अनुदान घोटाला: कलेक्टर ने दो दिन लगाई डीईओ, जेडी की क्लास तब हटाया गए कार्यालय से कैशियर
अनुदान घोटाले में फंसे कैशियर को अंतत: डीईओ ऑफिस से हटा दिया गया। सीईओ के निर्देश पर असर नहीं हुआ तो कलेक्टर ने डीईओ और जेडी की क्लास लगाई। दो दिन परेड चला। तब जाकर कैशियर को हटाने का आदेश जारी किया गया। कैशियर अशोक शर्मा को जेडी कार्यालय में अटैच करने की कार्रवाई की गई है। मंगलवार को मुक्त भी कर दिया गया।
मंगलवार को आदेश के बाद कार्यमुक्त भी कर दिया गया, 5 करोड़ 10 लाख के अनुदान और सामग्री घोटाले में फंसे हैं
vindhyabulletin.comरीवा। ज्ञात हो कि स्कूल शिक्षा विभाग में अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को अनुदान राशि के भुगतान में फर्जीवाड़ा हुआ था। महालेखाकार ग्वालियर की ऑडिट में आपत्ति सामने आई थी। वर्ष 2018 से 2019 के बीच में सिर्फ 70.67 लाख गबन की आपत्ति आई थी। तत्कालीन कलेक्टर की जांच में अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के एरियर और वेतन घोटाले में 2 करोड़ 18 लाख 39 हजार 901 रुपए और सामग्री घोटाले में 2 करोड़ 23 लाख का गबन मिला था। इस फर्जीवाड़ा में करीब 24 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसके अलावा तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी आरएन पटेल ने भी सिविल लाइन थाना में कैशियर अशोक शर्मा, सहायक अध्यापक विजय तिवारी और अनुदान शाखा प्रभारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी मामले तीसरी जांच भोपाल से आई टीम ने की थी। भोपाल से आई जांच टीम ने मामले में लीपापोती करने के हिसाब से ऐसी जांच रिपोर्ट तैयार कि जिसमें सभी को दोषी ठहरा दिया गया। जांच के बाद अब प्रतिवेदन के आधार पर आयुक्त लोक शिक्षण ने भी एफआईआर कराने के निर्देश जेडी को दिए। जेडी ने 18 लोगों को आरोपी बनाने के लिए आवेदन सिविल लाइन पुलिस को दिया। सिविल लाइन पुलिस मामले में जांच कर रही है। इस अनुदान घोटाले में फंसे कर्मचारी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पहले की तरह यथावत काम कर रहे हैं। इन्हें हटाने के निर्देश जिला पंचायत सीईओ ने जेडी लोक शिक्षण को दिया था लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों की मानें तो इस पर कलेक्टर को ही मोर्चा सम्हालना पड़ा। कलेक्टर ने डीईओ और जेडी दोनों की क्लास लगाईं। दो दिन तलब हुए। इन्हें सख्त निर्देश दिया गया कि दागी कैशियर को कार्यालय से तुरंत हटाया जाए। इसके बाद डीईओ ने आदेश जारी कर जेडी कार्यालय में अटैच कर दिया है। मंगलवार को इन्हें मुक्त भी कर दिया है।
vindhyabulletin.com यह सारे दागी डटे हुए हैं, अभी एक ही हटा
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अनुदान घोटाले के मामले में अधिकांश लिपिक फंसे हुए हैं। इसके बाद भी वह कार्यालय में ही डटे हुए हैं। इसमें मुख्य आरोपी अशोक शर्मा लेखापाल कार्यालय डीईओ रीवा, अखिलेश तिवारी सहायक ग्रेड 3 डीईओ आफिस शामिल थे। इसके अलावा नई शिकायत में कमलापति त्रिपाठी लिपिक डीईओ कार्यालय का भी नाम सामने आया है। इन सभी को हटाने के निर्देश सीईओ ने दिए थे। अभी सिर्फ एक को ही यहां से हटाने की कार्रवाई हुई है। कई दागी अब भी डटे हैं।
vindhyabulletin.com पहले 24 के खिलाफ हो चुकी है एफआईआर
अनुदान और सामग्री खरीदी घोटाला में यह तीसरी एफआईआर होगी। इसके पहले तत्कालीन डीईओ रामनरेश पटेल ने तीन के खिलाफ एफआईआर कराई थी। इसके बाद तत्कालीन डीईओ के पी तिवारी ने जांच के बाद 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर सिविल लाइन थाना में दर्ज कराई थी। अब नई एफआईआर में 18 लोग शामिल हैं। इसमें तीन पूर्व और वर्तमान डीईओ भी शामिल हैं। कई स्कूलों के प्राचार्य भी जद में आए हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो सिविल लाइन थाना में दागियों के संबंध में जानकारी मांगी गई है।