स्वास्थ्य विभाग का चर्चित लैपटॉप घोटाल: 8 घोटालेबाजों से होगी 5.28 लाख रुपए की रिकवरी
स्वास्थ्य विभाग में इंस्ट्रूमेंट और 32 लैपटॉप की खरीदी में की गई अनियमितता का भांडाफोड़ होने के बाद रिकवरी के आदेश जारी कर दिए गए हैं। संयुक्त संचालक संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं ने संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा को पत्र जारी कर 8 घोटाले बाजों से 5.28 लाख रुपए की रिकवरी के निर्देश दिए हैं। सभी घोटाले बाजों से बराबर बराबर की राशि वसूली के निर्देश दिए गए हैं।
संयुक्त संचालक भोपाल से रिकवरी का नोटिस पहुंचा, मचा हड़कंप
रीवा। ज्ञात हो कि स्वास्थ्य विभाग मे 13 सितंबर 2019 के निर्देशानुसार स्वीकृत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर प्राथमिक स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों के सुचारू संचालन के लिए आईटी उपकरण क्रय कर प्रदान करने के निर्देश दिए थे। उपकरण क्रय करने के लिए जिला को ई वित्त प्रवाह के गतिविधि के एफएमआर कोड बजट उपलब्ध कराया गया था। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 30, यूपीएचसी 02, सिविल डिस्पेंसरी 01 एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र 21 कुल 54 संस्था हेल्थ एवं वैलनेस में स्वीकृत किए गए थे। प्रत्येक संस्था में लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, हैडपुोन के साथ माइक्रो फोन खरीदना था। इसके लिए सीएमएचओ के आदेश पर 26 सितंबर 2019 को जिला स्वास्थ्य समिति के अनुमोदन उपरांत जिले में आईटी उपकरण खरीदी करने के लिए क्रय समिति का गठन किया गया। 5 लाख 28 हजार रुपए के लैपटॉप खरीदे गए। इसमें घोर लापरवाही बरती गई। शासन को 5.28 लाख की क्षति पहंचाई गई थी। इस मामले की शिकायत होने पर जांच बैठाई गई। भोपाल से भी जांच दल पहुंचा था। यह सारा घोटाला तत्कालीन सीएमएचओ डॉ आरएस पाण्डेय के कार्यकाल में हुआ था। कमीशन के चक्कर में कमेटी के सदस्यों ने लैपटॉप खरीदी में फर्जीवाड़ा किया था।
जांच के बाद कमेटी ने रिपोर्ट भोपाल में सौंपी और वहां से कार्रवाई के निर्देश जारी हो गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक छवि भारद्धाज ने सीएमएचओ रीवा को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ ही रिकवरी के निर्देश भी दे दिए हैं। सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। चार साल बाद मामले में संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल ने क्रय समिति के 8 सदस्यों के खिलाफ रिकवरी निकाली है। संयुक् त संचालक रीवा को रिकवारी के आदेश जारी किए हैं। सभी से 66 हजार रुपए की वसूली की जाएगी।
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इन क्रय समिति के सदस्यों ने की गड़बड़ी, अब रिकवरी होगी
क्रय समिति में 8 सदस्य शामिल थे। इन सभी सदस्यों को रिकवरी नोटिस जारी किया गया है। इसमें क्रय समिति में शामिल आशुतोष शुक्ला स्टोर कीपर, डीपीएम सुनील अवस्थी, विमल पाण्डेय, तत्कालीन सीएमएचओ डॉ आरएस पाण्डेय, डॉ प्रदीप शुक्ला स्टोर इंचार्ज, आरएमओ डॉ एके मिश्रा, रमाकांत द्विवेदी एनएचएम लेखापाल, विजय तिवारी डाटाइंट्री मैनेजर सहित एक अन्य शामिल हैं। इन सभी से 5 लाख 28 हजार रुपए की रिकवरी की जाएगी। सभी के हिस्से में 66 हजार रुपए आएंगे।
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4 सदस्यीय समिति की जांच में मिली भी गड़बड़ी
एनएचएम कार्यालय ने डॉ दुर्गेश गोड़ उप संचालक मानव संसाधन की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय समिति का गठन किया था। टीम ने जांच के बाद अभिमत शासन को प्रस्तुत किया था। इसमें भारी अनियमितता सामने आई थी। जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि स्पेसिफिकेशन अनुसार लैपटॉप क्रय नहीं किया गया। इसें विंडोज एवं रेम संबंधी अनियमितता पाई गई। रीवा जिले में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के अंतर्गत कार्यरत सीएमओ को लैपटॉप के साथ बुलाया गया जिसके परीक्षा उपरांत लैपटॉप की गणुवत्ता स्पेसिफिकेशन अनियमितता पाई गई। जेम पोर्टल पर क्रय संबंधी भंडार नियम का पालन नहीं किया गया। गठित समिति ने नियमों का पालन नहीं किया। प्राप्त सामग्री की गुणवत्ता एवं स्पेसिफिकेशन का मिलान नहीं किया गया। किसी तकनीकी विशेषज्ञ ने टेक्नीकल स्पेसिफिकेशन का परीक्षण भी नहीं करवाया था। तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रीवा एवं क्रय समिति में सम्मलित सदस्य को कारण बताओ नेाटिस जारी किए गए लेकिन समिति के सदस्यों ने प्रस्तुत प्रतिवाद उत्तर में खु का दोष मुक्त बताया था। उप संचालक आईटी के दिए गए अभिमत अनुसार टेंडर में क्रय किए गए लैपटॉप तय मानक से भिन्न एवं निम्म स्तर के प्राप्त किए गए। संबंधित संस्था को भुगतान भी कर दिया गया। 5 लाख 28 हजार रुपए की आर्थिक हानि पहुंचाई गई।