दिल दे रहा है दगा, बढ़ रहे हैं मामले, ठंड में चलना जरा सम्हल कर

ठंड में दिल दगा दे रहा है। मरीजों की संख्या सुपर स्पेशलिटी में बढ़ गई है। ओपीडी और एमरजेंसी में मरीजों की संख्या 100 से 150 तक पहुंच रही है। अब सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं युवा भी हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं। ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ गया है।

दिल दे रहा है दगा, बढ़ रहे हैं मामले, ठंड में चलना जरा सम्हल कर
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रीवा। इस मर्तबा ठंड कड़ाके की पड़ रही है। इस ठंड से लोगों का जनजीवन तो प्रभावित हो ही रहा है। सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है। ठंड सबसे अधिक दिल के मरीजों पर असर डाल रही है। सुपर स्पेशलिटी में दिल के दर्द की शिकायत लेकर आने वालों की लंबी लाइन लग रही है। हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ रहे हैं। ओपीडी और आईपीडी में बढ़ोत्तरी हुई है। सुपर स्पेशलिटी से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में ओपीडी ही 100 से 150 तक पहुंच गई है। इसमें नए और पुराने दोनों तरह के मरीज पहुंच रहे हैं। इसके अलावा एमरजेंसी में हार्ट अटैक के दिनभर में 10 मरीज पहुंच रहे हैं। ठंड में हार्ट अटैक और दिल में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में डॉक्टर बुजुर्गों के अलावा युवाओं को भी ठंड से बच कर रहने की सलाह दे रहे हैं।
इस उम्र के ज्यादा आ रहे मरीज
अब हार्ट अटैक की चपेट में आने वाले मरीजों के लिए उम्र का बंधन ही नहीं रह गया है। अब 20 से 30 साल तक के युवाओं को भी हार्ट अटैक आ रहा है। दिल की शिकायत लेकर युवा भी पहुंच रहे हैं। इसके अलावा 50 प्लस वाले मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसमें अधिकांश मरीज पहले से पीडि़त हैं। कई ऐसे हैं जो बाहर हार्ट का आपरेशन कराकर लौटे हैं। वह भी यहां इलाज कराने पहुंच रहे हैं।
इसलिए बढ़ रहे हैं मरीज
हार्ट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह खानपान माना जा रहा है। खानपान और मानसिक तनाव हार्ट अटैक की वजह बन रहा है। इसके अलावा ठंड के मौसम में खून गाड़ा हो जाता है। नसे सिकुड़ जाती है। बीपी के मरीजों को भी इस मौसम में अटैक आ रहे हैं। शराब और नशा करने वाले लोग सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। अनियमित खान पान भी वजह बन रही है। जंकफूड और ऑयली खाना खाने वालों को भी समस्याएं हो रही हैं।
ठंड के मौसम में यह जरूर करें
जिन मरीजों को पहले से ही हार्ट की शिकायत है। वह दवाइयों का नियमित सेवन करें। ठंड में बिना कपड़ों के बाहर न निकले। गर्म कपड़े पहने। जंक फूड का उपयोग करने से बचें। बीपी की शिकायत वाले मरीज नियमित गोली का सेवन करें। बीच में दवा छोडऩा इनके लिए घातक हो सकता है। इसके अलावा जिनके माता पिता को हार्ट की शिकायत रही हो, वह भी अलर्ट रहें। उन्हें भी हार्ट संबंधी बीमारियां घेर सकती हैं। नियमित जांच कराएं और दवाइयों का सेवन करें।
इन्हें ज्यादा खतरा
हार्ट अटैक का सबसे ज्यादा खतरा एल्कोहल पीने वाले, सिगरेट का सेवन करने वाले, पुराने मरीजों को, जंक फूड का उपयोग करने वाले, बीपी के मरीजों को रहता है। अनियमित रूटीन रखने वालों को भी खतरा है। ठंड में लापरवाही बरतने वाले सबसे ज्यादा खतरे में हैं।
स्ट्रोक का भी बढ़ जाता है खतरा
ठंड में सिर्फ हार्ट अटैक का ही खतरा नहीं रहता। हार्ट के मरीजों की नसें सिकुड़ जाती हैं। जिससे उन्हें ब्रेन स्ट्रोक भी आ सकता है। इनके मरीज भी बढ़ रहे हैं। जिन्हें हार्ट से संबंधी शिकायतें नहीं है। वह नियमित व्यायाम करें और नशे से दूर रहें। इसके अलावा जंक फूड से भी दूरी बनाएं।
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ठंड में हार्ट संबंधी बीमारियां बढ़ जाती है। हार्ट अटैक का भी ज्यादा खतरा रहता है। हार्ट पेशेंट नियमित दवाइयां लें। बीपी के मरीज भी दवाइयों का सेवन नियमित करें। बीच में ब्रेक न करें। युवा नियमित व्यायाम करें।
डॉ राकेश सोनी
सीटीवीएस सर्जन, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा।