यदि आपके खेत या निजी भूमि पर हैं पेड़ और काटना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है खास
किसान अब खेत में लगे पेड़ पौधों को काटने के लिए तहसीलों के चक्कर नहीं लगाएंगे। ग्राम पंचायतों से ही अनुमति मिल जाएगी। पंचायत में आवेदन कर पटवारी प्रतिवेदन के बाद अनुमति मिल जाएगी। गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है।
अब पंचायतों से मिल जाएगी पेड़ काटने की अनुमति
एसडीएम या राजस्व कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे
रीवा। किसानों को मप्र शासन ने बड़ी राहत दी है। खेत में लगे पेड़ों को काटने के लिए पहले लंबी प्रक्रिया से इन्हें गुजरना पड़ता था लेकिन अब इस प्रक्रिया को काफी आसान कर दिया गया है। किसानों को पहले खेत, मेढ़ या फिर निजी भूमि पर लगे पेड़ों को काटने के लिए एसडीएम के पास अनुमति के लिए चक्कर लगाना पड़ता था। इसके कारण लोग चाह कर भी पेड़ पौधों को खेतों से नहीं हटा पाते थे। इसके कारण किसानों की फसलें तक प्रभावित होती थी। अब इस लंबी प्रक्रिया से किसानों को राहत मिल गई है। मप्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
इस तरह से अब पंचायतों से मिलेगी अनुमति
मप्र गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। इसमें पेड़ की अनुमति चाहने वाले को एक आवेदन ग्राम पंचायत के नाम पर करना होगा। इसमें आवेदक का नाम, पता, समग्र, मोबाइल नंब आदि दर्ज करना होगा। भूमि स्वामी से जुड़ी सारी जानकारी देनी होगी। काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या भी बतानी होगी। आवेदन के बाद पटवारी मौका निरीक्षण करेंगे। प्रतिवेदन ग्राम पंचायत को दी जाएगी। पटवारी के प्रतिवेदन के आधार पर ही पंचायत पेड़ काटने की अनुमति प्रदान करेगा। इसके अलावा टीपी के लिए किसानों को आनलाइन ही आवेदन वन विभाग के पास करना पड़ेगा।
किसानों को मिली बड़ी राहत
किसान अब तक निजी भूमि पर पौधरोपण करने से कतरा रहे थे। पौधे लगाने के बाद इन्हें काटने और परिवहन के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। यही वजह है कि किसान खेतों में पेड़ पौधे लगाने से दूरी बना रहे थे। सरकार के इस बदले गए नियम के बाद अब किसान निजी खेतों में पौधरोपण को लेकर सामने आएंगे। पहले पेड़ों को काटने की अनुमति कलेक्टर के पास थी। बाद में एसडीएम और अब पंचायतों को दे दी गई है।