हाथरस हादसा: सत्संग में मची भगदड़, 122 से अधिक लोगों की हुई मौत

उत्तर प्रदेश के हाथरस में बड़ा और दुखद हादसा हो गया। भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 122 लोगों से ज्यादा की जान चली गई। सत्संग खत्म होने के बाद यह भगदड़ मची। मरने वालों में सबसे अधिक महिलाएं थी। इस हादसे के बाद सीएम उत्तर प्रदेश ने जांच बैठा दी है। वहीं पीएम ने घटना पर दुख जताते हुए आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा कर दी है।

122 से ज्यादा लोगों की भगदड़ में गई जान
डीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित
हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। सिकंदराराऊ से एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग खत्म होने के बाद भीड़ निकल रही भीड़ को एक हिस्से से भोले बाबा का काफिला निकालने के लिए रोका, तभी भगदड़ मच गई। इसमें 122 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, कई हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है। ऐसे में यह संख्या अभी और बढ़ सकती है। जानकारी के अनुसार 100 से अधिक शव हाथरस पोस्टमार्टम पर भेजे जा गए हैं। मृतकों में 25 से अधिक लोग एटा के बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद फिरोजाबाद से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो डाक्टरों की टीम, पांच एंबुलेंस और एक शव वाहन को मौके पर भेजा गया। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बड़ी भीड़ जमा हो गई, एक तरफ शव लाए जा रहे थे तो दूसरी तरफ स्वजन पहुंच रहे थे। शवों के पास बैठे स्वजनों का विलाप सुन हर किसी का दिल पसीज रहा था।  मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम यूपी के जिलों के हैं। इधर एटा में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया। साथी उसे डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई।
शव उठाने तक के लिए लोग नहीं, अफसर खड़े देखते रहे
हादसे में हाथरस प्रशासन की भयंकर चूक सामने आई है। कार्यक्रम की अनुमति देने से लेकर हादसे के बाद तक प्रशासन लाचार नजर आया। सुबह लाखों की भीड़ कार्यक्रम स्थल पहुंच चुकी थी, लेकिन सत्संग स्थल पर कोई भी बड़ा अफसर मौजूद नहीं था। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। कुछ पुलिसवाले थे, वह भी इधर-उधर टहल रहे थे। परिजन ही रोते-बिलखते शवों को उठा रहे थे। अफसर खड़े देखते रहे। न कार्यक्रम स्थल में और न ही अस्पताल में कोई इंतजाम था।
सीएम योगी ने जताया दुख, बैठाई जांच कमेटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लिया। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने मंत्री लक्ष्मी नारायण, मंत्री संदीप सिंह, चीफ सेक्रेटरी एवं डीजीपी को मौक़े पर भेजा है। उन्होंने एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं।
पीएम मोदी ने भी किया आर्थिक मदद का ऐलान
हाथरस हादसे में पीएम मोदी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की मदद की घोषणा की है। वहीं घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक मदद की बात कही है।
पुलिस की नौकरी छोड़ बन गए भोले बाबा
हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर भोले बाबा कौन है। भोले बाबा का असली नाम नारायण हरि और वह एटा के रहने वाले हैं। उनका कनेक्शन सियासत से भी है। कुछ मौकों पर यूपी के कई बड़े नेताओं को उनके मंच पर देखा गया। इसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है। भोले बाबा बचपन में पिता के साथ खेती-किसानी करते थे। जवान हुए तो पुलिस में भर्ती हो गए। उनकी पोस्टिंग यूपी के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में रही। 18 साल की नौकरी के बाद उन्होंने 90 के दशक में वीआरएस ले लिया। अध्यात्म की तरफ जाने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर साकार विश्वहरि रख लिया। उनकी पत्नी भी समागम में साथ रहती हैं। वह किसी अन्य बाबा की तरह भगवा पोशाक नहीं पहनते। वह अपने सत्संग में सफेद सूट और सफेद जूते में नजर आते हैं। भोले बाबा की खुद की प्राइवेट आर्मी है, जिन्हें सेवादार कहा जाता है।