रीवा के स्वास्थ्य विभाग की सेहत खराब, सूचकांक में पिछड़े अब गिरेगी अधिकारियों पर गाज
रीवा संभाग के स्वास्थ्य विभाग की सेहत खराब है। राष्ट्रीय औ प्रदेश स्तर के स्वास्थ्य सूचकांकों की तुलना में संभाग की स्वास्थ्य सेवाएं खराब हैं। डाटा सिर्फ 40 फीसदी ही दर्ज है। ऐसे में कमिश्नर ने सीएमएचओ, सिविल सर्जन और अन्य संबंधित अधिकारियेां को 15 दिन का अल्टीमेटम जारी किया है। 15 दिन में स्वास्थ्य सूचकांकों की सेहत नहीं सुधरी तो सभी के खिलाफ दो वेतन वृद्धियां रोकने की कार्रवाई की जाएगी।
डाटा 15 दिन में अपडेट नहीं हुआ तो रूकेंगी दो वेतन वृद्धियां
कमिश्नर ने वर्चुअल माध्यम से की स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा
रीवा। गुरुवार को रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने वर्चुअल माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं तथा स्वास्थ्य सूचकांकों की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर तथा प्रदेश स्तर के स्वास्थ्य सूचकांकों की तुलना में संभाग में स्वास्थ्य सेवाएं संतोषजनक नहीं हैं। मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर में सुधार के लगातार प्रयास करें। गर्भवती महिलाओं के पंजीयन तथा प्रथम त्रैमास में सभी आवश्यक स्वास्थ्य जाँचों का सूचकांक भी संतोषजनक नहीं है। इसी तरह एनिमिक गर्भवती महिलाओं की जाँच तथा उन्हें आयरन सुक्रोज का इंजेक्शन लगाने की जानकारी भी ठीक नहीं है। इनका डाटा केवल 40 प्रतिशत दर्ज किया गया है। स्वास्थ्य सूचकांकों का डाटा 15 दिनों में अनिवार्य रूप से अपडेट कराएं। इसका पालन न होने पर संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, बीएमओ तथा अन्य संबंधितों की दो वार्षिक वेतन वृद्धियाँ रोकी जाएंगी। बैठक में डॉ डीपी अग्रवाल, सीएमएचओ रीवा डॉ केएल नामदेव, उपायुक्त विकास एसडी सिंह, उपायुक्त दिव्या त्रिपाठी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के सीएमएचओ, सिविल सर्जन एवं बीएमओ शामिल रहे।
बीएमओ, एएनएम और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
बैठक में कमिश्नर ने कहा कि क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सभी जिलों तथा कम उपलब्धि वाले विकासखण्डों में जाकर स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करें। सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कलेक्टर के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की हर माह समीक्षा करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। लापरवाही बरतने वाले बीएमओ, एएनएम तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करें। कमिश्नर ने बीएमओ को निर्देश देते हुए कहा कि पोर्टल पर सभी स्वास्थ्य सूचकांक की जानकारी शत-प्रतिशत दर्ज कराएं। किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर कठोर दण्ड के लिए तैयार रहें। कमिश्नर ने कहा कि शिशुओं के टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं के पंजीयन, संस्थागत प्रसव, पोषण पुनर्वास केन्द्र में कम पोषित बच्चों की भर्ती सहित सभी सूचकांकों में सतना और सिंगरौली जिले की स्थिति खराब है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इनमें सुधार के प्रयास करें।
जननी सुरक्षा और प्रसूति सहायता योजना का भुगतान मिला लंबित
कमिश्नर ने कहा कि जननी सुरक्षा योजना तथा प्रसूति सहायता योजना में भुगतान के लिए लंबित सभी प्रकरण सात दिवस में निराकृत करें। अभी संभाग में जननी सुरक्षा योजना में 6384 तथा प्रसूति सहायता योजना में 3000 से अधिक हितग्राहियों का भुगतान लंबित है। इनका सात दिवस में भुगतान सुनिश्चित करें। अभी आयुष्मान भव शिविर लगाए जा रहे हैं। इनमें शेष बचे पात्र व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड बनाएं। संपूर्ण टीकाकरण की पूरी जानकारी नए यूविन पोर्टल पर दर्ज कराएं। पोषण पुनर्वास केन्द्र में संभाग में 360 बेड उपलब्ध हैं। अब तक इनमें 2462 कम पोषित बच्चों को भर्ती किया गया है जिसका प्रतिशत 68 है। इसमें सिंगरौली जिले की स्थिति सबसे खराब है इसमें सुधार करें। महिला एवं बाल विकास के सहयोग से कम पोषित बच्चों का एनआरसी में प्रवेश सुनिश्चित कराएं। बैठक में कमिश्नर ने गर्भवती महिलाओं के समय पर पंजीयन, बच्चों के सम्पूर्ण टीकाकरण गर्भवती महिलाओं के हाईरिस्क का चिन्हांकन एवं समुचित उपचार तथा परिवार कल्याण कार्यक्रम के संबंध में निर्देश दिए।