रीवावालों का दिल हुआ कमजोर, प्रदेश में भी टूटा रिकार्ड, दूसरा ऐसा जिला बना जहां सबसे अधिक मरीज
रीवा वालों का दिल कमजोर हो रहा है। यहां तेजी से मरीज बढ़ रहे हैं। 108 एम्बुलेंस के रिकार्ड चौकाने वाले हैं। वर्ष 2023 में रीवा मप्र में दूसरा ऐसा जिला है, जहां सबसे अधिक मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया। इन मरीजों को दिल में दर्द और अटैक आए हैं। रिकार्ड से स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
रीवा। कोविड के बाद रीवा में दिल के रोगियों की संख्या बढ़ी है। यहां सिर्फ उम्र दराज ही नहीं अब युवा भी हार्ट अटैक से दम तोड़ रहे हैं। बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हंै। सुपर स्पेशलिटी से लेकर संजय गांधी अस्पताल में हर दिन दिल के दर्द की शिकायत लेकर पहुंचने वालों की संख्या एक सैकड़ा से ज्यादा रहती है। सुपर सुपर स्पेशलिटी में कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में भीड़ लगती है। वहीं शहर में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के यहां भी लाइन लग रही है। यह स्थितियां रीवा के लिए भयावह है। जिस तरह से हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उस हिसाब से रीवा में इलाज की सुविधाएं नहीं हैं। पर्याप्त बेड और डॉक्टर तक नहंी बचे हैं। अभी भी इन्हें बायपास सर्जरी के लिए बाहर ही जाना पड़ रहा है। सिर्फ कार्डियोलॉजिस्ट के भरोसे ही अस्पताल चल रहा है।
एक साल में एम्बुलेंस की मदद से 3 हजार से ज्यादा पहुंचे अस्पताल
वर्ष 2023 में 108 एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 3 हजार से ज्यादा है। सबसे अधिक मरीज ठंड के मौसम में अस्पताल पहुंचे हैं। रीवा में 108 एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर सागर है। यहां सालभर में करीब 5452 मरीज हार्ट अटैक, चेस्ट पेन सहित अन्य दिल की समस्या से जुड़ी परेशानी को लेकर अस्पताल में भर्ती हुए हैं।
इस उम्र के ज्यादा आ रहे मरीज
अब हार्ट अटैक की चपेट में आने वाले मरीजों के लिए उम्र का बंधन ही नहीं रह गया है। अब 20 से 30 साल तक के युवाओं को भी हार्ट अटैक आ रहा है। दिल की शिकायत लेकर युवा भी पहुंच रहे हैं। इसके अलावा 50 प्लस वाले मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसमें अधिकांश मरीज पहले से पीडि़त हैं। कई ऐसे हैं जो बाहर हार्ट का आपरेशन कराकर लौटे हैं। वह भी यहां इलाज कराने पहुंच रहे हैं।
इसलिए बढ़ रहे हैं मरीज
हार्ट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह खानपान माना जा रहा है। खानपान और मानसिक तनाव हार्ट अटैक की वजह बन रहा है। इसके अलावा ठंड के मौसम में खून गाड़ा हो जाता है। नसे सिकुड़ जाती है। बीपी के मरीजों को भी इस मौसम में अटैक आ रहे हैं। शराब और नशा करने वाले लोग सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। अनियमित खान पान भी वजह बन रही है। जंकफूड और ऑयली खाना खाने वालों को भी समस्याएं हो रही हैं।
ठंड के मौसम में यह जरूर करें
जिन मरीजों को पहले से ही हार्ट की शिकायत है। वह दवाइयों का नियमित सेवन करें। ठंड में बिना कपड़ों के बाहर न निकले। गर्म कपड़े पहने। जंक फूड का उपयोग करने से बचें। बीपी की शिकायत वाले मरीज नियमित गोली का सेवन करें। बीच में दवा छोडऩा इनके लिए घातक हो सकता है। इसके अलावा जिनके माता पिता को हार्ट की शिकायत रही हो, वह भी अलर्ट रहें। उन्हें भी हार्ट संबंधी बीमारियां घेर सकती हैं। नियमित जांच कराएं और दवाइयों का सेवन करें।
2023 में 108 एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचे मरीज
मंथ मरीज संख्या
जनवरी 304
फरवरी 216
मार्च 291
अप्रैल 224
मई 201
जून 199
जुलाई 195
अगस्त 172
सितंबर 245
अक्टूबर 234
नवंबर 234
दिसंबर 260
योग 3479