा और मनगवां की शराब समूहों के लिए ही ठेकेदार सामने आए। सिंगल टेंडर डाला गया था। इसमें सिरमौर चौराहा शराब समूह का ठेका रमेश मांझी को 18 करोड़ 61 लाख में फाइनल कर दिया गया। इसी तरह मनगवां में आरडी ट्रेडर्स 17 करोड़ में फाइनल हो गया है। अब तक 15 शराब समूह उठ गई हैं। शेष दुकानों के लिए अब अंतिम दिन जोर आजमाइश की जाएगी।
शराब दुकानों में मची रही छूट की लूट
1 अप्रैल से शराब दुकानों का ठेका बदल जाएगा। इसके कारण ठेकेदारों ने शराब दुकानों को खाली करने के लिए ऑफर का बोर्ड लगा दिया है। भारी छूट दी जा रही है। इसी छूट का फायदा उठाने के लिए शराब के शौकीनों की शराब दुकानों के बाहर भारी भीड़ लगी रही। अमहिया शराब दुकान के बाहर तो शराब खरीदने वालों की इतनी भीड़ उमड़ी की यहां जमा जैसे हालात बन गए। ऐसी ही स्थिति बोदाबाग, उर्रहट में भी देखने को मिली। शराब के शौकीनों ने सस्ती शराब कई दिनों के हिसाब से ही स्टॉक कर ली है। अब रविवार वित्त वर्ष का अंतिम दिन है। इस दिन भी ऑफर चलेगा। इसका फायदा फिर शराब के शौकीन उठाएंगे और ठेकेदार अधिक से अधिक राशि शराब बेचकर कमाने की कोशिश करेंगे।