रिश्वत लेते पकड़े गए प्रधान आरक्षक को मिली 4 साल के सश्रम करावास और 10 हजार के अर्थदंड की सजा
लोकायुक्त के हाथ रिश्वत लेते पकड़े गए प्रधान आरक्षक को न्यायालय ने 4 साल के सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। राजीव लोचन पांडेय प्रधान आरक्षक 878 थाना जनेह के खिलाफ लोकायुक्त रीवा में भ्रष्टाचार के पंजीबद्ध प्रकरण में विशेष न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई।
रीवा। जानकारी दी गई कि आरोपी राजीव लोचन पांडेय प्रधान आरक्षक थाना जनेह को धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधन अधिनियम 2018 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। लोकायुक्त टीम से मिली जानकारी में बताया गया कि शिकायतकर्ता पन्नालाल कोरी एवं विमलेश कोल उर्फ मदारी के बीच हुए झगड़े में विमलेश कोल की तरफ से पक्की रिपोर्ट लिखी गई वहीं शिकायतकर्ता की तरफ से कच्ची रिपोर्ट थाना जनेह में लिखी गई थी। प्रधान आरक्षक द्वारा शिकायतकर्ता पन्नालाल कोरी की तरफ से पक्का केस बनाने एवं विमलेश कुमार कोल उर्फ मदारी के द्वारा शिकायतकर्ता के विरुद्ध किए गए केस को कमजोर बनाने के एवज में 15 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी। उक्त मामले की शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त टीम ने 10 सिंतबर 2020 को रिश्वत की राशि 15 हजार रुपए लेते हुए प्रधान आरक्षक को रंगे हाथ पकड़ा था। मामले में लोकायुक्त टीम ने विशेष न्यायालय रीवा में 14 अक्टूबर 2022 को चालान प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद न्यायालय ने शनिवार को निर्णय पारित किया है।