हाथरस कांड: यूपी सरकार का बड़ा एक्शन, एसडीएम, सीओ सहित 6 अफसर सस्पेंड

हाथरस कांड में भगदड़ में 122 लोगों से अधिक की जान चली गई थी। इस मामले में यूपी पुलिस ने जांच बैठाई थी। जांच में गड़बड़ी करने वाले अफसरों पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई की है। एसआईटी के 6 अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। एसआईटी की रिपोर्ट में कहीं भी भोले बाबा का अफसरों ने जिक्र तक नहीं किया गया। इस पर कार्रवाई की गई है।

हाथरस कांड: यूपी सरकार का बड़ा एक्शन, एसडीएम, सीओ सहित 6 अफसर सस्पेंड

900 पेज की रिपोर्ट तैयार की लेकिन भोले बाबा का कहीं जिक्र तक नहीं किया
हाथरस। हाथरस हादसे के 7 दिन बाद यूपी सरकार ने पहला एक्शन लिया। एसडीएम, सीओ समेत 6 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। सरकार ने एसआईटी  की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की। एसआईटी ने सोमवार रात सीएम योगी को 900 पेज की रिपोर्ट सौंपी थी। एसआईटी  रिपोर्ट के बाद सरकार ने 9 पॉइंट पर बयान जारी किया। इसमें आयोजकों और प्रशासनिक अधिकारियों को लापरवाह बताया गया, लेकिन कहीं भी भोले बाबा का जिक्र नहीं है। इस तरह जिला प्रशासन के बाद सरकार से भी भोले बाबा को क्लीन चिट मिल गई है। उसका नाम एफआईआर में भी नहीं था। जिन अफसरों को सस्पेंड किया गया, उनमें एसडीएम, रविंद्र कुमार, सीओ आनंद कुमार के अलावा इंस्पेक्टर आशीष कुमार, तहसीलदार सुशील कुमार और चौकी इंचार्ज कचौरा मनवीर सिंह और पारा चौकी इंचार्ज बृजेश पांडे शामिल हैं। इधर हाथरस हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मंगलवार को याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी से चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मैंने कल ही याचिका को लिस्टेड करने का आदेश दिया। याचिका में हादसे की जांच रिटायर्ड जस्टिस की निगरानी में पांच सदस्यीय टीम से कराने की मांग की गई थी।
एसआईटी ने हादसे में साजिश से किया इंकार
एसआईटी  ने रिपोर्ट में कहा- हादसे में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसकी गहनता से जांच जरूरी है। हादसा आयोजकों की लापरवाही से हुआ। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया। वरिष्ठ अफसरों को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। भीड़ के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए। आयोजकों ने बिना पुलिस वैरिफिकेशन जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा, उनसे अव्यवस्था फैली है। जांच के दौरान 150 अफसरों, कर्मचारी और पीडि़त परिवारों के बयान दर्ज किए गए।एसआईटी  ने कहा- एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज ने अपनी जिम्मेदारी में लापरवाही की। एसडीएम ने बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए अनुमति दी। सीनियर अफसरों को भी जानकारी नहीं दी। घटनास्थल पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी नहीं थी। रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम की अनुमति ली। आयोजकों ने पुलिस के साथ दुव्र्यवहार किया। पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया। हादसे के बाद आयोजक मंडल के सदस्य घटनास्थल से भाग गए। सीएम ने हादसे के 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की थी। हालांकि एसआईटी  ने जांच पूरी करने में 6 दिन लगा दिए। आगरा जोन की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ एसआईटी प्रमुख हैं।