अतिथि विद्वानों और व्याख्याताओं को मिलेगा मासिक वेतन : सीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वान को कार्य दिवस की बजाय मासिक वेतन दिया जाएगा और वह 50 हजार रुपए तक होगा। तकनीकी शिक्षा के अतिथि विद्वान इसमें शामिल होंगे।
भोपाल। मुख्यमंत्री सोमवार को अतिथि विद्वानों और अतिथि व्याख्याताओं की पंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वानों को शासकीय सेवकों के समान अवकाश की सुविधा मिलेगी। एक अकादमिक सत्र में अपने महाविद्यालय के स्थान पर अतिथि विद्वानों को उनकी मंशा के अनुरूप आसपास के महाविद्यालय, में स्थानांतरण की सुविधा भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वानों और अतिथि व्याख्याताओं के जीवन की अनिश्चितता को समाप्त करने के लिए राज्य शासन ने ये महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। चौहान ने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि फॉलेन आउट की नौबत न आए। अतिथि विद्वान व्याख्याताओं के लिए पीएससी की परीक्षा में संशोधित कर 25 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए जाएंगे। अभी अतिथि विद्वानों को प्रतिवर्ष 4 और अधिकतम 20 अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। इसको बढ़ाकर अधिकतम 10 प्रतिशत तक अंक दिए जाएं।
लगातार पढ़ाने वालों को बाहर नहीं करेंगे
चौहान ने कहा कि अब कोई भी अतिथि विद्वान, व्याख्याता जो लगातार पढ़ाने का कार्य कर रहा है उसको बाहर नहीं किया जाएगा। आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग महाविद्यालय के अतिथि शिक्षक और व्याख्याता भी पात्र होंगे और निरंतर पढ़ाने का कार्य कर रहे किसी अतिथि विद्वान और व्याख्याता को बाहर नहीं किया जाएगा। अतिथि विद्वान और अतिथि व्याख्याता इसके पात्र हैं। उन्हें विद्यार्थियों के भविष्य को बेहतर बनाने का महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वान और अतिथि व्याख्याता हमारे परिवार के अभिन्न अंग हैं। राज्य शासन अतिथि विद्वानों और अतिथि व्याख्याताओं को विभिन्न सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।
सीएम ने यह की घोषणाएं
-सभी शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों को कार्यदिवस की बजाय मासिक वेतन दिया जाएगा और वह 50 हजार रुपये तक होगा।
-शासकीय सेवकों के समान अवकाश की सुविधा भी मिलेगी।
- अकादमिक सत्र में अपने महाविद्यालय के स्थान पर आप जो चाहेंगे आपके आसपास महाविद्यालय में स्थानांतरण की सुविधा भी दी जाएगी।
-फालेन आउट अतिथि विद्वानों को भी फिर से रिक्त पदों पर आमंत्रित देंगे।
-अतिथि विद्वानों और व्याख्याताओं के लिए 25प्रतिशत पद आरक्षित किये जायेंगे।
-अतिथि विद्वान और व्याख्याता जो लगातार पढ़ाने का काम कर रहे हैं, उनको बाहर नहीं किया जाएगा।
-सभी शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वान को कार्यदिवस की बजाय मासिक वेतन दिया जाएगा और वह 50 हजार तक होगा।
-आईटीआई वाले अतिथि व्याख्याताओं के लिए भी यह व्यवस्था लागू होगी।
-अतिथि प्रवक्ताओं का मानदेय भी 20 हजार किया जाएगा।
-अतिथि विद्वानों को शासकीय सेवकों के समान अवकाश की सुविधा मिलेगी।
-एक अकादमिक सत्र में अपने महाविद्यालय के स्थान पर अतिथि विद्वानों को उनके आसपास महाविद्यालय में स्थानांतरण की सुविधा भी दी जाएगी।
-अतिथि विद्वान व्याख्याताओं के लिए पीएससी की परीक्षा में संशोधित कर 25 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाएंगे।
-अभी अतिथि विद्वानों को प्रतिवर्ष 4 और अधिकतम 20 अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। इसको बढ़ाकर अधिकतम
10 प्रतिशत तक अंक दिए जाएं, इसकी व्यवस्था की जाएगी।
-अब कोई भी अतिथि विद्वान, व्याख्याता जो लगातार पढ़ाने का कार्य कर रहा है उसको बाहर नहीं किया जाएगा।
-हम यह व्यवस्था बनाएंगे कि फॉलेन आउट की नौबत न आए। फालेन आउट अतिथि विद्वानों को भी फिर से रिक्त पदों पर आमंत्रित करेंगे।