पूरा जीवन देश और समाज की सेवा में गुजार दिया, मरने के बाद छात्रों को समर्पित कर दी देह
एक सैनिक का देश के प्रति समर्पण आपकों अंदर से गौरवान्वित महसूस कराएगा। एक सैनिक ने जवानी देश के नाम कर दी। बार्डर पर डटकर दुश्मनों से लोहा लिया। चीन से युद्ध के दौरान उनकी कैद में भी रहे। फिर सेना से रिटायर हुए तो परिवार और समाज की सेवा की। मरने के बाद अपनी देह छात्रों की पढ़ाई के लिए छोड़ गए। अब मेडिकल कॉलेज के छात्र उनकी देह से पढ़ सकेंगे और बेहतर डॉक्टर बन सकेंगे।
87 वर्षीय भूतपूर्व सैनिक शिवचरण कर्मी की देह बेटों ने मेडिकल कॉलेज को दी दान
रीवा। ग्राम बुढ़वा तहसील रायपुर कर्चुलियान निवासी 87 वर्षीय शिवचरण कुर्मी का जबलपुर में इलाज के दौरान निधन हो गया। शिवचरण कुर्मी भूतपूर्व सैनिक रहे। भारतीय सेना में वर्ष 1972 में सैनिक पद से सेनानिवृत्त हुए थे। सेवा के दौरान भारत चीन युद्ध के समय भारतीय सेवा के 600 बंदियों में भी शामिल रहे। शिवचरण कुर्मी में देशप्रेम कूट कूट कर भरा था। जब तक सेना में रहे तब तक देश की रक्षा के लिए लड़े। सेना से रिटायर हुए तो समाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। उनकी इच्छा था कि मरने के बाद उनके शरीर को जलाया न जाए। उनके देह को मेडिकल कॉलेज को छात्रों की पढ़ाई के लिए दान दे दिया जाए। उनकी इच्छा के अनुसार पुत्रों ने श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में शपथ पत्र भी जमा कर दिया था। पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए पुत्रों ने मृत्यु के बाद उनका शव मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे और कॉलेज प्रबंधन के हवाले कर दिया। उनका लंबे समय से इलाज चल रहा था। जबलपुर में उनका इलाज के दौरान ही निधन हो गया था। निधन के बाद उनकी देह श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग को दान दी गई। इस दौरान श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ सुनील कुमार अग्रवाल, प्रभरी विभागाध्यक्ष डॉ अर्जुन सिंह परमार, डॉ मेघना मिश्रा, सभी सभी चिकित्सक मौजूद रहे। संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक संजय गांधी अस्पताल डॉ राहुल मिश्रा ने देहदान पर परिवारजनों कोि इस महान कार्य की सराहना करते हुए आभार जताया। देहदान के दौरान उनके पुत्र बलराज प्रसाद, चंद्रिका प्रसाद पटेल, श्रवण पटेल सहित अन्य परिवार के सदस्य मौजूद रहे।